भाभी ने रांड बनकर गांड चुदवाई

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by 007, Feb 17, 2018.

  1. 007

    007 Administrator Staff Member

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    प्रेषक : हर्ष .

    हैल्लो दोस्तों, यह कहानी मेरी और मेरे चचेरे भाई की पत्नी मेरी हॉट सेक्सी भाभी की है, मेरी भाभी का नाम सोनिया है। दोस्तों वो दिखने में थोड़ी हिरोइन जैसी लगती है और जब मैंने पहली बार मेरी भाभी को देखा तब में उनको देखता ही रह गया और तभी उसी दिन से मैंने मन ही मन में सोच लिया था कि मुझे इनकी एक बार चुदाई जरुर करनी है। दोस्तों वैसे में बहुत ही शर्मीले स्वभाव का हूँ इसलिए में किसी भी नये इंसान से बहुत जल्दी खुलकर बात नहीं कर सकता, लेकिन फिर समय निकलने के साथ ही मेरी और उनकी अच्छी दोस्ती हो गई। फिर मैंने कई बार मौका देखकर उनकी ब्रा पेंटी को सूंघकर मज़े लिए और उनके बारे में सोचकर मुठ भी मारी और अब मुझे मन ही मन लगता था कि उनका भी मेरी तरफ आकर्षण बढ़ने लगा है। एक दिन भगवान ने मेरे मन की बात को सुन लिया और मुझे वो मौका मिल ही गया जिसका मुझे बहुत समय से इंतजार था। दोस्तों यह घटना तब की है जब में 19 साल का था और मुझे अभी भी अच्छी तरह से याद है कि उस दिन घर पर सिर्फ़ में और मेरी भाभी थी। फिर उस दिन मेरे बड़े भैया अचानक से आए बड़े ही तेज तूफान की वजह से उनके ऑफिस में ही फंस गये थे और उसी दिन मेरी चाची भी अपने किसी रिश्तेदार के घर गई थी और वो भी वहीं पर फंस गई थी।

    अब सिर्फ़ में और मेरी भाभी घर पर अकेले ही रह गये थे और दोपहर को आई बड़ी तेज तूफानी बारिश की वजह से घर की बिजली भी चली गई। फिर हम दोनों साथ में बैठे बातें करने लगे थे। बाहर का मौसम बहुत खराब था और बातें करते हुए ही हमे शाम हो गई। अँधेरा होने की वजह से भाभी मोमबत्ती लेकर आई और फिर हम दोनों हंसकर खुलकर बातें करने लगे थे। फिर अचानक से बातों ही बातों में मेरे मुहं से निकल गया कि भाभी आज आप बहुत सेक्सी लग रही हो। फिर मेरे मुहं से यह बात सुनकर भाभी के मुहं पर तो जैसे बारह बज गए और में भी सहम गया और सोचने लगा कि मेरे मुहं से यह ऐसी बात कैसे निकल गई। अब मैंने भाभी से कहा कि भाभी आप मुझे माफ़ करना मुझसे गलती से यह शब्द निकल गए प्लीज मुझे ऐसा आपसे नहीं कहना चाहिए था। फिर भाभी ने मुझसे कहा कि तुम यह क्या कह रहे हो? और फिर उन्होंने मुझे थोड़ा डांटा और फिर बड़े प्यार से समझाया और कहा कि देखो तुम मेरे देवर हो और तुम अभी छोटे हो, तुम्हे ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। दोस्तों जब वो मुझे समझा रही थी तब मैंने उनकी आँखों में एक अजीब सी तड़प देखी, जो किसी असंतुष्ट औरत की आँखों में होती है और फिर वो उठकर खाना बनाने चली गई।

