ओह मेरी प्यारी दीदी - Desi Story

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by 007, Apr 27, 2016.

  1. 007

    007 Administrator Staff Member

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    दोस्तों. मेरा नाम रवि है. ये एक सॅकी कहानी है जो एक महीने पहले घटित हुई. इस कहानी मे मैं आप सब को बतऊन्गा कैसे मैने अपनी बड़ी बेहन को पटा कर उसकी मेzइ से चोदा और अपना बनाया. मुझे आशा है आप सबको मेरी कहानी बहुत ही पसंद आएगी. सभी पाठकोन से निवेदन है कहानी पढ़ के कृपया अपने विचार ज़रूर प्रस्तुत करें.

    जैसा की मैने आपको बताया मेरा नाम रवि है. हमारा चार लोगों का परिवार है - मम्मी, पापा, मेरी मूहबोली बड़ी बेहन (Chacha ki ladki) पूम्मी दीदी और मैं. हम लोग मुंबई मे रहते हैं और ऊप्पर मिड्ल क्लास फॅमिली को बिलॉंग करते हैं. मेरे पापा एक गवर्नमेंट ऑफीसर हैं और मेरी मम्मी हाउसवाइफ हैं.

    मेरी आगे 21 है. मैं भी.बीए फाइनल एअर मे हू. मेरी हाइट 5'8 है और अच्छा बॉडी बिल्ड - उप है मेरा. रंग गोरा और दिखने मे हॅंडसम हू. मेरे लंड महाराज 7 इंच के हैं. अब मैं आपको अपनी दीदी के बड़े मे बता दु. पूम्मी दीदी मेरी सग़ी बेहन है, वो मेरे से तीन साल बड़ी है यानी उसकी आगे 24 है. वो बहुत ब्यूटिफुल है. 5'5 हाइट, फिगर 33-24-34, गोरा रंग, ब्यूटिफुल फेस से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं क्या कयामत होगी वो.

    पूम्मी दीदी बहुत ही वाले मॅनर्ड लड़की है. मेरी दीदी कॉमर्स मे पोस्ट ग्रॅजुयेट है और एक सॉफ्टवेर कंपनी मे जॉब कराती है. वो जीन्स - टॉप, सलवार सूट ही पहेनती है अक्सर. मुझे दीदी मे इंटेरेस्ट तब से है जब मैं 16 साल का था. 16 की उमर तक मुझे सेक्स की थोड़ी बहुत समझ हो गयी थी. मुझे दीदी हमेशा अच्छी लगती थी क्यूकी वो रियल ब्यूटी है. हमारा 3 भक का फ्लॅट है. हम लोग अक्सर सेम रूम ही शेयर करते हैं. जब हम लोग स्कूल मे पढ़ते थे तो वो अक्सर मॉर्निंग मे मेरे सामने ही रूम मे कपड़े चेंज कराती थी. 2-3 साल पहले तक मैं लगभग रोज़ दीदी को ब्रा-पैंटी मे देखता था. वो मुझसे शरमाती नही थी क्यूकी मैं उसका प्यारा भोला-भला भाई जो ठहरा ! उसके सीने पर खूबसूरात उभर को मैं हमेशा नज़रे छुपा के देखता, उसकी चिकनी पीठ, हसीन कमर, पैंटी के नीचे गोरी जांघे.. अपनी दीदी के खूबसूरात बदन को नझडीक से देखने के बाद मुझे और कोई लड़की इतनी सुन्दर नही लगती जितनी मेरी दीदी.

    गुड लुकिंग होने के बावजूद दीदी का कोई बाय्फ्रेंड नही था कॉलेज मे. उसके फ्रेंड्स बहुत सारे हैं, अपने फ्रेंड्स के साथ वो अक्सर आउटिंग जाती है पर किसी लड़के को उसका बाय्फ्रेंड बनने का मौका नही मिला. मेरी दीदी चिपकू लड़को से हमेशा दूर रहती. मैं अक्सर दीदी को बाय्फ्रेंड के नाम से कछेड़ता तो वो खुद कहती है आज के ज़माने मे ट्रस्ट करने लायक बहुत कम लड़के होते हैं, कुछ दिन लड़की के साथ एंजाय कर के लड़का चोद देता है.

