शादी में साले की बीवी की चूत का स्वाद

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by 007, Jul 4, 2017.

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  1. 007

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    //8coins.ru हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम बबलू है और में 24 साल का एक अच्छा दिखने वाला नौजवान लड़का हूँ. शुरू से ही किसी भी सुंदर लड़की को देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगता था और में उसको देखकर बिल्कुल बेकाबू हो जाता हूँ मुझे उसी समय उस लड़की को पकड़कर उसकी मस्त चुदाई करने की इच्छा हो जाती है और मेरा मन करता है कि में उसके नरम नरम गालों को चूम लूँ और उसके रसभरे होठों को चूस लूँ और उसको अपनी बाहों में भरकर में उसके बूब्स को दबा दूँ और फिर उसके बाद में अपने लंड को उसकी चूत में डालकर उसकी चुदाई कर दूँ.

    दोस्तों में हमेशा किसी भी लड़की को देखकर अपने मन में उसके लिए यही सब बातें सोचा करता था और मेरे मन में उसकी चुदाई के विचार आने लगते, में अपने मन को बहुत मुश्किल से समझाकर शांत किया करता था.

    दोस्तों आज में आप सभी सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े लेने वाले को अपने जीवन की एक सच्ची घटना सुनाने के लिए आया हूँ जिसमे में सभी को बताऊंगा कि कैसे मैंने अपने ससुराल में जाकर अपने साले की हॉट सेक्सी पत्नी को अपनी तरफ आकर्षित करके उसकी चुदाई के मज़े लिए और उसको खुश किया.

    दोस्तों वो शादियों के दिन चल रहे थे और उन दिनों मेरे तीसरे नंबर के साले की शादी थी. उस वजह से मेरे सुसराल में भी शादी का माहौल था और उस वजह से हम सभी लोग मेरे ससुराल में इकट्ठा हुए थे और मेरे ससुराल में उस समय बहुत लोग होने की वजह से हर एक कमरे में कई लोगों के बैठने उठने सोने इंतज़ाम था और सभी लोग अपनी अपनी तैयारी में बहुत व्यस्त थे.

    दोस्तों वैसे तो मेरी नजर अपने साले की पत्नी पर बहुत पहले से थी, लेकिन मुझे अब तक कोई भी ऐसा अच्छा मौका नहीं मिला जिसका में फायदा उठाकर उसके साथ कुछ कर सकता. हमारे बीच कभी कभी थोड़ी हंसी मजाक मस्ती जरुर हुआ करती थी, लेकिन हाँ उसका व्यवार मेरे लिए शुरू से ही अच्छा था इसलिए में उसको कभी कभी बातों ही बातों में दो मतलब की बातें करके छेड़ दिया करता था और उन बातों का मतलब वो ठीक तरह से समझकर हल्का सा मुस्कुरा देती थी और में भी खुश हो जाता. दोस्तों मेरे पहले साले की बीवी का नाम सरला था.

    उसका रंग गेहूंआ, भरा हुआ बदन, बूब्स का आकार 34 26 34 उसकी मस्त अल्ल्हड़ गदराई हुई जवानी और वो दिखने में ग़ज़ब की सुंदर, बड़ी ही चंचल औरत थी. उसको देखकर हमेशा मेरी इच्छा करती थी कि में सही मौका देखकर जबरदस्ती उसको पकड़कर दबोचकर बस चोद ही दूँ और उसकी जवानी को चबा ही डालूं और वो जब भी इठलाती हुई मटक मटककर चलती तो मेरा मन करता था कि बस में उसकी गरम कामुक चूत को क्यों ना उसी समय पकड़ लूँ और बहुत देर तक उसको मसलता सहलाता रहूं और वो अपनी साड़ी से अपने मस्त गोरे उभरे हुए एकदम तने हुए बूब्स को बार बार ढक लिया करती, लेकिन उसके वो बड़े आकार के बूब्स उसकी बगल से ब्लाउज के अंदर से फिर भी दिखते रहते थे और वो हमेशा मुझे अपनी झुकी हुई शरारती निगाहों से देखा करती थी और फिर कभी कभी हल्का सा मुस्करा भी देती जिसकी वजह से मेरा लंड तुरंत तनकर खड़ा हो जाता.