    फिर कुछ देर बाद हम दोनों ने साथ में बैठकर खाना खाया और खाना खाते समय मुझे अपनी भाभी का व्यहवार बड़ा अजीब लगा, उनका ध्यान खाना खाने में बिल्कुल भी नहीं था, पता नहीं क्या वो कुछ बात सोच रही थी? अब मैंने उनको पूछा कि भाभी आप ठीक तो हो? भाभी ने कहा कि हाँ में ठीक हूँ और फिर हम वापस खाना खाने लगे। फिर खाना खाने के कुछ देर बाद भाभी मोमबत्ती अपने साथ लेकर टॉयलेट में गई और उन्होंने मुझसे कहा कि में टॉयलेट में जा रही हूँ, लेकिन में दरवाज़े की कुण्डी अंदर से बंद नहीं करूंगी, क्योंकि मुझे डर लगता है। अब मैंने उनको कहा कि हाँ ठीक है और फिर में हॉल में बैठ गया। में बैठा हुआ था कि तभी अचानक से मुझे एक चीख की आवाज सुनाई दी और वो मेरी भाभी को चीख थी। अब में तुरंत दौड़कर टॉयलेट के पास चला गया और मैंने पूछा कि क्या हुआ भाभी? भाभी ने कहा कि टॉयलेट में एक बड़ा कॉकरोच है। अब मुझे वो बात सुनकर मन ही मन बड़ी हंसी आने लगी और तभी भाभी ने मुझसे कहा कि हर्ष तुम अंदर आ जाओ। फिर मैंने दरवाजा खोला और अंदर जो द्रश्य मैंने देखा उसको देखकर मेरा 6.5 इंच का लंड तुरंत तनकर खड़ा हो गया। दोस्तों मैंने देखा कि भाभी नीचे से पूरी नंगी बैठी थी और में तो उनको चकित होकर देखता ही रह गया।

    फिर भाभी दोबारा से चिल्लाई कॉकरोच और मैंने तुरंत ही उस कॉकरोच को एक कपड़े में लेकर बाहर फेंक दिया, भाभी कुछ भी नहीं बोली और सिर्फ़ अपना सर नीचे कर लिया। दोस्तों मेरा तो मन कर रहा था कि में वहां से बाहर ही ना निकलूं, लेकिन फिर मैंने अपने मन को शांत किया और में बाहर निकल गया और जब में टॉयलेट से बाहर निकल रहा था, उस समय मैंने देखा कि भाभी की आँखों में देखकर मुझे लगा कि जैसे भाभी मुझसे कह रही हो तुम यहीं रुक जाओ और उनकी आँखों में शरारत भी थी, शायद उन्होंने मेरी पेंट से खड़े लंड को देख लिया होगा। फिर मैंने टॉयलेट का दरवाज़ा वापस बंद कर लिया और बाहर चला गया, थोड़ी देर बाद के भाभी भी बाहर निकल गई, लेकिन ना तो उन्होंने मुझसे कुछ कहा और ना ही में उनको कुछ बोल सका। फिर वो रसोई में अपना काम खत्म करने के लिए चली गयी और आधे घंटे के बाद वो रसोई से बाहर आई और मेरे पास आकर बैठ गई। अब मैंने देखा कि पसीने की वजह से उनके पूरे कपड़े गीले हो गए थे, जिसकी वजह से में उनकी ब्रा की डोरी को साफ साफ देख सकता था। दोस्तों यह सब देखकर मेरा तो बड़ा बुरा हाल हो रहा था और अब मेरा लंड पेंट के बाहर आने के लिए तड़प रहा था।

    तभी भाभी की नज़र मेरी पेंट पर चली गई और वो खड़े लंड को देखकर मुस्कुराने लगी। फिर भाभी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम मुठ मारते हो? दोस्तों उनके मुहं से अचानक में यह सवाल सुनकर चकित हो गया और हड़बड़ाकर मैंने कह दिया कि हाँ, में, लेकिन मतलब नहीं समझा और में अब बहुत नर्वस हो गया था। अब भाभी मेरा चेहरा देखकर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी थी और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि में तुमसे कुछ सवाल पूछना चाहती हूँ, लेकिन मेरी एक शर्त है कि तुम्हे सब सवालों का सही जवाब देना होगा। अब मैंने उनको कहा कि हाँ ठीक है आप पूछिए। तब मुझे लगा कि भाभी गरम हो रही है इसलिए मैंने थोड़ी सी हिम्मत जुटाई और भाभी के सवालों का जवाब देने लगा।

    भाभी : तुम्हारी क्या कोई गर्लफ्रेंड है?

    में : नहीं।

    भाभी : क्या तुम मुठ मारते हो?