    पीछे कुछ साल से दीदी के साथ मेरी सेक्स की एक्षा बढ़ती जा रही थी. पर मेरी दीदी मॉडर्न होने के साथ संस्कारी, वाले मॅनर्ड, स्वीट है की मुझे उम्मीद नही थी की वो मेरे से चुदवाएगी. क्यूकी दीदी अब 24 साल की हो गयी थी, मुझे पता है 3-4 साल मे उसकी शादी भी हो जाएगी. मैं अपनी प्यारी पूम्मी दीदी की चुत का मज़ा लेना चाहता था, क्यूकी शादी के बाद किसी लड़की को और ख़ासकर अपनी बड़ी बेहन को पतना लगभग इंपॉसिबल होता है.

    इसीलिए मैने दीदी को पातने के लिए उसके साथ अपना बिहेवियर और अच्छा किया, रेस्पेक्ट ज़डा कने लगा, उसकी हर बात मानता, ज़डा फ्रेंड्ली हो गये हम लोग. साथ ही दीदी की आक्टिविटीस ट्रॅक करने लगा मैं. वो सुबह 8 बजे ऑफीस जाती है और शाम 7 बजे घर आती है. मेरी दीदी अपना पर्सनल लॅपटॉप घर पर ही चोद के जाती है. मैं दीदी के ऑफीस जाने के बाद लगभग डेली उसका लॅपटॉप चेक करने लगा. पर ना तो उसमे मुझे कोई पॉर्न वीडियो मिलता ना ही इंटरनेट हिस्टरी. वो हमेशा इंटरनेट उसे कर के हिस्टरी डेलीट कर देती है.

    पर मेहनत करने वालो की हार नही होती. एक दिन उसके लॅपटॉप मे मुझे कुछ पॉर्न वीडियोस मिल ही गये. साथ ही उस दिन उसने इंटरनेट हिस्टरी भी डेलीट नही किया. मेरी दीदी रोज़ लगभग 3-4 घंटे इंटरनेट उसे कराती है. उसने 7 दिन से अपना नेट हिस्टरी डेलीट नही किया हुआ था. उसके हिस्टरी ट्रेंड से पता चला की पॉर्न तो वो लगभग रोज़ ही देखती है, उसमे भी ब्रदर-सिस्टर के काफ़ी सारे पॉर्न लिंक्स थे. उसके लॅपटॉप की हिस्टरी मे एक ब्रदर-सिस्टर पॉर्न लिंक मैने विज़िट किया, 22-23 साल की उमर के लड़का लड़की इस वीडियो मे प्यार भारी चुदाई कर रहे थे. जैसे ही मैने पाना लंड छुआ ये सोच के की दीदी ने भी श्याद मेरे को सेक्स मे इमॅजिन किया हो तब तक मेरे लंड से पानी निकल गया. इस दिन के बाद मैं बहुत हॉर्नी हो गया था दीदी को चोदने के लिए.

    मेरी एक कामन टेंडेन्सी है, मैं हमेशा जब भी मूठ मराता हू दीदी को इमॅजिन कर के ही मूठ माराता हू. और किसी को इमॅजिन कर के मुझे मज़ा नही आता था. इस उमर मे सेक्स की प्रबल एक्षा सबको होती है और मुझे पता चल चुका था मेरी दीदी को भी सेक्स बहुत पसंद है. लड़कियाँ हमेशा शो नही कराती पर चुदवाने का मन तो उन्हे भी खूब कराता हो. तरीका सही हो तो बेहन अपने भाई से भी चुदवाने मे संकोच नही करेगी क्यूकी सेक्स को आप मदहोशी के साथ पूरा लुफ्त उठा आर भरपूर एंजाय करना चाहते हैं तो बाय्फ्रेंड/गर्लफ्रेंड से ज़डा ट्रस्थफुल खुद का हॅंडसम भाई या ब्यूटिफुल बेहन होती है. फिर जी भर के घर मे ही भाई-बेहन शादी से पहले पती-पत्नी बन कर एंजाय कर सकते हैं. शादी के बाद भी अपनी ही बेहन या भाई से अफेयर चलाने का मज़ा भी कुछ और है.