    दोस्तों उस समय शाम के करीब चार बजे थे और वो ठीक मेरे सामने खड़ी होकर कुछ काम कर रही थी उसके साथ कुछ घर की औरतें भी थी और में लगातार उसकी तरफ उसको घूरकर देखे ही जा रहा था कि तभी कुछ देर बाद हँसते हुए उसने मुझसे पूछ लिया कि क्यों जीजाजी आपको क्या चाहिए? आप बहुत देर से मुझे घूरे जा रहे है क्या मुझे खा जाने का इरादा है?

    और उसी समय अचानक से मेरे मुहं से निकल पड़ा कि तुम, मेरे मुहं से वो जवाब सुनकर वो एकदम चकित होकर मुझसे बोली कि क्या कहा अभी आपने? तो उसी समय तुरंत मैंने अपना जवाब उसको बदलकर उससे कहा कि मेरा मतलब था कि मुझे तुम्हारे हाथ की बनी हुई एक कप चाय का मज़ा लेना था, बहुत देर से में तुम्हारे यह बात कहने वाला था, लेकिन तुम हो की मेरी तरफ ध्यान ही नहीं देती.

    फिर वो मेरी उन सभी बातों का मतलब थोड़ा बहुत समझकर मुस्कुराती हुई बोली कि आपके लिए तो चाय क्या में कुछ भी कर सकती हूँ यह बात कहकर वो मेरे लिए अब चाय बनाने लगी थी और उसने कुछ सेकिंड में ही मुझे चाय लाकर दे दी. में उस चाय को बड़े प्यार से पीता रहा और उसके बाद मैंने सही मौका देखकर उससे उसकी चाय की तारीफ भी करना उचित समझा और मैंने वैसा ही किया. मैंने उससे कहा कि तुम्हारे हाथों में जादू है तभी तो यह चाय बहुत स्वादिष्ट बनी है शायद तुमने इसमे अपना पूरा प्यार डालकर मुझे दी है.

    फिर मेरे मुहं से अपनी इतनी तारीफ को सुनकर वो बहुत खुश हो गई और मेरी तरफ हंसती हुई मेरे पास से वापस अपनी जगह पर चली गई. तो में अब मन ही मन सोचने लगा कि हंसी तो फंसी इसलिए में अब अपने मन के विचारो को थोड़ी सी हिम्मत करके पूरा भी कर सकता हूँ उसके लिए अब मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करती होगी में यह सभी बातें सोचकर उसकी चुदाई के बारे में विचार बनाने लगा था, क्योंकि अब मुझे कैसे भी करके उसकी चुदाई के मज़े लेने थे और मैंने इस बात को अपने मन में ठान लिया था और फिर जैसे तैसे वो शाम भी गुज़र गई और उसके बाद वो रात आ गई जिसका मुझे कब से इंतजार था.

    फिर एक कमरे में ऊपर पलंग पर मर्दों को सोने के लिए कहा गया और ठीक नीचे ज़मीन पर औरतों के लिए गद्दे लगा दिए गये थे और अब आप सभी मेरी किस्मत को देखिए पलंग के जिस किनारे पर में लेटा हुआ था ठीक उसके नीचे ज़मीन पर सबसे पहले सरला का बिस्तर था और उसको अपने पास में लेटा हुआ देखकर मेरे मन में बड़ी गुदगुदी हो रही थी और मेरा लंड था कि बार बार उसके विचार से उठे जा रहा था. अब मैंने मन ही मन में ठान लिया कि बच्चू आज तू ना चूकना बस कोई भी अच्छा मौका देखकर अपनी तरफ से पहल कर ही देना और फिर मैंने सोचा कि एक बार तो में अपनी तरफ से कोशिश करके देख ही लूँ जो भी होगा देखा जाएगा.