    में : हाँ।

    भाभी : तुम किसको याद करते करते मुठ मारते हो?

    में : जी यह कैसा सवाल है ( दोस्तों में डर गया था क्योंकि में अपनी भाभी की याद में मुठ मारता था)

    भाभी : (थोड़ी कड़क आवाज़ में) सच सच बताओ।

    में : आपके बारे में सोचकर।

    भाभी : क्यों तुमने मेरे कई बार मेरी ब्रा पेंटी को सूंघकर मुठ मारी है ना?

    में : हाँ लेकिन आपको यह सब कैसे पता चला?

    भाभी : वो सब तुम छोड़ो यह बताओ कि यह बात सच है या नहीं?

    में : हाँ यह बात सच है।

    अब भाभी ज़ोर से हंस पड़ी, लेकिन में तो बहुत टेंशन चिंता में था और सोचने लगा कि इसके आगे क्या होगा? अब भाभी ने पूछा क्या तुमने कभी किसी के साथ सेक्स किया है? मैंने कहा कि नहीं और फिर भाभी ने बड़े ही प्यार से मेरे सर पर हाथ फेरते हुए मुझसे कहा कि में आज बहुत खुश हूँ, मुझे पहले से पता था कि तुम मुझे हमेशा घूरते रहते थे और मेरी ब्रा पेंटी को लेकर उनको सूंघकर मुठ मारते हो। अब में चुप ही रहा और भाभी ने मुझसे कहा कि में भी मन ही मन तुम्हे पसंद करती हूँ और में अच्छे से जानती थी कि तुम मुझे चोदना चाहते हो, लेकिन में चाहती थी कि तुम पहल करो। तुम्हारे पास बहुत सारे मौके भी आए, लेकिन तुमने मेरे साथ कुछ भी नहीं किया, तुम तो बड़े लल्लू निकले। दोस्तों उनके मुहं से यह सब सुनकर मुझे शांति मिली और फिर मैंने उनको कहा कि में डरता था कि कहीं आप यह सब बातें किसी को बता ना दो, इसलिए में हमेशा चुप ही रहा। अब भाभी कुछ नहीं बोली और वो बस मेरी तरफ ही देखती रही और फिर में आगे बढ़ा और मैंने भाभी के रसभरे होंठो को अपने होंठो से सटा दिया। फिर भाभी ने भी कुछ देर बाद मेरा साथ देना शुरू कर दिया और अब हम दोनों एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे थे।

    अब मैंने चूमते हुए ही अपना एक हाथ भाभी का बूब्स पर रख दिया और में कपड़ो के ऊपर से उनके बूब्स को दबाने लगा था। फिर कुछ देर बाद में अपने दूसरे हाथ से भाभी की सलवार के ऊपर से ही उनकी चूत को सहलाने लगा था, मुझे यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था। अब भाभी ने भी अपना एक हाथ मेरे गरम लंड पर रख दिया और फिर पांच मिनट चूमने के बाद हमारा चूमना बंद हुआ। फिर भाभी ने मुझसे कहा कि हर्ष तुम्हारा तो बड़ा है, मुझे यह एक बार बिना कपड़ो के देखना है। अब मैंने उनको कहा कि भाभी अब यह आपका ही है और आपको इसके साथ जो भी करना है आप कर सकती है। फिर भाभी ने तुरंत मेरी पेंट का बटन और चेन को खोल दिया और पेंट को तुरंत नीचे सरका दिया, जिसकी वजह से अब में सिर्फ़ उनके सामने टी-शर्ट और अंडरवियर में था। फिर भाभी ने बिना देर किए तुरंत ही मेरे अंडरवियर को भी उतार दिया और फिर वो देखकर चकित रह गई। अब घूरते हुए मुझसे उन्होंने कहा कि हर्ष यह तो बहुत ही बड़ा है आज मुझे बहुत मज़ा आएगा और फिर भाभी मेरे लंड से खेलने लगी और वो चमड़ी को अपने एक हाथ से ऊपर नीचे करने लगी थी, जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। अब में आअहह्ह्ह भाभी ऊफ्फ्फ करने लगा था और तभी भाभी ने मुझसे कहा कि तुम मुझे भाभी नहीं बस सोनिया ही बुलाओ।