    मुझे अब पता था की मेरी दीदी इन्सेस्ट के बड़े मे जानती है, ब्रदर-सिस्टर पॉर्न भी देखती है. अब मैने किसी आम लड़के की तरह ही अपनी दीदी को पातने का ठान लिया. हम लोग बहुत फ्रेंड्ली और फ्रॅंक हो चुके थे अब, क्यूकी मैं दीदी की सारी बात मानता और उनको रेस्पेक्ट कराता था. मैं उनको शॉपिंग के लिए ले जाता माल्स मे, रेस्टोरेंट्स मे एट्सेटरा. हम जब भी बाहर घूमने निकलते थे सब हमे गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड ही समझते थे, मैं और दीदी हमेशा चुटकियाँ लेते जब भी कोई हमे कपल समझ कर देखता. हम घूमने जाते तो बयके मे दीदी अब मेरे साथ पास हो के बैठने लगी थी, कई बार उसके कोमल बूब्स मेरे पीठ से टच होते, मुझे बहुत मज़ा आता था उसके बूब्स फील कर के.

    एक बार मम्मी पापा कज़िन की शादी मे देल्ही गये हुए थे. मैं और दीदी ने नही जाने के डिसिशन लिया क्यूकी ये हमारे दूर के कज़िन थे और हमारा जाना ज़रूरी नही था. मम्मी पापा देल्ही चले गये थे. अब मेरे पास दीदी के क्लोज़ आने का, उसे फ्लर्ट करने का अच्छा मौका था.

    सनडे के दिन हमारे एक कामन फ्रेंड का बर्तडे था. मेरी और दीदी दोनो की ही छुट्टी थी इस दिन. हम दोनो सुबह साथ मे जा के गिफ्ट ले कर के आए. शॉप वाले से मैने बर्तडे गिफ्ट दिखाने कहा था. क्यूकी बर्तडे एक लड़की का था हम लोग ब्रॅंडेड एआरींग्स देख रहे थे. मेरी दीदी एआरींग्स को अपने ऊपर ट्राइ कर के देख रही थी. दीदी को एक एआरिंग पसद आई, फिर जब मैं पेमेंट कर रहा था, शॉपकीपर ने कहा - "सर आपकी और मेडम की मस्त जोड़ी है, मेडम पर एआरींग्स बहुत अच्छे लगेंगे" !

    इतना सुन कर मैने कहा - "क्या ? ".. जोड़ी,,, !! "अपना काम करो."

    शॉपकीपर ने कहा - "सर कुछ ग़लती हो गयी क्या?"

    मेरे कहने से पहले ही दीदी ने कहा - "इट्स ओके, चलो रवि.."

    बाहर निकल कर मैने दीदी से कहा - "यार सब हमे कपल समझते हैं देख कर"

    पूम्मी दीदी - "तो ? "

    मैने कहा - "नही कुछ नही.. वैसे हमारी जोड़ी बुरी भी नही है. हाहाहा" मैं मज़ाक करने लगा.. फिर दीदी ने कहा - "चल हाथ पागल.. हम लोग भाई बेहन ही ठीक हैं".

    मे - "अच्छा ? मैं इतना बुरा हू?"

    दीदी - "नही यार, तू मेरा भाई है ना.. भाई नही होता तो अलग बात थी. तू अच्छा लड़का है गढ़े ई लाएक यू".

    मे - "हाँ, टब ही मेरी दीदी नही होती तो अलग बात थी !" हहा.. मैने मज़ाक मे कहा.. फिर दीदी ने मेरे शोल्डर पर धीरे से मारा और वो भी हँसने लगी.

    हम टाइम से घर पहुच गये थे. हमने लंच किया. फिर शाम को 5 बजे बर्तडे पार्टी मे जाने के लिए रीडी होने लगे. मैं शर्ट और जीन्स मे रीडी था. पर जैसा की लड़कियाँ ज़डा टाइम लेती हैं रीडी होने के लिए, मेरी दीदी ने मेक-उप तो कंप्लीट कर लिया था पर ड्रेस चूज़ करने मे अभी भी वो कन्फ्यूज़ थी. उसने मुझे अपने रूम मे कॉल किया - "रवि.. रवि, इधर आ"

    मैं दीदी के रूम मे गया, उसने ग्रीन कलर का सूट पहना था.. पर सलवार उसने अभी नही पहनी थी. उसके घुतने के नीचे का हिस्सा, और सूट के साइड से जांघे सॉफ दिख रही थी. मुझे तो अपनी खूबसूरात दीदी को देख के अच्छा लग रहा था. दीदी ने कहा - "यार ये सूट मे पर अच्छी लगेगी?"

