मेरा चंगा मासूम बेटा

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by 007, Jul 11, 2016.

  1. 007

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    //8coins.ru ये मेरा मेरे सौतेले बेटे के साथ घटी mother son sex story है। छुटपुट नटखटपन से शुरू हुआ किस्सा एक रिश्ते की परिभाषा ही बदल देता है। उसकी नयी नयी जवानी को देख मेरा मन भी ललचा गया था।


    मेरा नाम हरमीत कौर है, मैं 37 साल की पटियाला पंजाब से हूँ। मेरे परिवार में चार सदस्य हैं, मेरे पति मुकेश 44 वर्ष के हैं, मेरी उनसे शादी जब हुई तब वे विधुर थे और इस तरह में उनकी दूसरी बीवी हूँ। पहली बीवी से उनके दो बच्चे हैं जो अब मेरी संतान कहलाये पर उनसे मेरा खून का कोई रिश्ता नहीं है।
    मेरी बेटी प्रियंका और मेरा बेटा कपिल। मैं अपने बारे में आपको बताना चाहती हूँ।
    मेरे पति बैंक में क्लर्क हैं, प्रियंका बी.कॉम. प्रथम वर्ष में है और कपिल 12वीं क्लास में साइन्स से पढ़ाई कर रहा है। हम सभी बहुत प्रसन्नता से रहते हैं और एक दूसरे का बहुत ख़याल रखते हैं।
    मैं BA पास हूँ। हर माँ की तरह मैं भी चाहती हूँ कि मेरे बच्चे, चाहे वे मेरे पेट से नहीं जन्मे फ़िर भी, पढ़ लिख कर अच्छी नौकरी पायें !
    मुझे लगता है कि प्रियंका को तो अच्छी नौकरी मिल जाएगी और वो अपने ससुराल चली जाएगी लेकिन मुझे कपिल की चिंता होती है क्योंकि वो स्टडी में अपनी बहन की तरह ध्यान नहीं देता है, जबकि वो भी बहुत इंटेलिजेंट है, लेकिन कुछ समय से उसका स्टडी से बिल्कुल ध्यान हट गया है।
    मुझे लगता है कि किशोर-वय में अक्सर ध्यान यहाँ-वहाँ चला जाता है, इसीलिए मैं उसे बहुत समझाती हूँ कि पढ़ाई पर ध्यान दो।
    वो पढ़ाई भी करता है और पास हो जाता है। लेकिन वो ज़्यादातर अपना समय अपने स्कूल के दोस्तों के साथ बिताता है और मुझे चिंता रहती है क्योंकि वो मुझसे हमेशा आगे की स्टडी के लिए बंगलौर जाने की बात अभी से करता है।
    मैं परेशान हो जाती हूँ, और सोचती हूँ कि कैसे उसे अपने से दूर बंगलोर भेजूँ क्योंकि डर लगता है कि कहीं वो ग़लत रास्तों पर ना चल पड़े। मैं ट्विन्कल से बहुत प्यार करती हूँ।
    एक दिन मैंने सोचा कि क्यूँ ना इस समस्या पर अपनी सहेलियों से इस बारे मैं बात करके उनसे कुछ सलाह लूँ।
    तो फिर मैंने अपनी सहेली को फोन लगाया और अपनी परेशानी बताई।
    उसने कहा- इंटरनेट पर जाकर गूगल पर माँ-बेटे के सम्बन्ध को सर्च करने को कहा और बोली कि मुझे मेरे सारे सवालों का जवाब वहीं मिलेगा।
    शाम को मैंने ऐसा ही किया। खाना बनाने के बाद मैंने सर्च किया और मुझे मेरा जवाब मिल गया।
    फिर मैंने ट्विन्कल को नोटिस करना चालू कर दिया और मैं उसकी सारी गतिविधियों पर नज़र रखने लगी और मैं देखने लगी कि कपिल मेरे साथ कैसा व्यवहार करता है।
    मैंने पाया कि उसका व्यवहार सामान्य नहीं है। मैंने उसके कमरे की तलाशी ली लेकिन मुझे कुछ नहीं मिला। फिर मैंने उसका मोबाइल देखा तो मुझे उसमें भी कुछ नहीं मिला।
    फिर मैंने उसकी पेन ड्राइव अपने लॅपटॉप पर लगा कर देखी। उसकी पेन ड्राइव मैंने जब देखा तो जो मुझे लग रहा था वो मुझे मालूम हो गया। मैंने देखा कि उसकी पेन ड्राइव में नंगी लड़कियों के फोटो थे और मैं समझ गई कि अब ट्विन्कल बड़ा हो गया है।
    फिर मैंने वही किया जो मुझे करना चाहिए था। मैंने सोचा कि कहीं बाहर यह कोई गलती न कर दे, जिससे इसकी लाइफ खराब हो जाए तो क्यूँ ना मैं ही उसे इन सब बातों के बारे में बताऊँ।
    मैंने उससे एक दोस्त की तरह उन सब बातों को बारे में डिसकस किया, लेकिन वो सुनने के लिए तैयार ही नहीं था। शायद वो मुझसे शरमा रहा था। और जब ही मैं इस तरह की बात समझाती, तो वो मुझे अनदेखा कर देता।
    मैंने अपने पति से इस बारे में बात की तो वो बोले कि वो अपने आप समझ जाएगा।
    लेकिन मेरा मन तो यही सोच रहा था कि कहीं ट्विन्कल से कोई गलती ना हो जाए या वो अपने स्कूल के दोस्तों की तरह ना हो जाए।
    मैंने फ़ैसला किया कि मुझे ही कुछ करना पड़ेगा क्योंकि एक माँ ही अपने बेटे की अच्छी दोस्त होती है।
    मैंने सोचा कि क्यूँ ना ट्विन्कल को थ्योरी की जगह प्रॅक्टिकल नॉलेज दी जाए और यही आख़िरी रास्ता है और मैं इसे गलत भी नहीं समझती हूँ।
    और मैंने वही किया जो मुझे करना चाहिए था। अब मैं ट्विन्कल को अपनी और आकर्षित करने का प्रयास करने लगी।
    ट्विन्कल बड़ा तो हो ही गया था तो मुझे ज़्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ी।
    मैं ट्विन्कल को शुरू से ही नहलाती थी। अभी तक नहलाती हूँ, भले ही अब वो 18 साल का हो गया है, फिर भी मैं ही उसे नहलाती हूँ।