    फिर मैंने उससे पूछा कि सरला यह मेरा तकिया एकदम किनारे में क्यों रख दिया, तुम इसको पलंग पर बीच में रखती? वो बोली कि क्यों क्या आप रात को सोते समय करवट बहुत ज़्यादा लेते है? और फिर वो हंसते हुए बड़ी धीरे से बोली कि प्लीज़ आप रात को नींद में मेरे ऊपर मत गिर जाईएगा वरना में दबकर मर ही जाउंगी. दोस्तों उसका यह बात मुझसे बोलने का अंदाज़ कुछ ऐसा था कि कोई बेवकूफ़ ही उसको ना समझ पाए और में उसका मतलब बहुत अच्छी तरह से समझकर मन ही मन बहुत खुश था, मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था और फिर क्या था?

    मैंने अपनी चादर तानी उसके बाद अपने तने हुए लंड को अपने एक हाथ में ले लिया और अब में लेटे हुए विचार करते हुए सबके सोने का इंतज़ार करने लगा, आख़िर फिर वो रात कुछ गुज़री और थके हुए वो सभी लोग जो हमारे आसपास लेटे हुए थे अब एक एक करके गहरी नींद में सो गये, सिवाय मेरे और सरला के जो बात में ठीक तरह से जानता था क्योंकि वो थोड़ी थोड़ी देर में करवटे बदल रही थी और उसकी चूड़ियों के साथ साथ उसकी पायल भी मुझे आवाज करके बता रही थी कि वो कितनी बार पलट चुकी है.

    थोड़ी देर बाद मैंने अब हिम्मत जुटाकर धीरे से ऊपर पलंग के किनारे से में उतरकर नीचे ज़मीन पर सरला के पास में आकर लेट गया और कमरे में पहले से ही बहुत अंधेरा था. उस बात का मैंने उस रात को पूरा पूरा फायदा उठाया और मैंने सबसे पहले उसकी चादर को धीरे से थोड़ी सी अपने ऊपर ले ली और अपने बदन को उसके गोरे गरम बदन से सटा लिया था मानो में उससे कह रहा हूँ कि में अब आ गया, वो अब बिल्कुल चुपचाप रही जिससे मेरी हिम्मत और ज्यादा बढ़ गई.

    अब मैंने अपना एक हाथ अब धीरे से उसकी कमर पर रख दिया और में उसकी नरम, लेकिन गरम गरम चिकनी कमर पर अब धीरे धीरे सरकाते हुए उसके बूब्स पर रख दिया, लेकिन वो तब भी मुझसे कुछ नहीं बोली और मैंने अब उसके बूब्स को ज़ोर से दबा दिया जिसको दबाने में मुझे बड़ा मस्त अच्छा आनंद आया, लेकिन तब वो एकदम शांत रही और में धीरे धीरे मदहोश होने लगा था और मेरा लंड खुशी के मारे फड़फड़ाने लगा था.

    अब तो हल्के हल्के झटके भी देने शुरू कर दिए थे और उसी समय अपने लंड को मैंने उसकी गांड से बिल्कुल चिपका दिया और अपने एक हाथ से में उसके दूसरे बूब्स को दबाने और उसको सहलाने लगा था. मैंने अपने हाथों से उसकी मेक्सी को ऊपर उठा दिया और अब मेरा एक हाथ उसके बदन पर था. हाथ को ऊपर लेते हुए और उसके नरम नरम बदन का मज़ा लेते हुए मैंने उसके नंगे बूब्स को छूकर महसूस किया, वो गोल और एकदम सख़्त, लेकिन नरम गरम थे मैंने उसके निप्पल को दबा दिया और उसके बाद में कस कसकर अब उसके बूब्स को दबा रहा था होठों से में उसकी गर्दन को चूमने लगा, लेकिन वो अपने मुहं से बिना किसी आवाज के चुपचाप लेटी रही, क्योंकि हमारे पास में सो रहे लोगों के उठ जाने का उसको भी डर था और मुझे भी उसकी चिंता थी.

    अब मेरा लंड उसको चोदने के लिए बिल्कुल बेताब हुआ जा रहा था आख़िर कब तक में सहता हम दोनों कोई आवाज़ भी नहीं कर सकते थे. फिर एक हाथ मैंने उसकी गर्दन के नीचे से डालकर उसके तने हुए बूब्स पर रख दिया और दूसरे हाथ को मैंने नीचे सरकाते हुए उसकी चूत पर रख दिया, तब मुझे छूकर पता चला कि उसकी चूत पर घने बाल थे, लेकिन फिर भी वो जोश की वजह से एकदम गीली थी जिसका मतलब साफ था कि वो अब मुझसे अपनी चुदाई करवाने के लिए तैयार था और मेरा लंड तो उसकी चूत में घुसने के लिए बड़ा बेताब था. अब मैंने अपनी उंगली को उसकी चूत की दरार को छूते हुए अंदर डाल दिया.