    फिर भाभी ने मुझसे कहा कि अब चलो हम कमरे में चलते है, मैंने कहा कि हाँ ठीक है और फिर हम दोनों उनके कमरे में चले गए। अब मैंने भाभी से पूछा कि सोनिया तुम्हे सेक्स करना बहुत पसंद है, लेकिन में जमकर सेक्स करने की इच्छा रखता हूँ। फिर भाभी ने कहा कि कभी मैंने जमकर सेक्स नहीं किया, लेकिन में वैसा ही करना चाहती हूँ, क्योंकि तुम्हारे भाई तो बस कुछ देर बाद ही मुझे प्यासा छोड़कर सो जाते है, जिसकी वजह से मुझे ज्यादा मज़ा नहीं आता। अब मैंने भाभी से कहा कि सोनिया में तो आधा नंगा हो गया हूँ और अब तुम भी नंगी हो जाओ ना प्लीज और फिर में थोड़ा सा शरमा गया। अब मैंने अपनी टी-शर्ट को भी उतार दिया और में पूरा नंगा हो गया। फिर भाभी ने मुझसे कहा कि तुम इस तरह क्यों शरमा रहे हो? चलो एक काम करो तुम ही मुझे भी नंगा करो और में उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम चकित हो गया। अब मैंने धीरे धीरे अपने हाथ को भाभी की कमीज की तरफ आगे बढ़ाया और भाभी की कमीज़ को पकड़कर ऊपर की तरफ उठाया और भाभी ने भी तुरंत ही अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाकर मेरी मदद करना शुरू किया। फिर कमीज को उतार देने के बाद मैंने उनकी सलवार का नाड़ा भी खींच दिया और जैसे ही मैंने नाड़ा खींचा सलवार तुरंत ही नीचे गिर गई।

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    अब भाभी मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और वो क्या मस्त लग रही थी। फिर उसी समय उन्होंने मुझसे कहा कि तुम बहुत देर लगाते हो और यह कहकर उन्होंने जल्दी से पहले अपनी ब्रा और फिर उसके बाद पेंटी को भी उतार दिया और वो मेरे सामने पूरी नंगी हो गई। अब में तो अपनी भाभी की सुंदरता को पहली बार बिना कपड़ो के चकित होकर देखता ही रह गया और वैसे भी मैंने पहली बार किसी औरत को पूरा नंगा देखा था। फिर भाभी की नज़र मेरे लंड पर गई जो एकदम कड़क हो चुका था और फिर उन्होंने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि लाओ में आज अपने देवर का लंड अपनी चूत में जाने के लिए तैयार कर देती हूँ और तुम मेरी चूत को तुम्हारे लंड के लिए तैयार कर लो। दोस्तों मैंने सेक्सी फिल्म देखी थी, इसलिए मुझे पता था कि मुझे अब इसके आगे क्या करना है? फिर हम दोनों तुरंत ही बेड पर चड़ गये और 69 की पोज़िशन में आ गये। अब भाभी मेरा लंड चाट रही थी और में उनकी चूत को चाट रहा था और हम दोनों अपने मुहं से जोश मज़े की वजह से अजीब आवाज़ें निकाल रहे थे आमाहह्ह्ह ऊह्ह्ह्ह। फिर मैंने अपनी एक उंगली को भाभी की चूत में डाल दिया और उन्होंने आह भरी आअहह और में अपनी उंगली को चूत के अंदर बाहर करने लगा। उनको बहुत मज़ा आ रहा था। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