    मेरा तरसता बदन


    आज से मेरा इरादा कुछ और होगा मैं हमेशा ट्विन्कल को पहले नहलाती थी और फिर मैं नहाती थी। आज मैंने पहले नहाने का इरादा किया और मैं बाथरूम मैं नहाने चली गई और सोचा क्यूँ ना बेटे कपिल को भी बुला लूँ। नहाने के लिए मैंने कपिल को आवाज़ लगाई।
    सर्दी के दिन थे, मैंने बोला- कपिल, ज़रा गरम पानी दे देना ! कपिल गरम पानी लेकर बाथरूम मैं आ गया उसने मुझे जैसे ही देखा वो देखता ही रह गया।
    उसने पहली बार मुझे इस नज़र से देखा था। वो मेरे दूध देख रहा था, जो ब्लाउज में से थोड़े बाहर निकल रहे थे।
    मैंने अपनी साड़ी उतार रखी थी और मैं ब्लाउज और पेटीकोट में थी।
    मैंने कपिल से कहा- तू भी नहा ले।
    उसने कहा- नहीं, पहले आप नहा लो। मैं बाद में नहा लूँगा।
    मैंने कहा- तुझे स्कूल के देर हो जायेगी। मुझे नहाने में टाइम लगेगा। आजा, पहले तुझे नहला देती हूँ।
    वो मान गया। मैं जैसे ही गरम पानी मिलाने के लिए नीचे झुकी, तो मेरे दूध ब्लाउज में से और ज़्यादा बाहर आ गये थे और कपिल मेरे दुद्दुओं को ही देखे जा रहा था।
    उसकी नज़र हट ही नहीं रही थी और फिर मैं भी तो यही चाहती थी। फिर मैंने कपिल को अपने कपड़े उतारने के लिए कहा, उसने कपड़े उतार लिए।
    वो सिर्फ़ अंडरविअर पहने हुए था। मैंने उसके ऊपर पानी डाला और उसे नहलाने लगी। वो भी आज बड़े मज़े से नहा रहा था।
    नहाते हुए पानी भी उछाल रहा था जिससे मैं, और मेरे कपड़े भी गीले हो गए। मैंने कले रंग का ब्लाउज पहना हुआ था और सफ़ेद ब्रा जो कि भीगे हुए ब्लाउज में से साफ़ दिख रही थी।
    भीगे हुए ब्लाउज में से मेरे दूध भी नज़र आ रहे थे। जिसे कपिल नज़र चुरा कर देख रहा था।
    कपिल अब नहा चुका था। मैंने उसे स्कूल जाने के लिए जल्दी से तैयार होने के लिए कहा, और वो बाथरूम से जाने को हुआ।
    तभी मैंने उसे रोक लिया और कहा- कपिल ज़रा रुक जा मेरे पीठ घिस देना, बहुत मैल जम गया है।
    वो रुक गया। वो अभी भी भीगा हुआ था और सर्दी से काँप रहा था। उसने तौलिया से अपना बदन पौंछ लिया और मेरे पीछे खड़ा हो गया। मैंने भी सोचा कि कपिल को और सताया जाए।
    मैंने नहाने के लिए अपने ऊपर पानी डाला और साबुन लगाने लगी। मैंने अपना ब्लाउज भी उतार लिया और अपनी ब्रा भी, और फिर मैंने कपिल को पीठ पर साबुन लगाने के लिए कहा।
    वो मेरी पीठ पर साबुन लगाने लगा। वो मेरे पीछे खड़ा था। इसीलिए वो मेरे दूध नहीं देख पा रहा था।
    तो वो बाथरूम में लगे दर्पण में से मेरे दूध देख रहा था और अब उसकी लुल्ली खड़ी हो गई। जो साबुन लगाते समय मैं कभी-कभी अपने पीछे महसूस कर रही थी।
    कपिल को भी शायद अब मज़ा आने लगा था क्योंकि साबुन लगाते समय वो मेरे दुद्दुओं को बगल से छूने की कोशिश कर रहा था, मैं भी कुछ नहीं बोल रही थी।
    मेरे दूध काफ़ी बड़े हैं और ऊपर से मेरा बदन भी गोरा है। मुझे देख कर हर कोई आहें भरता है।
    मैंने भी उसका साथ दिया और मैंने महसूस किया कि मेरे कुछ ना कहने पर उसे और भी मज़ा आने लगा। उसने इस बार अपनी लुल्ली मेरे पीछे से स्पर्श की और मुझे महसूस कराया।
    मैंने कहा- क्या कर रहा है?
    वो डर गया कि कहीं मम्मी मुझे डांटें ना।
    लेकिन मैंने कहा- तेरा ध्यान किधर है? ठीक से साबुन क्यूँ नहीं लगाता?
    वो बोला- हाँ, लगा तो रहा हूँ।
    मैंने बोला- पीठ पर ही लगता रहेगा या थोड़ा छाती पर आगे भी लगाएगा !
    उसने अपने हाथ आगे की तरफ बढ़ाये और अब वो मेरे वक्ष के उभारों पर साबुन लगाने लगा। तभी मुझे उसकी लुल्ली पीछे से थोड़ी और महसूस हुई, लेकिन इस बार उसने अपनी लुल्ली मेरे पीछे लगाए रखी।
    और अब कपिल ने साबुन लगाते हुए ही मेरे दूध धीरे-धीरे दबाने लगा। जिससे मुझे भी अजीब सा नशा छाने लगा। मैं भी मज़ा ले रही और कुछ नहीं बोल रही थी क्योंकि मुझे ऐसा कभी भी महसूस नहीं हुआ था।
    कपिल के अंडरवियर पहने होने के कारण उसकी लुल्ली ठीक से मुझे महसूस नहीं हो रही थी। तो कपिल ने हिम्मत करके अपनी अंडरवियर में से लुल्ली को बाहर निकाल कर मेरे पीछे की दरार में लगाया, जो मुझे काफ़ी हद तक महसूस हुआ।
    ट्विन्कल मेरे स्तनों पर साबुन लगाते हुए उनको मसलने लगा, लेकिन मैंने अभी भी कुछ नहीं कहा।
    अब वो शायद बहुत उत्तेजित हो गया था लेकिन मैंने सोचा कि बस बहुत हुआ, कपिल के लिए अभी के लिए इतना ही काफ़ी था।
    मैंने उससे कहा- बस साबुन लग गया है।
    तो वो बोला- मम्मी हाथ-पैरों पर भी साबुन लगा दूँ क्या? "नहीं, मैं लगा लूँगी, मेरा हाथ पीठ पर नहीं जाता ना, इसलिए तुझे बुलाया था। बस अब मैं नहा लूंगी। तुम जाओ, तुम्हें स्कूल के लिए देर हो रही है।"
    वो जाने लगा। मैंने देखा कि कपिल की लुल्ली काफ़ी बड़ी दिख रही थी जो अभी तक खड़ी हुई थी। मैंने सोचा कि क्यूँ ना अभी ही सारी प्रॅक्टिकल नॉलेज दे दूँ !
    फिर मुझे याद आया कि उसे स्कूल भी तो जाना है, बाकी ज्ञान शाम को सोते समय दे दूँगी। और वैसे भी सब्र का फल मीठा होता है।
    मैंने नहाने के बाद नाश्ता बनाया, कपिल ने नाश्ता किया और उसके लिए मैंने लंच बॉक्स उसके बैग में रख दिया।
    कपिल स्कूल चला गया और फिर मैं घर के सारे काम करने में व्यस्त हो गई और पता भी नहीं चला कि कब दोपहर के दो बज गये। फिर मैंने थोड़ा आराम किया।
    नींद खुली तो शाम के चार बज चुके थे, कपिल भी घर आ चुका था, मैंने उसके लिए चाय बनाई और वो थोड़ी देर बाद कोचिंग के लिए निकल गया। तभी प्रियंका क्लास से आ गई, मैंने उसको भी चाय दी।
    वो अपने कमरे मैं चली गई। अब शाम के सात बज चुके थे। मेरे पति भी आ चुके थे। मैंने फिर चाय बनाई और अपने पति को दी। वे चाय पीने के बाद अपने कमरे में चले गये। थोड़ी देर आराम करने के बाद मेरे पति और मेरी बेटी दोनों ही साथ मैं गार्डन में घूमने चले गये।
    मैं डिनर तैयार करने लगी और डिनर तैयार करते हुए मुझे पता ही नहीं चला कि कब 8:30 बज गये। प्रियंका और मेरे पति दोनों गार्डन से घूम कर आ चुके थे।
    प्रियंका ने कहा- मम्मी खाना लगा दो।
    मैंने अपने पति से पूछा- आपके लिए भी खाना लगा दूँ क्या?
    उन्होंने कहा- हाँ, लगा दो।
    मैंने दोनों के लिए खाना लगाया तो मेरे पति ने कहा- तुम भी खाना खा लो।
    मैंने कहा- नहीं आप दोनों खा लो, मुझे अभी भूख नहीं है।
    प्रियंका ख़ाना खाने के बाद अपने कमरे में चली गई और मेरे पति भी अपने कमरे में चले गए, टीवी देखने लगे।
    अब रात के 9:20 बज चुके थे और मैं भी कमरे मैं जाकर उनके साथ टीवी देखने लगी, 10 मिनट बाद ही कपिल आ गया। मैंने गेट खोला और पूछा- इतनी देर क्यूँ लगा दी?
    तो बोला- मम्मी साइकल पंचर हो गई थी इसलिए देर हो गई।
    "ठीक है, खाना लगा देती हूँ, हाथ मुँह धो लो।"
    मैंने टेबल पर खाना लगाया कपिल खाना खाने लगा। लेकिन और दिन की तरह आज उसका चेहरा चमक रहा था। वो बहुत खुश लग रहा था।
    खाने खाते हुए मुझसे बोला- मम्मी आज मेरे टैस्ट में 10 में से 10 नंबर आए हैं।
    मैं भी खुश हो गई। तभी कपिल ने थोड़ी सब्जी माँगी और मैं सब्जी परोसने के लिए जैसे ही झुकी तो मेरे दूध भी ब्लाउज में से थोड़े बाहर आ गये।
    तभी कपिल की नजर मेरे उरोजों पर पड़ी। वो उन्हें देख रहा था और मुझे पता भी नहीं था कि कपिल मेरे बूब्स देख रहा है।
    मैंने जैसे ही कपिल की तरफ देखा, तो मुझे पता चला कि कपिल का ध्यान खाने पर नहीं बल्कि मेरे उभारों पर था। उसकी नज़रें छुप-छुप कर मेरे चूचों को निहार रही थीं। मैं भी उसे अपने स्तन दिखाने के लिए थोड़ी झुक कर खड़ी हो गई, दोनों हाथ मेज पर रख दिए, जिससे मेरे पपीते अब और भी अच्छे तरह से दिख रहे थे।
    कपिल खाना खाते-खाते उन्हें देख रहा था और मैं अपनी नज़र इधर-उधर कर रही थी, जिससे कि कपिल को पता ना चले की मैं उसे देख रही हूँ।
    कपिल खाना खा लिया था, फिर भी वो वहीं बैठा हुआ था और खाना खाने का बहाना कर रहा था, मुझसे बातें भी कर रहा था, क्योंकि वो मेरे बूब्स को ज़ी भर कर देखना चाहता था।
    लेकिन थोड़ी देर कपिल बोला- मम्मी क्या आपने खाना खाया?
    मैंने कहा- नहीं मैं खा लूँगी, तुम खाओ अभी।
    कपिल ने कहा- माँ आप भी जल्दी खाना खा लिया करो, कितना काम करती हो आप। चलो आप मेरे साथ ही खाना खा लो।
    मैंने भी उसकी बात नहीं टाली और उसके बगल में जाकर बैठ गई और हम एक ही थाली में खाना खाने लगे।
    लेकिन अभी भी कपिल की नज़र मेरी छाती पर ही थी।
    मैंने भी जल्दी से खाना खाया और कहा- मैंने खाना खा लिया है, तुम्हें और खाना है?
    वो बोला- नहीं।
    मैंने वहाँ से सारे बर्तन उठाए और कपिल अपने रूम में चला गया।
    मैंने सारे बर्तन धोकर, दूध गर्म किया और प्रियंका को दिया और फिर मैं कपिल के कमरे में दूध देने गई और कपिल को दूध दिया।
    वो अभी पढ़ाई कर रहा था, मैंने उसे कहा- दूध ध्यान से पी लेना।
    तभी कपिल ने कहा- दूध दो तो, मैं पी ही लूँगा।
    उसने यह बात इस तरह से की, जो वो परोक्ष मुझसे जो कहना चाहता था, वो उसने कह दिया।
    और मैं भी उसकी बात का मतलब समझ गई।