    उसने एक आह्ह्ह सी भरी और वो भी मुझसे चुदवाने को एकदम तैयार थी और मैंने उसके कान के पास अपने मुहं को ले जाकर उससे फुसफुसाकर कहा कि में अब बाथरूम में जा रहा हूँ जानेमन तुम भी थोड़ी देर बाद धीरे से आ जाओ. अब धीरे से में उठकर दबे दबे पैरों से बाथरूम के अंदर जाकर घुस गया और में दरवाज़ा हल्का सा खुला रखकर उसके आने का इंतज़ार करने लगा. करीब पाँच मिनट बाद सरला आ गई और जैसे ही वो अंदर घुसी तो मैंने तुरंत दरवाजे को बंद करके अंदर से चिटकनी को ठीक तरह से लगा दिया और अब क्या था? मानो अब मेरी उस सहनशीलता का बाँध बस टूट गया था जिसको मैंने बहुत देर से इतनी मजबूती से बांध रखा था.

    मैंने कसकर उसको तुरंत अपनी बाहों में भर लिया और फिर मैंने अपने होंठो को उसके धधकते हुए होठों पर रख में ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. उसके वाह क्या मस्त रसभरे होंठ थे जैसे वो कोई गुलाब की पंखुडियां हो, उसका ऐसा स्वाद था कि बस मुझे उसका नशा सा छा गया.

    अब अपने एक हाथ से मैंने उसके बाल पकड़ रखे थे और में उसको चूमते हुए अपने दूसरे हाथ से उसके बूब्स को मेक्सी के ऊपर से ही मसल रहा था और यह सब करने की वजह से मेरा लंड अब कपड़ो के अंदर एकदम तनकर खड़ा हुआ बहुत देर से परेशान हो रहा था. दोस्तों जोश में आने के बाद शरीर पर एक भी कपड़ा बहुत बुरा लगता है.

    उस समय तो बस पूरा नंगा बदन ही अच्छा लगता है. फिर मैंने तुरंत अपने पाजामे का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और उसके बाद तुरंत ही अपनी अंडरवियर को भी मैंने निकाल फेंका और अब अपनी टी-शर्ट को उतारकर में उसके सामने पूरा नंगा हो गया. अब मैंने उसकी मेक्सी के बटन को सामने से खोलना शुरू किया और जल्दी से उसके बदन से मेक्सी को निकालकर ब्रा के हुक को भी पीछे से खोल दिया और फिर उसको हर एक हिस्से से चूमते हुए, दबाते हुए कस कसकर एक दूसरे को मसलते हुए पहले बेसब्री से उसके पूरे नंगे आज़ाद बूब्स को मैंने अपने हाथ में ले लिया.

    मैंने देखा कि उसकी गहरी गुलाबी रंग की निप्पल के चारो तरफ हल्के भूरे रंग का गोल घेरा था. वो अब भी पूरी तरह से नंगी नहीं थी क्योंकि उस नाइलॉन की टाइट पेंटी ने उसकी चूत को अपनी पीछे छुपाए रखा था. फिर जब मैंने उसकी पेंटी को हटाया तो सरला बहुत शरमा गयी और उसने अपना मुहं मेरी छाती में छुपा लिया. मेरा लंबा और फड़फड़ाता हुआ लंड उसके बदन को चूत के आसपास के हिस्से को छू रहा था. मैंने उसके चेहरे को अपने हाथों से ऊपर अपनी आँखों की तरफ उठाया तो उसने शरम से अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया.

    फिर मैंने अब उसकी पलकों के ऊपर से चूमा और दीवार के सहारे अपने लंड को उसकी चूत के ठीक ऊपर रखकर हल्का सा दबाया उसके होठों को चूसा और चूसता ही रहा. उसके नंगे गोल गोल मुलायम गरम सख़्त सेक्सी बूब्स को मैंने बहुत मज़े लेकर दबाया और उनको मसला आख़िर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसके बूब्स को निप्पल सहित पूरा अपने मुहं में भर लिया.