    मे - "हाँ यार, पहेनले तू इसी को, अच्छा तो है"

    दीदी - "पर इसकी मॅचिंग सॅंडल नही है मेरे पास."

    मे - "तुम लड़कियों की यही प्राब्लम है.. पहन लो ना दीदी तुम पर अच्छा लगेगा"

    दीदी - "अच्छा ये वाली जीन्स और ये पिंक टॉप कैसा लगेगा मेरे ऊपर?"

    मे - "हाँ ये भी अच्छा है, इसी को पहन लो फटाफट."

    दीदी - "ओके.. " फिर मैने कहा - "ओके मैं चलता हू, पहन के बुलाना"

    दीदी - "अरे रुक ना, 2 मिनिट तो लगेगा" फिर मैने कहा - "मेरे सामने चेंज करेगी क्या?"

    दीदी - "अरे तू भाई है ना.. अच्छा चल उधर देख तो" (दीदी ने जेनस पहेनटे हुए कहा, सूट उसने अभी भी पहना हुआ था ग्रीन कलर का, अब सूट खोल के टॉप पहनने की अरे थी)

    मे - "अच्छा? मैं तो भाई हू ना.. चल ना जल्दी चेंज कर."

    दीदी ने हल्की सी आइब्राउस चढ़ाई और मंद सी मुस्कुराहट और ना का बराबर गुस्से के साथ सूट खोलते हुए बोली - "बेटा बहुत बेशरम हो गये हो तुम शादी करवानी पड़ेगी तुम्हार अब जल्दी से".

    मे - "चल हाथ, अभी तो मेरे खेलने कूदने के दिन हैं.. हाँ तेरी शादी पहले होगी बेटा.. क्या मस्स्ट लग रही हो दीदी तुम (दीदी ने लाइट येल्लो कलर का ब्रा पहना हुआ था), तुमसे जो शादी करेगा वो लक्की होगा"

    दीदी - "क्या ? (टॉप को एक हाथ से अपने ब्रा से कवर्ड ब्रेस्ट के सामने रखते हुए) और ये मेरा हज़्बंद लक्की होगा, इसका मतलब ?"

    मे - "तू ब्यूटिफुल है ना.. और कुछ नही. कुछ बुरा लगा क्या ? सॉरी-सॉरी यार.."

    दीदी - "नही गढ़े इट्स ओके. अभी अरे फ्रेंड्स (टॉप पहेनटे हुए), मैं तेरी बहें नही होती गर्लफ्रेंड या वाइफ होती तब तो लगता है तू मेरे से चिपका ही रहता. हहा.. रवि, तेरे को मैं इतनी अच्छी लगती हू?"

    मे - "हाँ, इतनी बुरी तो हो नही तुम.. "

    दीदी - "ओ हो.. सुर बदल गये! आब्बी टब ही बुरा नही है लॉल"

    मे - "ओये.. मैं अच्छा ही हू.. ऐसे बुरा नही हू तो बना ले अपना बाय्फ्रेंड लॉल" हां

    दीदी - "चल ना ओये सॉरी. वैसे मेरा स्वीतू भाई बाय्फ्रेंड ही तो है मेरा (दीदी ने स्वीट सा स्माइल देते हुए कहा)"

    मे - "फिर चिपकू-चिपकू रहूँगा तेरे साथ.. वैसे बाहर तो सब अपने को गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड ही समझते हैं हाहाहा. घर मे तो भाई बेहन रहो यार ! स्मझी गर्लफ्रेंड?"

    दीदी मिरर के सामने खड़ी हो के बोली - "अच्छा बता मैं कैसी लग रही हू? और आज तो आंटी-अंकल भी नही हैं घर पर. फिर.. तो आज घर मे भी गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड!"

    हम दोनो हंस पड़े. फिर मैं दीदी के पास (मैं दीदी के ज़डा पास खड़ा था, मेर राइट शोल्डर और दीदी का लेफ्ट शोल्डर टच कर रहा था) मिरर के सामने गया और कहा - "अच्छी लग रही हो.."
    दीदी - "इतना पास क्यू खड़े हो बेटा तुम? लॉटरी लगी है क्या?