    ---क्रमशः---


    धीरे धीरे हालात कण्ट्रोल से बहार हो रहे थे, शायद मैं चाहती भी थी की ऐसा हो। इस mother son sex story का लास्ट पार्ट जल्द ही..

    और भी सेक्सीपढ़िए आपकी इस वेबसाइट MyHindiSexStories.com par..

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  2. 007

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    //8coins.ru ये मेरा मेरे सौतेले बेटे के साथ घटी mother son sex story है। छुटपुट नटखटपन से शुरू हुआ किस्सा एक रिश्ते की परिभाषा ही बदल देता है। उसकी नयी नयी जवानी को देख मेरा मन भी ललचा गया था।

    मेरा नाम हरमीत कौर है, मैं 37 साल की पटियाला पंजाब से हूँ। मेरे परिवार में चार सदस्य हैं, मेरे पति मुकेश 44 वर्ष के हैं, मेरी उनसे शादी जब हुई तब वे विधुर थे और इस तरह में उनकी दूसरी बीवी हूँ। पहली बीवी से उनके दो बच्चे हैं जो अब मेरी संतान कहलाये पर उनसे मेरा खून का कोई रिश्ता नहीं है।
    मेरी बेटी प्रियंका और मेरा बेटा कपिल। मैं अपने बारे में आपको बताना चाहती हूँ।
    मेरे पति बैंक में क्लर्क हैं, प्रियंका बी.कॉम. प्रथम वर्ष में है और कपिल 12वीं क्लास में साइन्स से पढ़ाई कर रहा है। हम सभी बहुत प्रसन्नता से रहते हैं और एक दूसरे का बहुत ख़याल रखते हैं।
    मैं BA पास हूँ। हर माँ की तरह मैं भी चाहती हूँ कि मेरे बच्चे, चाहे वे मेरे पेट से नहीं जन्मे फ़िर भी, पढ़ लिख कर अच्छी नौकरी पायें !
    मुझे लगता है कि प्रियंका को तो अच्छी नौकरी मिल जाएगी और वो अपने ससुराल चली जाएगी लेकिन मुझे कपिल की चिंता होती है क्योंकि वो स्टडी में अपनी बहन की तरह ध्यान नहीं देता है, जबकि वो भी बहुत इंटेलिजेंट है, लेकिन कुछ समय से उसका स्टडी से बिल्कुल ध्यान हट गया है।
    मुझे लगता है कि किशोर-वय में अक्सर ध्यान यहाँ-वहाँ चला जाता है, इसीलिए मैं उसे बहुत समझाती हूँ कि पढ़ाई पर ध्यान दो।
    वो पढ़ाई भी करता है और पास हो जाता है। लेकिन वो ज़्यादातर अपना समय अपने स्कूल के दोस्तों के साथ बिताता है और मुझे चिंता रहती है क्योंकि वो मुझसे हमेशा आगे की स्टडी के लिए बंगलौर जाने की बात अभी से करता है।
    मैं परेशान हो जाती हूँ, और सोचती हूँ कि कैसे उसे अपने से दूर बंगलोर भेजूँ क्योंकि डर लगता है कि कहीं वो ग़लत रास्तों पर ना चल पड़े। मैं ट्विन्कल से बहुत प्यार करती हूँ।
    एक दिन मैंने सोचा कि क्यूँ ना इस समस्या पर अपनी सहेलियों से इस बारे मैं बात करके उनसे कुछ सलाह लूँ।
    तो फिर मैंने अपनी सहेली को फोन लगाया और अपनी परेशानी बताई।
    उसने कहा- इंटरनेट पर जाकर गूगल पर माँ-बेटे के सम्बन्ध को सर्च करने को कहा और बोली कि मुझे मेरे सारे सवालों का जवाब वहीं मिलेगा।
    शाम को मैंने ऐसा ही किया। खाना बनाने के बाद मैंने सर्च किया और मुझे मेरा जवाब मिल गया।
    फिर मैंने ट्विन्कल को नोटिस करना चालू कर दिया और मैं उसकी सारी गतिविधियों पर नज़र रखने लगी और मैं देखने लगी कि कपिल मेरे साथ कैसा व्यवहार करता है।
    मैंने पाया कि उसका व्यवहार सामान्य नहीं है। मैंने उसके कमरे की तलाशी ली लेकिन मुझे कुछ नहीं मिला। फिर मैंने उसका मोबाइल देखा तो मुझे उसमें भी कुछ नहीं मिला।
    फिर मैंने उसकी पेन ड्राइव अपने लॅपटॉप पर लगा कर देखी। उसकी पेन ड्राइव मैंने जब देखा तो जो मुझे लग रहा था वो मुझे मालूम हो गया। मैंने देखा कि उसकी पेन ड्राइव में नंगी लड़कियों के फोटो थे और मैं समझ गई कि अब ट्विन्कल बड़ा हो गया है।
    फिर मैंने वही किया जो मुझे करना चाहिए था। मैंने सोचा कि कहीं बाहर यह कोई गलती न कर दे, जिससे इसकी लाइफ खराब हो जाए तो क्यूँ ना मैं ही उसे इन सब बातों के बारे में बताऊँ।
    मैंने उससे एक दोस्त की तरह उन सब बातों को बारे में डिसकस किया, लेकिन वो सुनने के लिए तैयार ही नहीं था। शायद वो मुझसे शरमा रहा था। और जब ही मैं इस तरह की बात समझाती, तो वो मुझे अनदेखा कर देता।
    मैंने अपने पति से इस बारे में बात की तो वो बोले कि वो अपने आप समझ जाएगा।
    लेकिन मेरा मन तो यही सोच रहा था कि कहीं ट्विन्कल से कोई गलती ना हो जाए या वो अपने स्कूल के दोस्तों की तरह ना हो जाए।
    मैंने फ़ैसला किया कि मुझे ही कुछ करना पड़ेगा क्योंकि एक माँ ही अपने बेटे की अच्छी दोस्त होती है।
    मैंने सोचा कि क्यूँ ना ट्विन्कल को थ्योरी की जगह प्रॅक्टिकल नॉलेज दी जाए और यही आख़िरी रास्ता है और मैं इसे गलत भी नहीं समझती हूँ।
    और मैंने वही किया जो मुझे करना चाहिए था। अब मैं ट्विन्कल को अपनी और आकर्षित करने का प्रयास करने लगी।
    ट्विन्कल बड़ा तो हो ही गया था तो मुझे ज़्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ी।
    मैं ट्विन्कल को शुरू से ही नहलाती थी। अभी तक नहलाती हूँ, भले ही अब वो 18 साल का हो गया है, फिर भी मैं ही उसे नहलाती हूँ।