    में अब उसके एक बूब्स को मसलते हुए उसके दूसरे बूब्स का स्वाद लेकर चूस रहा था. मुझसे और ज्यादा देर रहा नहीं गया इसलिए मैंने उससे आगे का मज़ा लेने के लिए पूछा कि मेरी सरला रानी तुम इतने दिनों से कहाँ छुपी हुई थी? क्या में अब तुम्हे चोदना शुरू कर दूँ? उसने अपने एक हाथ से मेरी पीठ को अपनी तरफ दबा रखा था और दूसरे हाथ से वो मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों से पकड़कर बोली कि हाँ जीजाजी आपको अब जो कुछ भी करना है प्लीज थोड़ा जल्दी से कीजिए.

    फिर मैंने उससे पूछा कि में क्या करूँ? बोलो ना मेरी जान तुम तो एकदम मलाई हो मलाई, तभी उसी समय उसने झट से जवाब देकर कहा कि आप आज मुझे खा जाईए ना इसमे इतनी देर क्या सोचना? अब मैंने उससे पूछा कि में क्या क्या खाऊँ मेरी रानी, तुम बड़ी मस्त चीज़ हो यार मुझे बिल्कुल भी समझ नहीं आता कि में कहाँ से शुरू करूं? अब उसने मेरे साथ उन शरारती बातों का मज़ा लेते हुए मुझसे कहा कि जीजाजी जल्दी से आप इसको मेरे अंदर डाल दीजिए ना.

    फिर मैंने अब और भी मज़ा लेते हुए उसके कान के पास धीरे से फुसफुसाकर उससे पूछा कि में क्या डालूं तुम मुझे वो तो बताओ? और फिर उसने शरमाकर कहा कि धत आप भी बहुत ही बदमाश है में अब बाहर जा रही हूँ, मैंने पहले से ही उसको कसकर पकड़ तो रखा था इसलिए मेरी उस मजबूत पकड़ से उसका छूट पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी था, इसलिए वो अपनी तरफ से कुछ कोशिश करके अब बिल्कुल शांत हो गई और इन्ही बातों में हम एक दूसरे के बदन से लिपट लिपटकर पता नहीं क्या क्या कर रहे थे, उस समय बस हमारे बीच कुछ ना कुछ पकड़ा पकड़ी, मसला मसली और चूसा चूसी चल रही थी जिसका हम दोनों को ही बड़ा मज़ा आ रहा था.

    कुछ देर बाद आख़िर मैंने उससे कहा कि मेरी रानी एक बार तुम्हे अपने मुहं से कहना पड़ेगा सिर्फ़ एक बार प्लीज़ और अब वो मुझसे पूछने लगी कि आप ही बताए कि में क्या कहूँ जीजू? अब मैंने मज़ा लेते हुए उससे कहा कि तुम कह दो कि मेरी चूत में आप अपना यह लंड डालकर प्लीज मुझे चोद दीजिए ना. अब उसने मेरे मुहं से यह शब्द सुनकर शरमाने के अंदाज़ में मुझसे कहा कि हाँ आप प्लीज जल्दी से मुझे अब अपने इस लंड को मेरी चूत में डालकर चोद दीजिए ना जीजू, आप मुझे और मत तड़पाइए में कब से आपके साथ वो सब करने के बारे में सोच रही हूँ आज तो आप मुझे चोदकर शांत कर दीजिए प्लीज, उसके बाद कभी आपसे जिद नहीं करूंगी.

    मैंने भी देखा कि अब ज़्यादा देर करने से हम दोनों को रिस्क है इसलिए मैंने अपना लंड उसकी चूत की दरार पर रगड़ते हुए एक हल्का सा धक्का लगा दिया, उस वजह से मेरा लंड उसकी चूत के अंदर घुस तो गया, लेकिन मुझे वो मज़ा नहीं आया, क्योंकि दोस्तों चुदाई का असली मज़ा तभी है जब औरत को नीचे लेटाकर उसकी चुदाई के मज़े लिए जाए. अब यह बात सोचकर उसी समय अपने लंड को उसकी चूत से बाहर खींचकर मैंने बाथरूम के फर्श पर सरला को तुरंत नीचे लेटा दिया और अब में उसके ऊपर चढ़ गया और मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा फैलाकर अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर पर रखा और एक जोरदार धक्का देकर उसको अंदर डाल दिया.