    मे - "छिपु! मेरी गर्लफ्रेंड दीदी.. तू मेरी गर्लफ्रेंड है तो मेरी तो लॉटरी हे हुई ना"

    दीदी - "बदमाश (मुस्कुराते हुए)"

    मे - "दीदी एक फोटो क्लिक करू? मस्त पिक आएगी"

    दीदी - "ओये पिक्चर देख के कहेगा कोन भाई बेहन है? कपल्स लगेंगे ऐसे तो. अपनी जोड़ी जम रही है ना? मैं तेरे लिए अपने जैसी लड़की ढूंढूंगी शादी के लिए:.

    मे - "नही रे, ई लाएक यू, बीवी बाद मे.. पहले गर्लफ्रेंड"

    दीदी - "बदमाश.. क्या करोगे अपनी गर्लफ्रेंड के साथ?" मे - "अरे, जो करते हैं वही"

    दीदी - "हम लोग भाई बेहन हैं यार, मैं भी तेरे क्लोज़ आना चाहती हू.. "

    मे - "क्लोज़? आओ ना प्लीज़.. भाई बेहन तो अच्छा है ना, तू मेरे से ज़डा ट्रस्ट करेगी किसी को? लेट्स प्ले तीस ब्यूटिफुल गेम दी, और हम लोग अग्री हैं ना.. फिर कैसी प्राब्लम? घर मे तो हमारी पर्सनल लाइफ है! हम कुछ भी करें. हैं तो लड़का लड़की ना" (मासूमिया से बोला मैं)

    दीदी - " फिर तू मेरे से डेली चिकेगा.?"

    मे - "हाँ. और नही तो क्या? इतनी प्यारी सिस्टर हो तो चिपकना तो बनता है.. आज नही जाते हैं दीदी बर्तडे पार्टी मे.. दीदी, कॅन ई. एम्म क्या मैं किस कर सकता हू तुमको?"

    दीदी - "ऑफ हो.. सिर्फ़ किस? अपनी प्यारी दीदी को ई मीन अपनी गर्लफ्रेंड को बस किस करेगा? इतने सीधे तो नही हो बॉस तुम" मैं हँसने लगा, मैं और दीदी बहुत करीब थे, आँखों मे आँखें डाल देख रहे थे एक दूसरे को.. दीदी का बूब्स को उसके टॉप के ऊपर से मेरी छाती टच कर रही थी. मैने दीदी को हग किया, उसके बूब्स मेरी बॉडी से प्रेस हो रहे थे, मैं दीदी की पीठ को सहला सहा था और धीरे धीरे एक हाथ मैं दीदी की गान्ड मे फेरने लगा और मैने दीदी के कान मे कहा.. "सिर्फ़ किस नही, ई विल फक यू पूम्मी, माई लव"

    पूम्मी ने मेरे गले पर चूमते हुए कहा - "यू अरे रियल मन रवि, ई आम युवर्ज़, ई लव यू टू"

    मैने दीदी से कहा की अब तो यू अरे माई वाइफ ना.. फ्रॅंक्ली बात करो ना, रफ लॅंग्वेज मे. दीदी ने कहा - "हाँ बाबा ओके, सिर्फ़ तेरे से.. जानू"




    मैं दीदी के नेक को स्मूच करने लगा, मादक खुबू है उसके बदन की.. अफ.. दीदी के जीन्स के ऊपर से मैं उसकी गांड सहलाते हुए धीरे से मैने बोला - "सोच लो पूम्मी दीदी, अभी भी टाइम है.. आपके जिस्म के रोम रोम से प्यार करेंगे हम रात भर. एक बार आपको चोदने के बाद रेज़िस्ट नही कर पाएँगी, तुम हो ही ऐसी पूम्मी.. हमेशा चुदवाना पड़ेगा हमसे"

    दीदी मुझसे और भी चिपकते हुए, अपने जिस्म का एहसास करते, धीरे से कान मे बोली - "तू मेरा प्यारा भाई है रवि, तेरे को क्यू मना करूँगी.. ई लाएक यू, एडिओट जब भी तेरा लंड खड़ा होगा मेरे पास आ जाना.. मना नही करूँगी"

    मे - "तेरी शादी के बाद तो मिस करूँगा ना मैं तुमको?"