    मेरा तरसता बदन


    आज से मेरा इरादा कुछ और होगा मैं हमेशा ट्विन्कल को पहले नहलाती थी और फिर मैं नहाती थी। आज मैंने पहले नहाने का इरादा किया और मैं बाथरूम मैं नहाने चली गई और सोचा क्यूँ ना बेटे कपिल को भी बुला लूँ। नहाने के लिए मैंने कपिल को आवाज़ लगाई।
    सर्दी के दिन थे, मैंने बोला- कपिल, ज़रा गरम पानी दे देना ! कपिल गरम पानी लेकर बाथरूम मैं आ गया उसने मुझे जैसे ही देखा वो देखता ही रह गया।
    उसने पहली बार मुझे इस नज़र से देखा था। वो मेरे दूध देख रहा था, जो ब्लाउज में से थोड़े बाहर निकल रहे थे।
    मैंने अपनी साड़ी उतार रखी थी और मैं ब्लाउज और पेटीकोट में थी।
    मैंने कपिल से कहा- तू भी नहा ले।
    उसने कहा- नहीं, पहले आप नहा लो। मैं बाद में नहा लूँगा।
    मैंने कहा- तुझे स्कूल के देर हो जायेगी। मुझे नहाने में टाइम लगेगा। आजा, पहले तुझे नहला देती हूँ।
    वो मान गया। मैं जैसे ही गरम पानी मिलाने के लिए नीचे झुकी, तो मेरे दूध ब्लाउज में से और ज़्यादा बाहर आ गये थे और कपिल मेरे दुद्दुओं को ही देखे जा रहा था।
    उसकी नज़र हट ही नहीं रही थी और फिर मैं भी तो यही चाहती थी। फिर मैंने कपिल को अपने कपड़े उतारने के लिए कहा, उसने कपड़े उतार लिए।
    वो सिर्फ़ अंडरविअर पहने हुए था। मैंने उसके ऊपर पानी डाला और उसे नहलाने लगी। वो भी आज बड़े मज़े से नहा रहा था।
    नहाते हुए पानी भी उछाल रहा था जिससे मैं, और मेरे कपड़े भी गीले हो गए। मैंने कले रंग का ब्लाउज पहना हुआ था और सफ़ेद ब्रा जो कि भीगे हुए ब्लाउज में से साफ़ दिख रही थी।
    भीगे हुए ब्लाउज में से मेरे दूध भी नज़र आ रहे थे। जिसे कपिल नज़र चुरा कर देख रहा था।
    कपिल अब नहा चुका था। मैंने उसे स्कूल जाने के लिए जल्दी से तैयार होने के लिए कहा, और वो बाथरूम से जाने को हुआ।
    तभी मैंने उसे रोक लिया और कहा- कपिल ज़रा रुक जा मेरे पीठ घिस देना, बहुत मैल जम गया है।
    वो रुक गया। वो अभी भी भीगा हुआ था और सर्दी से काँप रहा था। उसने तौलिया से अपना बदन पौंछ लिया और मेरे पीछे खड़ा हो गया। मैंने भी सोचा कि कपिल को और सताया जाए।
    मैंने नहाने के लिए अपने ऊपर पानी डाला और साबुन लगाने लगी। मैंने अपना ब्लाउज भी उतार लिया और अपनी ब्रा भी, और फिर मैंने कपिल को पीठ पर साबुन लगाने के लिए कहा।
    वो मेरी पीठ पर साबुन लगाने लगा। वो मेरे पीछे खड़ा था। इसीलिए वो मेरे दूध नहीं देख पा रहा था।
    तो वो बाथरूम में लगे दर्पण में से मेरे दूध देख रहा था और अब उसकी लुल्ली खड़ी हो गई। जो साबुन लगाते समय मैं कभी-कभी अपने पीछे महसूस कर रही थी।
    कपिल को भी शायद अब मज़ा आने लगा था क्योंकि साबुन लगाते समय वो मेरे दुद्दुओं को बगल से छूने की कोशिश कर रहा था, मैं भी कुछ नहीं बोल रही थी।
    मेरे दूध काफ़ी बड़े हैं और ऊपर से मेरा बदन भी गोरा है। मुझे देख कर हर कोई आहें भरता है।
    मैंने भी उसका साथ दिया और मैंने महसूस किया कि मेरे कुछ ना कहने पर उसे और भी मज़ा आने लगा। उसने इस बार अपनी लुल्ली मेरे पीछे से स्पर्श की और मुझे महसूस कराया।
    मैंने कहा- क्या कर रहा है?
    वो डर गया कि कहीं मम्मी मुझे डांटें ना।
    लेकिन मैंने कहा- तेरा ध्यान किधर है? ठीक से साबुन क्यूँ नहीं लगाता?
    वो बोला- हाँ, लगा तो रहा हूँ।
    मैंने बोला- पीठ पर ही लगता रहेगा या थोड़ा छाती पर आगे भी लगाएगा !
    उसने अपने हाथ आगे की तरफ बढ़ाये और अब वो मेरे वक्ष के उभारों पर साबुन लगाने लगा। तभी मुझे उसकी लुल्ली पीछे से थोड़ी और महसूस हुई, लेकिन इस बार उसने अपनी लुल्ली मेरे पीछे लगाए रखी।
    और अब कपिल ने साबुन लगाते हुए ही मेरे दूध धीरे-धीरे दबाने लगा। जिससे मुझे भी अजीब सा नशा छाने लगा। मैं भी मज़ा ले रही और कुछ नहीं बोल रही थी क्योंकि मुझे ऐसा कभी भी महसूस नहीं हुआ था।
    कपिल के अंडरवियर पहने होने के कारण उसकी लुल्ली ठीक से मुझे महसूस नहीं हो रही थी। तो कपिल ने हिम्मत करके अपनी अंडरवियर में से लुल्ली को बाहर निकाल कर मेरे पीछे की दरार में लगाया, जो मुझे काफ़ी हद तक महसूस हुआ।
    ट्विन्कल मेरे स्तनों पर साबुन लगाते हुए उनको मसलने लगा, लेकिन मैंने अभी भी कुछ नहीं कहा।
    अब वो शायद बहुत उत्तेजित हो गया था लेकिन मैंने सोचा कि बस बहुत हुआ, कपिल के लिए अभी के लिए इतना ही काफ़ी था।
    मैंने उससे कहा- बस साबुन लग गया है।