    फिर मैंने उनकी गांड में अपनी बड़ी ऊँगली को डाल दिया वो दर्द की वजह से चिल्ला उठी आअहह आईईहह यह क्या कर रहे हो मुझे बहुत दर्द हो रहा है ऊफ्फ्फ प्लीज इसको बाहर निकालो, लेकिन में नहीं माना और अपनी ऊँगली को अंदर बाहर करने लगा, जिसकी वजह से थोड़ी देर बाद उनको भी मज़ा आने लगा था और वो भी अब मेरा साथ देने लगी थी। दोस्तों यह सब 15-20 मिनट चलता रहा और उतने में भाभी दो बार झड़ चुकी थी, बाद में भाभी ने मुझसे कहा कि हर्ष जल्दी करो, मुझसे अब नहीं रहा जा रहा है। फिर मैंने भाभी को पलंग पर लेटा दिया और कहा कि सोनिया रंडी चुदने को अब तैयार है। अब भाभी ने कहा कि हाँ मेरे राजा तू अब जल्दी से डाल दे अंदर और इस रंडी पर थोड़ा भी रहम मत करना, भले ही में कितना भी चिल्लाऊ तू मेरी जमकर चुदाई करे बिना मुझे प्यासा मत छोड़ना। फिर मैंने अपना लंड भाभी की चूत पर रखा और एक जोरदार झटका मारा और दर्द की वजह से भाभी के मुहं से एक ज़ोर की चीखने की आवाज निकल गई ऊउईईईईईईई माँ में मर गई आईईईईईईईई बहनचोद धीरे कर। दोस्तों अब मुझे महसूस हुआ कि उनकी चूत बहुत कसी हुई थी, मेरा आधा लंड अंदर चल गया और फिर कुछ देर में वैसे ही पड़ा रहा और भाभी के बूब्स और होंठो को चूमता रहा।

    फिर थोड़ी देर के बाद भाभी का दर्द कम हुआ और तब मैंने एक और झटका मार दिया। अब भाभी ने एक बड़ी ही तेज चीख अपने मुझे से निकाली आईईईई मर गई और कुछ देर बाद मैंने धीरे धीरे धक्के देकर उनकी चुदाई करना शुरू किया। फिर भाभी को भी मज़ा आने लगा था वो आआह्ह्ह्हह आईईईईईई और ज़ोर से चोदो मुझे बहुत मज़ा आ रहा है। अब मुझे भी उनकी गरम चूत में अपने लंड को अंदर बाहर करने में बहुत मज़ा आ रहा था और मैंने अपनी रफ्तार को बढ़ा दिया और अब में बड़ी तेज रफ्तार में उनको चोदने लगा था। फिर अचानक मैंने अपना लंड बाहर निकाला और भाभी को कहा कि अब में लेट जाता हूँ और आप मेरे ऊपर आ जाओ। अब भाभी ने तुरंत ही वैसा ही किया में नीचे लेट गया और भाभी मेरे ऊपर चड़ गई। इस बार मेरा लंड उनकी गीली चूत में बड़ी आसानी से फिसलता हुआ पूरा अंदर चला गया। दोस्तों कुछ देर पहले धीरे धीरे और फिर भाभी ने अपनी रफ्तार को बढ़ा लिया और में अपने एक हाथ से भाभी के बूब्स को पकड़कर मसल रहा था और दूसरे हाथ से भाभी के कूल्हों पर थप्पड़ मार रहा था, जिसकी वजह से भाभी को बहुत मज़ा आ रहा था। फिर करीब बीस मिनट हो गये थे हमें यह सब करते हुए और इतनी देर में भाभी तीन बार झड़ चुकी थी और अचानक से मुझे लगा कि अब मेरा वीर्य निकलने वाला है।

    अब मैंने भाभी से कहा कि सोनिया मेरी जान मुझे लगता है कि मेरा वीर्य अब निकलने वाला है में क्या करूँ इसको क्या अंदर ही डाल दूं या बाहर निकालूं। फिर भाभी ने कहा कि नहीं तुम अंदर मत निकालना, बाहर निकालो और इतना कहकर भाभी मेरे ऊपर से नीचे उतर गई और अपने एक हाथ से वो मेरे लंड को हिलाने लगी थी और थोड़ी देर हिलाने के बाद ही में झड़ गया। अब भाभी ने मेरा पूरा लंड चाट चाटकर साफ कर दिया और वो मेरा सारा वीर्य पी गई और अब मेरा लंड ढीला होने लगा था और हम दोनों बहुत थक भी चुके थे, हम दोनों एक दूसरे के ऊपर ही लेट गये। दोस्तों रात को करीब तीन बजे बिजली आई, तब मेरी आँख खुली मैंने बल्ब को चालू किया और अपनी सोनिया को मैंने पहली बार उजाले में पूरा नंगा देखा। फिर कुछ देर के बाद में उठकर बाथरूम में चला गया, जब में वापस आया तब तक भाभी जाग चुकी थी और उसको भी बाथरूम जाना था। अब मैंने पूछा कि क्या करने जाना है? भाभी ने कहा कि पेशाब। फिर मैंने पूछा क्या में भी आपके साथ चलूं? में देखना चाहता हूँ कि आप कैसे करती है? भाभी ने कहा कि हट बदमाश, लेकिन उनकी आंखे कुछ और ही कह रही थी। अब भाभी टॉयलेट के अंदर गई, लेकिन दरवाज़ा बंद नहीं किया फिर में तुरंत समझ गया कि वो क्या चाहती है?