    दीदी - "अरे तो दीदी से मिलने आ जाना ना.. हम शादी के बाद भी अपना अफेयर चलाएँगे हहा, मैं शादी के बाद घर आउंगी तो हम लोग गप्पे मारने के बहाने एक ही रूम मे सो जाएँगा.. रात को फिर जितना प्यार करना है दीदी को कर लेना.. ओह हो.. चोद ना यार ये सब, करेंगे हम लोग जब मन करेग्गा और मौका मिलेगा. अभी तो ऑपर्चुनिटी उसे करो बेबी".

    मे - "ओह डार्लिंग (मैने दीदी की लेफ्ट बूब्स पर अपना एक हाथ रखा) इतनी ज्ज़लदी है क्या?"

    फिर मैने दीदी की दूसरी (राइट) बूब्स पर उसकी टॉप के ऊपर से किस किया और दीदी से कहा - "पूम्मी बाबू बेडरूम मे चलें?" पूम्मी - "इसे जान, आस यू विश. आइए रवि"

    मे - "हाँ" पूम्मी ने कहा - "मैं वर्जिन हू. आराम से प्यार करना इस नाज़ुक फूल को"

    मैने कहा - "आराम से ? धात्ट.. ऐसे फूल को तो हम जम के प्यार करेंगे जान.. "

    फिर बेड पे मैने धीरे से दीदी को लिटा दिया, और अपनी शर्ट खोल कर दीदी के ऊपर लेट गया, एक हाथ से दीदी के बूब्स को हल्का हल्का प्यार से दबाने लगा, और दीदी के गले को चूमे लगा, दीदी ने भी मेरे को सपोर्ट किया और अपना एक हाथ मेरे सर के ऊपर रख के मेरे चेहारे को अपने ऊपर फोर्स कर रही थी और दूरा हाथ उसने मेरी पीठ पर रखा.

    मैने अपना सर ऊपर किया, और दीदी के होंठ की तरफ अपने होंठ ले गया.. और कहा - "जान आपने पिंक लिप्स बहुत खूबसूरात हैं" दीदी - "चूम लो रवि.. इन पर सिर्फ़ तुम्हारा ही हक है"

    फिर दीदी के होठों को हल्का सा चूमा मैने, हल्का सा जीभ फेरी उसकी ऊप्पर लीप पर.. फिर हम फ्रेंच किस करने लगे, मैं उसके होंठ चूसने लगा, वो बराबर मुझे सपोर्ट कर रही थी. अपनी दीदी के जिस्म के ऊपर लेट कर उसे प्यार करने का अलग ही मज़ा है. फिर दीदी के मूह मे मैने अपनी जीभ डाली, वो भी मेरे मूह मे अपनी जीभ डालती बीच बीच मे. हम एक दूसरे के होठों को 15 मिनिट चूमते चुसते रहे.. जीभ को चूसना सच मे लाजवाब था.. 15 मिनिट मे हमारी साँसे फूल गयी थी.

    मैने दीदी को बेड पर बिठया, और उसकी टॉप नीचे से उतने लगा, दीदी ने भी अपनी मादक अदा के साथ अपने दोनो हाथ ऊपर कर दिए, उसकी टॉप खोली नही मैने की वो मेरी बनियान उतरने लगी. फिर दीदी को मैने बेड पर वापिस धक्का दिया और उसने भी मुझे अपने ऊपर खीच लिया, दीदी की ब्रा के ऊपर की मैं चूमने लगा, फिर दीदी के होंठ चूसने लगा.. दीदी की गार्डेन पर चूमा, उसकी गार्डेन को लीक किया, वो मदहोशी मे हल्की हल्की आ भरने लगी और वो भी बीच बीच मे सर उठा कर मेरी गार्डेन पर किस्सस करने लगी , स्मूच कराती..