    तो वो बोला- मम्मी हाथ-पैरों पर भी साबुन लगा दूँ क्या? "नहीं, मैं लगा लूँगी, मेरा हाथ पीठ पर नहीं जाता ना, इसलिए तुझे बुलाया था। बस अब मैं नहा लूंगी। तुम जाओ, तुम्हें स्कूल के लिए देर हो रही है।"
    वो जाने लगा। मैंने देखा कि कपिल की लुल्ली काफ़ी बड़ी दिख रही थी जो अभी तक खड़ी हुई थी। मैंने सोचा कि क्यूँ ना अभी ही सारी प्रॅक्टिकल नॉलेज दे दूँ !
    फिर मुझे याद आया कि उसे स्कूल भी तो जाना है, बाकी ज्ञान शाम को सोते समय दे दूँगी। और वैसे भी सब्र का फल मीठा होता है।
    मैंने नहाने के बाद नाश्ता बनाया, कपिल ने नाश्ता किया और उसके लिए मैंने लंच बॉक्स उसके बैग में रख दिया।
    कपिल स्कूल चला गया और फिर मैं घर के सारे काम करने में व्यस्त हो गई और पता भी नहीं चला कि कब दोपहर के दो बज गये। फिर मैंने थोड़ा आराम किया।
    नींद खुली तो शाम के चार बज चुके थे, कपिल भी घर आ चुका था, मैंने उसके लिए चाय बनाई और वो थोड़ी देर बाद कोचिंग के लिए निकल गया। तभी प्रियंका क्लास से आ गई, मैंने उसको भी चाय दी।
    वो अपने कमरे मैं चली गई। अब शाम के सात बज चुके थे। मेरे पति भी आ चुके थे। मैंने फिर चाय बनाई और अपने पति को दी। वे चाय पीने के बाद अपने कमरे में चले गये। थोड़ी देर आराम करने के बाद मेरे पति और मेरी बेटी दोनों ही साथ मैं गार्डन में घूमने चले गये।
    मैं डिनर तैयार करने लगी और डिनर तैयार करते हुए मुझे पता ही नहीं चला कि कब 8:30 बज गये। प्रियंका और मेरे पति दोनों गार्डन से घूम कर आ चुके थे।
    प्रियंका ने कहा- मम्मी खाना लगा दो।
    मैंने अपने पति से पूछा- आपके लिए भी खाना लगा दूँ क्या?
    उन्होंने कहा- हाँ, लगा दो।
    मैंने दोनों के लिए खाना लगाया तो मेरे पति ने कहा- तुम भी खाना खा लो।
    मैंने कहा- नहीं आप दोनों खा लो, मुझे अभी भूख नहीं है।
    प्रियंका ख़ाना खाने के बाद अपने कमरे में चली गई और मेरे पति भी अपने कमरे में चले गए, टीवी देखने लगे।
    अब रात के 9:20 बज चुके थे और मैं भी कमरे मैं जाकर उनके साथ टीवी देखने लगी, 10 मिनट बाद ही कपिल आ गया। मैंने गेट खोला और पूछा- इतनी देर क्यूँ लगा दी?
    तो बोला- मम्मी साइकल पंचर हो गई थी इसलिए देर हो गई।
    "ठीक है, खाना लगा देती हूँ, हाथ मुँह धो लो।"
    मैंने टेबल पर खाना लगाया कपिल खाना खाने लगा। लेकिन और दिन की तरह आज उसका चेहरा चमक रहा था। वो बहुत खुश लग रहा था।
    खाने खाते हुए मुझसे बोला- मम्मी आज मेरे टैस्ट में 10 में से 10 नंबर आए हैं।
    मैं भी खुश हो गई। तभी कपिल ने थोड़ी सब्जी माँगी और मैं सब्जी परोसने के लिए जैसे ही झुकी तो मेरे दूध भी ब्लाउज में से थोड़े बाहर आ गये।
    तभी कपिल की नजर मेरे उरोजों पर पड़ी। वो उन्हें देख रहा था और मुझे पता भी नहीं था कि कपिल मेरे बूब्स देख रहा है।
    मैंने जैसे ही कपिल की तरफ देखा, तो मुझे पता चला कि कपिल का ध्यान खाने पर नहीं बल्कि मेरे उभारों पर था। उसकी नज़रें छुप-छुप कर मेरे चूचों को निहार रही थीं। मैं भी उसे अपने स्तन दिखाने के लिए थोड़ी झुक कर खड़ी हो गई, दोनों हाथ मेज पर रख दिए, जिससे मेरे पपीते अब और भी अच्छे तरह से दिख रहे थे।
    कपिल खाना खाते-खाते उन्हें देख रहा था और मैं अपनी नज़र इधर-उधर कर रही थी, जिससे कि कपिल को पता ना चले की मैं उसे देख रही हूँ।
    कपिल खाना खा लिया था, फिर भी वो वहीं बैठा हुआ था और खाना खाने का बहाना कर रहा था, मुझसे बातें भी कर रहा था, क्योंकि वो मेरे बूब्स को ज़ी भर कर देखना चाहता था।
    लेकिन थोड़ी देर कपिल बोला- मम्मी क्या आपने खाना खाया?
    मैंने कहा- नहीं मैं खा लूँगी, तुम खाओ अभी।
    कपिल ने कहा- माँ आप भी जल्दी खाना खा लिया करो, कितना काम करती हो आप। चलो आप मेरे साथ ही खाना खा लो।
    मैंने भी उसकी बात नहीं टाली और उसके बगल में जाकर बैठ गई और हम एक ही थाली में खाना खाने लगे।
    लेकिन अभी भी कपिल की नज़र मेरी छाती पर ही थी।
    मैंने भी जल्दी से खाना खाया और कहा- मैंने खाना खा लिया है, तुम्हें और खाना है?
    वो बोला- नहीं।
    मैंने वहाँ से सारे बर्तन उठाए और कपिल अपने रूम में चला गया।
    मैंने सारे बर्तन धोकर, दूध गर्म किया और प्रियंका को दिया और फिर मैं कपिल के कमरे में दूध देने गई और कपिल को दूध दिया।
    वो अभी पढ़ाई कर रहा था, मैंने उसे कहा- दूध ध्यान से पी लेना।
    तभी कपिल ने कहा- दूध दो तो, मैं पी ही लूँगा।
    उसने यह बात इस तरह से की, जो वो परोक्ष मुझसे जो कहना चाहता था, वो उसने कह दिया।
    और मैं भी उसकी बात का मतलब समझ गई।