    फिर में भी उनके पीछे पीछे चला गया और मैंने देखा कि भाभी वहां पर बैठी हुई थी और मुझे देखकर वो मुस्कुराने लगी और फिर पेशाब करने लगी और उसके बाद उन्होंने अपनी चूत और गांड को पानी से साफ किया। दोस्तों मुझे यह सब देखकर बहुत अच्छा लग रहा था और यह सब देखकर मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो चुका था और फिर हम दोनों कुछ देर बाद बाहर आ गये। फिर हम जैसे ही कमरे में वापस आए मैंने भाभी से कहा कि जानू देखो मेरा लंड वापस तन गया है, तुम इसको कुछ देर चाट दो ना। अब भाभी ने मुझसे कहा कि एक शर्त पर इसके बाद तुम भी मेरी चूत को अच्छी तरह से चाटोगे। फिर मैंने उनको कहा कि हाँ ठीक है और फिर भाभी तुरंत नीचे बैठकर मेरे लंड पर भूखी बिल्ली की तरह टूट पड़ी और वो ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी, जैसे कोई लोलीपोप खा रही हो। दोस्तों में तो उस समय मज़े मस्ती के सातवे असमान पर पहुंच गया था, लेकिन कुछ देर के बाद अब मैंने उनको कहा कि मेरा वीर्य अब निकलने वाला है। अब वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर और भी ज़ोर ज़ोर से मेरा लंड चूसने लगी और में आहह्ह्ह्ह म्म्ममम करता रहा और आख़िरकार अपना पूरा वीर्य मैंने भाभी के मुहं में निकाल दिया।

    अब मेरा लंड ढीला पड़ने लगा और उसी समय भाभी ने मुझसे कहा कि चलो मैंने तुम्हारा काम कर दिया है और अब तुम मेरा काम करो, तब तक तुम्हारा लंड भी दोबारा खड़ा हो जाएगा और वो मुझसे इतना कहकर पलंग के ऊपर अपने दोनों पैरों को पूरा खोलकर किसी चुदक्कड़ चुदाई की प्यासी रंडी की तरह लेट गई। फिर में भी पलंग पर चड़ गया और मैंने अपना मुहं भाभी की चूत पर लगा दिया और में उनकी चूत को चाटने लगा था, जिसकी वजह से जोश में आकर भाभी गरम होने लगी। उनके मुहं से सिसकियों की आवाज आने लगी थी आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ वाह मज़ा आ गया। फिर करीब दस मिनट चूत को चूसने के बाद भाभी झड़ गई और मैंने भी उनका सारा चूत रस पी लिया और अब तक मेरा लंड एक बार फिर से तन चुका था। अब भाभी ने मुझसे कहा कि चलो अब दूसरा काम भी शुरू करते है। अब मैंने उनको कहा कि दूसरा काम चालू करेंगे, लेकिन। फिर भाभी ने पूछा कि लेकिन क्या? मैंने कहा कि लेकिन इस बार में आपकी गांड मारना चाहता हूँ। अब भाभी ने मेरे मुहं से वो बात सुनकर मुस्कुराते हुए कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन मुझे उसकी वजह से बहुत दर्द होगा ना? अब मैंने उनको कहा कि हाँ दर्द तो होगा, लेकिन उसके बाद में आपको मज़ा भी ज्यादा आएगा और फिर भाभी ने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन धीरे धीरे डालना, क्योंकि में गांड पहली बार मरवा रही हूँ।