    उस धक्के से हुए दर्द से उसके मुहं से हल्की सी आईईई स्सीईईइ आह्ह्ह की आवाज बाहर निकली उससे ज्यादा उसने कुछ नहीं कहा और अब उसने भी अपनी तरफ से मेरी थोड़ी सी मदद करना शुरू किया और अपनी दोनों जांघो को सटाकर अपनी चूत से मेरे लंड को पूरा अंदर समेट लिया और उसके होंठो को चूसते हुए बूब्स को दबाते हुए मैंने उसको धक्के देकर चोदना शुरू किया और अब वो भी नीचे से अपनी गांड को उठा उठाकर मुझसे अपनी चूत को चुदवाने लगी.

    दोस्तों उस ऊपर वाले ने भी यह चुदाई वाह क्या मस्त मजेदार चीज़ बनाई है जिसको करने में सभी को चाहे वो इंसान हो या जानवर बहुत मस्त मज़ा आता है और जिन लोगो ने पहले भी चुदाई की है उन सभी को मेरी इस कहानी को पढ़कर जरुर महसूस हो रहा होगा कि हम दोनों उस समय उस चुदाई का कितना स्वाद ले रहे होंगे? अब में बीच बीच में धक्के देकर उसको चोदते हुए उसके बूब्स को भी चूस दबा रहा था और उस चुदाई को लंबी मजेदार करने के लिए मैंने अपने धक्को की स्पीड को थोड़ा सा कम ही रखा और उसके निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसते हुए तो मेरे धक्के और भी कम हो गए और फिर आख़िर में जब मेरे लंड ने मुझे इशारा दिया कि अब में झड़ने वाला हूँ तब मैंने उसको कस कसकर धक्के देकर चुदाई करना शुरू किया. में उसको चोदता रहा चोदता रहा और धक्के पे धक्के लगता रहा और वो उछल उछलकर मुझसे अपनी चूत को चुदवाए जा रही थी.

    अब वो पूरी तरह से खुलकर बहुत जोश में आकर मुझसे कह रही थी, हाँ थोड़ा सा और अंदर जाने दो उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह आज आप मुझे वो मज़े दे दीजिए क्योंकि मेरे पति को तो मेरे लिए समय ही नहीं है, आप ही मुझे आज शांत कर सकते है इसलिए मैंने इतने लोगों में बस आपको चुना और आज आप मुझे जमकर ताबड़तोड़ चुदाई के मज़े दीजिए.

    दोस्तों उस समय हम दोनों बहुत जोश में थे इसलिए हमे ऐसा आनंद आ रहा था कि पता ही नहीं लगा कि हम दोनों कब एक साथ झड़ गये. फिर उसके बाद मेरा लंड छोटा मुरझाकर उसकी चूत से बाहर आने लगा और मैंने उसको बाहर निकाल लिया. अब हम दोनों ने जल्दी से अपने अपने कपड़े पहने और फिर हम बाहर झांककर एक एक करके बाहर निकलने लगे.

    उससे पहले मैंने सरला को कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसको चूमते हुए उससे कहा कि आप आज मुझसे वादा करो कि जब भी आपको ऐसा कोई अच्छा मौका मिलेगा तो आप मुझसे जरुर अपनी चुदाई करवाएगी? तो वो आप बहुत बड़े पागल हो मुझसे यह बात कहकर हंसती हुई वो दबे पैर बाथरूम से बाहर चली गयी और उसके चले जाने के कुछ देर बाद में भी बाथरूम से बाहर निकलकर अपनी जगह पर वापस जाकर में लेट गया. मैंने देखा कि अब वो भी दूसरी तरफ अपना मुहं करके अपनी जगह पर लेट गई. फिर में कुछ देर अपनी दोनों आखें बंद करके उसकी चुदाई के बारे में सोचने लगा और उसके बाद मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई.
     
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