    ---क्रमशः---


    धीरे धीरे हालात कण्ट्रोल से बहार हो रहे थे, शायद मैं चाहती भी थी की ऐसा हो। इस mother son sex story का लास्ट पार्ट जल्द ही..

    और भी सेक्सीपढ़िए आपकी इस वेबसाइट MyHindiSexStories.com par..

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    //8coins.ru ये मेरा मेरे सौतेले बेटे के साथ घटी mother son sex story है। छुटपुट नटखटपन से शुरू हुआ किस्सा एक रिश्ते की परिभाषा ही बदल देता है। उसकी नयी नयी जवानी को देख मेरा मन भी ललचा गया था।

    मेरा नाम हरमीत कौर है, मैं 37 साल की पटियाला पंजाब से हूँ। मेरे परिवार में चार सदस्य हैं, मेरे पति मुकेश 44 वर्ष के हैं, मेरी उनसे शादी जब हुई तब वे विधुर थे और इस तरह में उनकी दूसरी बीवी हूँ। पहली बीवी से उनके दो बच्चे हैं जो अब मेरी संतान कहलाये पर उनसे मेरा खून का कोई रिश्ता नहीं है।
    मेरी बेटी प्रियंका और मेरा बेटा कपिल। मैं अपने बारे में आपको बताना चाहती हूँ।
    मेरे पति बैंक में क्लर्क हैं, प्रियंका बी.कॉम. प्रथम वर्ष में है और कपिल 12वीं क्लास में साइन्स से पढ़ाई कर रहा है। हम सभी बहुत प्रसन्नता से रहते हैं और एक दूसरे का बहुत ख़याल रखते हैं।
    मैं BA पास हूँ। हर माँ की तरह मैं भी चाहती हूँ कि मेरे बच्चे, चाहे वे मेरे पेट से नहीं जन्मे फ़िर भी, पढ़ लिख कर अच्छी नौकरी पायें !
    मुझे लगता है कि प्रियंका को तो अच्छी नौकरी मिल जाएगी और वो अपने ससुराल चली जाएगी लेकिन मुझे कपिल की चिंता होती है क्योंकि वो स्टडी में अपनी बहन की तरह ध्यान नहीं देता है, जबकि वो भी बहुत इंटेलिजेंट है, लेकिन कुछ समय से उसका स्टडी से बिल्कुल ध्यान हट गया है।
    मुझे लगता है कि किशोर-वय में अक्सर ध्यान यहाँ-वहाँ चला जाता है, इसीलिए मैं उसे बहुत समझाती हूँ कि पढ़ाई पर ध्यान दो।
    वो पढ़ाई भी करता है और पास हो जाता है। लेकिन वो ज़्यादातर अपना समय अपने स्कूल के दोस्तों के साथ बिताता है और मुझे चिंता रहती है क्योंकि वो मुझसे हमेशा आगे की स्टडी के लिए बंगलौर जाने की बात अभी से करता है।
    मैं परेशान हो जाती हूँ, और सोचती हूँ कि कैसे उसे अपने से दूर बंगलोर भेजूँ क्योंकि डर लगता है कि कहीं वो ग़लत रास्तों पर ना चल पड़े। मैं ट्विन्कल से बहुत प्यार करती हूँ।
    एक दिन मैंने सोचा कि क्यूँ ना इस समस्या पर अपनी सहेलियों से इस बारे मैं बात करके उनसे कुछ सलाह लूँ।
    तो फिर मैंने अपनी सहेली को फोन लगाया और अपनी परेशानी बताई।
    उसने कहा- इंटरनेट पर जाकर गूगल पर माँ-बेटे के सम्बन्ध को सर्च करने को कहा और बोली कि मुझे मेरे सारे सवालों का जवाब वहीं मिलेगा।
    शाम को मैंने ऐसा ही किया। खाना बनाने के बाद मैंने सर्च किया और मुझे मेरा जवाब मिल गया।
    फिर मैंने ट्विन्कल को नोटिस करना चालू कर दिया और मैं उसकी सारी गतिविधियों पर नज़र रखने लगी और मैं देखने लगी कि कपिल मेरे साथ कैसा व्यवहार करता है।
    मैंने पाया कि उसका व्यवहार सामान्य नहीं है। मैंने उसके कमरे की तलाशी ली लेकिन मुझे कुछ नहीं मिला। फिर मैंने उसका मोबाइल देखा तो मुझे उसमें भी कुछ नहीं मिला।
    फिर मैंने उसकी पेन ड्राइव अपने लॅपटॉप पर लगा कर देखी। उसकी पेन ड्राइव मैंने जब देखा तो जो मुझे लग रहा था वो मुझे मालूम हो गया। मैंने देखा कि उसकी पेन ड्राइव में नंगी लड़कियों के फोटो थे और मैं समझ गई कि अब ट्विन्कल बड़ा हो गया है।
    फिर मैंने वही किया जो मुझे करना चाहिए था। मैंने सोचा कि कहीं बाहर यह कोई गलती न कर दे, जिससे इसकी लाइफ खराब हो जाए तो क्यूँ ना मैं ही उसे इन सब बातों के बारे में बताऊँ।
    मैंने उससे एक दोस्त की तरह उन सब बातों को बारे में डिसकस किया, लेकिन वो सुनने के लिए तैयार ही नहीं था। शायद वो मुझसे शरमा रहा था। और जब ही मैं इस तरह की बात समझाती, तो वो मुझे अनदेखा कर देता।
    मैंने अपने पति से इस बारे में बात की तो वो बोले कि वो अपने आप समझ जाएगा।
    लेकिन मेरा मन तो यही सोच रहा था कि कहीं ट्विन्कल से कोई गलती ना हो जाए या वो अपने स्कूल के दोस्तों की तरह ना हो जाए।
    मैंने फ़ैसला किया कि मुझे ही कुछ करना पड़ेगा क्योंकि एक माँ ही अपने बेटे की अच्छी दोस्त होती है।
    मैंने सोचा कि क्यूँ ना ट्विन्कल को थ्योरी की जगह प्रॅक्टिकल नॉलेज दी जाए और यही आख़िरी रास्ता है और मैं इसे गलत भी नहीं समझती हूँ।
    और मैंने वही किया जो मुझे करना चाहिए था। अब मैं ट्विन्कल को अपनी और आकर्षित करने का प्रयास करने लगी।
    ट्विन्कल बड़ा तो हो ही गया था तो मुझे ज़्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ी।
    मैं ट्विन्कल को शुरू से ही नहलाती थी। अभी तक नहलाती हूँ, भले ही अब वो 18 साल का हो गया है, फिर भी मैं ही उसे नहलाती हूँ।