    अब मैंने खुश होकर कहा कि हाँ ठीक है, अब आप कुतिया बन जाओ और भाभी मेरे कहते ही तुरंत कुतिया की तरह हो गई, उसके बाद मैंने पास की टेबल से क्रीम को अपने हाथ में लिया और भाभी की गांड के छेद और अपने लंड पर लगाकर दोनों को चिकना कर दिया। फिर मैंने भाभी से पूछा क्यों अब आप तैयार हो ना? भाभी ने हाँ में अपना सर हिला दिया और वो अपनी दोनों आँखों को बंद करके मेरे लंड का इंतजार करने लगी। फिर मैंने अपना लंड भाभी की गांड के छेद पर जैसे ही रखा भाभी पूरी तरह से हिल गई और मैंने धीरे धीरे दबाव बढ़ाना शुरू किया, लेकिन भाभी को बड़ा तेज दर्द हो रहा था और अब तक मेरे लंड का टोपा उनकी गांड के अंदर जा चुका था। फिर कुछ देर के बाद मैंने एक जोरदार का झटका मार दिया। अब मेरा पूरा लंड अंदर चला गया और भाभी तो दर्द की वजह से मचलते हुए चीख पड़ी आह्ह्ह्हह माँ मर गई ऊऊईईईईईई इसको बाहर निकाल, प्लीज वरना में मर ही जाउंगी और भाभी की आँखों में आंसू भी आ गये, लेकिन मैंने भाभी की बात नहीं सुनी और उसी तरह में थोड़ी देर रुका रहा। अब में भाभी के बूब्स को दबाता रहा। फिर धीरे धीरे भाभी का दर्द कम हुआ तो तब मैंने अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और वापस अंदर धक्का मार दिया।

    फिर से भाभी ने एक तेज आह भरी और उसके बाद मैंने धीरे धीरे धक्के देने चालू किए और अब मैंने देखा कि भाभी को भी दर्द की जगह मज़ा आने लगा था और वो भी अपनी गांड को पीछे करके मेरा साथ देने लगी थी। अब मैंने अपनी रफ्तार को पहले से ज्यादा तेज कर दिया और में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर अपनी भाभी की गांड मारने लगा था और भाभी आआहह ऊफ्फ्फ वाह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और ज़ोर से चोदो तुम मुझे, आज से में बस तुम्हारी ही हूँ ऊह्ह्ह तुम आज से जहाँ कहोगे, जैसे कहोगे में तुमसे चुदने के लिए तैयार हूँ। दोस्तों यह बात सुनकर मुझे भी जोश आ गया और में अपनी पूरी रफ्तार से उन्हे धक्के देने लगा था और दस मिनट के बाद में भाभी की गांड में ही झड़ गया और जब मैंने अपना लंड भाभी की गांड के बाहर निकाला तो उसी समय भाभी ने तुरंत मेरा लंड अपने मुहं में लेकर उसको पूरा साफ कर दिया। फिर हम दोनों एक दूसरे की बाहों में ही लिपटकर सो गए और जब मेरी आँख खुली तब सुबह के दस बजे थे और भाभी मेरे पास नहीं थी। में उठा और नंगा ही उन्हे घर में ढूंढने लगा। फिर बाथरूम से आवाज़ आई कि में नहा रहीं हूँ, मैंने कहा कि आप दरवाज़ा खोलो मुझे भी तुम्हारे साथ नहाना है।

    अब भाभी ने दरवाज़ा खोला और फिर हम दोनों ने साथ में नहाना शुरू किया और मैंने नहाते हुए भी भाभी को एक बार चोदकर मज़े लिए। फिर नहाने के बाद बाहर आकर हम दोनों ने कपड़े नहीं पहने और रसोई में चले गए क्योंकि मुझे सुबह उठते ही चाय पीने की आदत है। अब भाभी हमारे लिए चाय बना रही थी और पीछे से में उनकी गांड मार रहा था। दोस्तों तब से लेकर अब जब भी हमे कोई भी अच्छा मौका मिलता है हम जमकर चुदाई करते है और बहुत खुश रहते है ।।

    धन्यवाद .

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