    मेरा तरसता बदन


    आज से मेरा इरादा कुछ और होगा मैं हमेशा ट्विन्कल को पहले नहलाती थी और फिर मैं नहाती थी। आज मैंने पहले नहाने का इरादा किया और मैं बाथरूम मैं नहाने चली गई और सोचा क्यूँ ना बेटे कपिल को भी बुला लूँ। नहाने के लिए मैंने कपिल को आवाज़ लगाई।
    सर्दी के दिन थे, मैंने बोला- कपिल, ज़रा गरम पानी दे देना ! कपिल गरम पानी लेकर बाथरूम मैं आ गया उसने मुझे जैसे ही देखा वो देखता ही रह गया।
    उसने पहली बार मुझे इस नज़र से देखा था। वो मेरे दूध देख रहा था, जो ब्लाउज में से थोड़े बाहर निकल रहे थे।
    मैंने अपनी साड़ी उतार रखी थी और मैं ब्लाउज और पेटीकोट में थी।
    मैंने कपिल से कहा- तू भी नहा ले।
    उसने कहा- नहीं, पहले आप नहा लो। मैं बाद में नहा लूँगा।
    मैंने कहा- तुझे स्कूल के देर हो जायेगी। मुझे नहाने में टाइम लगेगा। आजा, पहले तुझे नहला देती हूँ।
    वो मान गया। मैं जैसे ही गरम पानी मिलाने के लिए नीचे झुकी, तो मेरे दूध ब्लाउज में से और ज़्यादा बाहर आ गये थे और कपिल मेरे दुद्दुओं को ही देखे जा रहा था।
    उसकी नज़र हट ही नहीं रही थी और फिर मैं भी तो यही चाहती थी। फिर मैंने कपिल को अपने कपड़े उतारने के लिए कहा, उसने कपड़े उतार लिए।
    वो सिर्फ़ अंडरविअर पहने हुए था। मैंने उसके ऊपर पानी डाला और उसे नहलाने लगी। वो भी आज बड़े मज़े से नहा रहा था।
    नहाते हुए पानी भी उछाल रहा था जिससे मैं, और मेरे कपड़े भी गीले हो गए। मैंने कले रंग का ब्लाउज पहना हुआ था और सफ़ेद ब्रा जो कि भीगे हुए ब्लाउज में से साफ़ दिख रही थी।
    भीगे हुए ब्लाउज में से मेरे दूध भी नज़र आ रहे थे। जिसे कपिल नज़र चुरा कर देख रहा था।
    कपिल अब नहा चुका था। मैंने उसे स्कूल जाने के लिए जल्दी से तैयार होने के लिए कहा, और वो बाथरूम से जाने को हुआ।
    तभी मैंने उसे रोक लिया और कहा- कपिल ज़रा रुक जा मेरे पीठ घिस देना, बहुत मैल जम गया है।
    वो रुक गया। वो अभी भी भीगा हुआ था और सर्दी से काँप रहा था। उसने तौलिया से अपना बदन पौंछ लिया और मेरे पीछे खड़ा हो गया। मैंने भी सोचा कि कपिल को और सताया जाए।
    मैंने नहाने के लिए अपने ऊपर पानी डाला और साबुन लगाने लगी। मैंने अपना ब्लाउज भी उतार लिया और अपनी ब्रा भी, और फिर मैंने कपिल को पीठ पर साबुन लगाने के लिए कहा।
    वो मेरी पीठ पर साबुन लगाने लगा। वो मेरे पीछे खड़ा था। इसीलिए वो मेरे दूध नहीं देख पा रहा था।
    तो वो बाथरूम में लगे दर्पण में से मेरे दूध देख रहा था और अब उसकी लुल्ली खड़ी हो गई। जो साबुन लगाते समय मैं कभी-कभी अपने पीछे महसूस कर रही थी।
    कपिल को भी शायद अब मज़ा आने लगा था क्योंकि साबुन लगाते समय वो मेरे दुद्दुओं को बगल से छूने की कोशिश कर रहा था, मैं भी कुछ नहीं बोल रही थी।
    मेरे दूध काफ़ी बड़े हैं और ऊपर से मेरा बदन भी गोरा है। मुझे देख कर हर कोई आहें भरता है।
    मैंने भी उसका साथ दिया और मैंने महसूस किया कि मेरे कुछ ना कहने पर उसे और भी मज़ा आने लगा। उसने इस बार अपनी लुल्ली मेरे पीछे से स्पर्श की और मुझे महसूस कराया।
    मैंने कहा- क्या कर रहा है?
    वो डर गया कि कहीं मम्मी मुझे डांटें ना।
    लेकिन मैंने कहा- तेरा ध्यान किधर है? ठीक से साबुन क्यूँ नहीं लगाता?
    वो बोला- हाँ, लगा तो रहा हूँ।
    मैंने बोला- पीठ पर ही लगता रहेगा या थोड़ा छाती पर आगे भी लगाएगा !
    उसने अपने हाथ आगे की तरफ बढ़ाये और अब वो मेरे वक्ष के उभारों पर साबुन लगाने लगा। तभी मुझे उसकी लुल्ली पीछे से थोड़ी और महसूस हुई, लेकिन इस बार उसने अपनी लुल्ली मेरे पीछे लगाए रखी।
    और अब कपिल ने साबुन लगाते हुए ही मेरे दूध धीरे-धीरे दबाने लगा। जिससे मुझे भी अजीब सा नशा छाने लगा। मैं भी मज़ा ले रही और कुछ नहीं बोल रही थी क्योंकि मुझे ऐसा कभी भी महसूस नहीं हुआ था।
    कपिल के अंडरवियर पहने होने के कारण उसकी लुल्ली ठीक से मुझे महसूस नहीं हो रही थी। तो कपिल ने हिम्मत करके अपनी अंडरवियर में से लुल्ली को बाहर निकाल कर मेरे पीछे की दरार में लगाया, जो मुझे काफ़ी हद तक महसूस हुआ।
    ट्विन्कल मेरे स्तनों पर साबुन लगाते हुए उनको मसलने लगा, लेकिन मैंने अभी भी कुछ नहीं कहा।
    अब वो शायद बहुत उत्तेजित हो गया था लेकिन मैंने सोचा कि बस बहुत हुआ, कपिल के लिए अभी के लिए इतना ही काफ़ी था।
    मैंने उससे कहा- बस साबुन लग गया है।
    तो वो बोला- मम्मी हाथ-पैरों पर भी साबुन लगा दूँ क्या? "नहीं, मैं लगा लूँगी, मेरा हाथ पीठ पर नहीं जाता ना, इसलिए तुझे बुलाया था। बस अब मैं नहा लूंगी। तुम जाओ, तुम्हें स्कूल के लिए देर हो रही है।"
    वो जाने लगा। मैंने देखा कि कपिल की लुल्ली काफ़ी बड़ी दिख रही थी जो अभी तक खड़ी हुई थी। मैंने सोचा कि क्यूँ ना अभी ही सारी प्रॅक्टिकल नॉलेज दे दूँ !
    फिर मुझे याद आया कि उसे स्कूल भी तो जाना है, बाकी ज्ञान शाम को सोते समय दे दूँगी। और वैसे भी सब्र का फल मीठा होता है।
    मैंने नहाने के बाद नाश्ता बनाया, कपिल ने नाश्ता किया और उसके लिए मैंने लंच बॉक्स उसके बैग में रख दिया।
    कपिल स्कूल चला गया और फिर मैं घर के सारे काम करने में व्यस्त हो गई और पता भी नहीं चला कि कब दोपहर के दो बज गये। फिर मैंने थोड़ा आराम किया।
    नींद खुली तो शाम के चार बज चुके थे, कपिल भी घर आ चुका था, मैंने उसके लिए चाय बनाई और वो थोड़ी देर बाद कोचिंग के लिए निकल गया। तभी प्रियंका क्लास से आ गई, मैंने उसको भी चाय दी।
    वो अपने कमरे मैं चली गई। अब शाम के सात बज चुके थे। मेरे पति भी आ चुके थे। मैंने फिर चाय बनाई और अपने पति को दी। वे चाय पीने के बाद अपने कमरे में चले गये। थोड़ी देर आराम करने के बाद मेरे पति और मेरी बेटी दोनों ही साथ मैं गार्डन में घूमने चले गये।
    मैं डिनर तैयार करने लगी और डिनर तैयार करते हुए मुझे पता ही नहीं चला कि कब 8:30 बज गये। प्रियंका और मेरे पति दोनों गार्डन से घूम कर आ चुके थे।
    प्रियंका ने कहा- मम्मी खाना लगा दो।
    मैंने अपने पति से पूछा- आपके लिए भी खाना लगा दूँ क्या?
    उन्होंने कहा- हाँ, लगा दो।
    मैंने दोनों के लिए खाना लगाया तो मेरे पति ने कहा- तुम भी खाना खा लो।
    मैंने कहा- नहीं आप दोनों खा लो, मुझे अभी भूख नहीं है।
    प्रियंका ख़ाना खाने के बाद अपने कमरे में चली गई और मेरे पति भी अपने कमरे में चले गए, टीवी देखने लगे।
    अब रात के 9:20 बज चुके थे और मैं भी कमरे मैं जाकर उनके साथ टीवी देखने लगी, 10 मिनट बाद ही कपिल आ गया। मैंने गेट खोला और पूछा- इतनी देर क्यूँ लगा दी?
    तो बोला- मम्मी साइकल पंचर हो गई थी इसलिए देर हो गई।
    "ठीक है, खाना लगा देती हूँ, हाथ मुँह धो लो।"
    मैंने टेबल पर खाना लगाया कपिल खाना खाने लगा। लेकिन और दिन की तरह आज उसका चेहरा चमक रहा था। वो बहुत खुश लग रहा था।
    खाने खाते हुए मुझसे बोला- मम्मी आज मेरे टैस्ट में 10 में से 10 नंबर आए हैं।
    मैं भी खुश हो गई। तभी कपिल ने थोड़ी सब्जी माँगी और मैं सब्जी परोसने के लिए जैसे ही झुकी तो मेरे दूध भी ब्लाउज में से थोड़े बाहर आ गये।
    तभी कपिल की नजर मेरे उरोजों पर पड़ी। वो उन्हें देख रहा था और मुझे पता भी नहीं था कि कपिल मेरे बूब्स देख रहा है।
    मैंने जैसे ही कपिल की तरफ देखा, तो मुझे पता चला कि कपिल का ध्यान खाने पर नहीं बल्कि मेरे उभारों पर था। उसकी नज़रें छुप-छुप कर मेरे चूचों को निहार रही थीं। मैं भी उसे अपने स्तन दिखाने के लिए थोड़ी झुक कर खड़ी हो गई, दोनों हाथ मेज पर रख दिए, जिससे मेरे पपीते अब और भी अच्छे तरह से दिख रहे थे।
    कपिल खाना खाते-खाते उन्हें देख रहा था और मैं अपनी नज़र इधर-उधर कर रही थी, जिससे कि कपिल को पता ना चले की मैं उसे देख रही हूँ।
    कपिल खाना खा लिया था, फिर भी वो वहीं बैठा हुआ था और खाना खाने का बहाना कर रहा था, मुझसे बातें भी कर रहा था, क्योंकि वो मेरे बूब्स को ज़ी भर कर देखना चाहता था।
    लेकिन थोड़ी देर कपिल बोला- मम्मी क्या आपने खाना खाया?
    मैंने कहा- नहीं मैं खा लूँगी, तुम खाओ अभी।
    कपिल ने कहा- माँ आप भी जल्दी खाना खा लिया करो, कितना काम करती हो आप। चलो आप मेरे साथ ही खाना खा लो।
    मैंने भी उसकी बात नहीं टाली और उसके बगल में जाकर बैठ गई और हम एक ही थाली में खाना खाने लगे।
    लेकिन अभी भी कपिल की नज़र मेरी छाती पर ही थी।
    मैंने भी जल्दी से खाना खाया और कहा- मैंने खाना खा लिया है, तुम्हें और खाना है?
    वो बोला- नहीं।
    मैंने वहाँ से सारे बर्तन उठाए और कपिल अपने रूम में चला गया।
    मैंने सारे बर्तन धोकर, दूध गर्म किया और प्रियंका को दिया और फिर मैं कपिल के कमरे में दूध देने गई और कपिल को दूध दिया।
    वो अभी पढ़ाई कर रहा था, मैंने उसे कहा- दूध ध्यान से पी लेना।
    तभी कपिल ने कहा- दूध दो तो, मैं पी ही लूँगा।
    उसने यह बात इस तरह से की, जो वो परोक्ष मुझसे जो कहना चाहता था, वो उसने कह दिया।
    और मैं भी उसकी बात का मतलब समझ गई।


    ---क्रमशः---


    धीरे धीरे हालात कण्ट्रोल से बहार हो रहे थे, शायद मैं चाहती भी थी की ऐसा हो। इस mother son sex story का लास्ट पार्ट जल्द ही..


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