    मैं धीरे धीरे उसके बूब्स की ओर बढ़ा.. ब्रा के ऊपर बूब्स दबा कर उसके उभारों पर किस करने लगा. दीदी की सासें तेज़ थी. फिर दीदी के पेट पर चूमने लगा, उसकी नाभी को लीक किया. दीदी ने अपना एक पैर मेरे कमर के ऊपर रख दिया था.. मेरी नज़र दीदी के शेव्ड आर्म्पाइट्स पर गयी.. दीदी के शोल्डर्स को मैने किस करते करते उसके आर्म्पाइट्स पर जीभ फेरी. टेस्ट हल्की सी नमकीन थी, पर मज़ा आ रहा था. दीदी ने कहा - "तेरे को आर्म्पाइट फेटिश है क्या?" मैने कहा - "नहीं दीदी. तुम्हारे तो आर्म्पाइट्स भी सेक्सी है"

    इतने मे दीदी मेरे ऊपर आई और मेरे सीने पर , मेरे गले पर बहुत सारे किस्सस किए. फिर दीदी ने मेरी पेंट खोल दी.. और मेरे आंडरवेयर के ऊपर से ही मेरे खड़े लंड को हल्के हाथ से मसल के ऊपर से किस किया और बोले - "रवि ये तो तेरी तरह ही बदमाश है (हंसते हुए)"

    मैने दीदी को बाहों मे लिया और बोला - "पूम्मी तेरी चुत मे भी उतनी ही बदमाहियाँ करेगा ये" फिर मैने दीदी के लिप्स को चूसना शुरू कर दिया.. थोड़ी देर लीप किस्सिंग के बाद मैने दीदी की जीन्स खोल दी. फिर जैसे ही दीदी के ऊपर झपट्टा मारा वो मुझे चिढ़ाने के लिए नखरे करने लगी, अपने बूब्स (जो ब्रा से ढके हुए थे) को दोनो हाथों से धक लिया और बिस्तर पर पेट के बाल लेट गयी. उसकी पीठ मेरी तरफ थी.. फिर क्या हां.. उसकी ब्रा का हुक मैने खोल दिया.. और उसके पीठ को चूमने लगा, उसकी गार्डेन के पीछे के भाग को चूमा, दीदी की आहें और तेज़ हो गयी थी.. फिर के छकनी कमर को इतना चूमने चातने के बाद भी मेरे मूह से लार टपक रहा था. उसकी कमर बहुत खूबसूरात है. दोबारा मैने उसके पीठ और कमर की जी भर के खुश्बू ली और चूमा.

    दीदी की आँखें देख के लग रहा था वो कितनी सॅटिस्फाइड है.. उसने अपनी ब्रा को साइड फेका और मुझे आमंत्रित किया. पहले उसके गले को, फिर होंठ को चूमा, फिर उसकी 33 साइज़्ड चूचियों को दबाया. बेहद नरम और कोमल.. उसका शरीर गरम ऐसा था मानो उसको बुखार हो ! दीदी के निपल्स को मैं जब भी दबाता दीदी के मूह से "आ, उूुुुउऊहह" की आवाज़ें निकलती. दीदी के निपल्स को खूब छाता, चूमा मैने, बहुत प्यारे बूब्स हैं.. दीदी को भी मज़ा आ रहा था वो भी अपनी छ्चाटी ऊपर कर कर के मेरे मूह मे अपने बूब्स दे रही थी.

    दीदी ने कहा - "रवि.. जान अब रहा नही जाता,, प्लीज़.. करो ना.."

    मे - "दी मैं बहुत एग्ज़ाइटेड हू.. ऐसे आपको चोदूंगा तो मेरा कम जल्दी निकल जाएगा.. मुझे ब्लोवजोब चाहिए. तुम मेरा लंड चूसो, फिर जब तक मैं तुम्हारी चुत का स्वाद लूँगा मेरा लंड फिर खड़ा हो जाएगा स्वीटहार्ट."

    दीदी ने देरी नही की.. वो उठ कर बैठ गयी.. और मैने भी अपना आंडरवेयर निकल कर घुतनो के बाल उसके मूह के सामने अपने लंड कर खड़ा हो गया. दीदी ने कहा - "ओह रवि.. (किस करते हुए लंड पर) इट्स आसम. भाई इट्स क्यूट.. मुझे मज़ा आएगा. पर ये बड़ा है, मेरी वर्जिन चुत मे आराम से घुसना नही तो मेरी चुत फट जाएगी यार"

    मे - "दीदी तू तेनतीओं ना ले.. बहुत प्यार से प्यार करूँगा तेरे को"

    दीदी ने मेरे लंड के स्किन को निक्के किया और लंड के सुपाडे को चूसने लगी. उसके होंठ और जीभ बहुत अच्छा काम कर रहे थे. वो मेरे लंड को मूह मे अंदर बाहर करने लगी, उसके मूह मे बहुत अच्छा फील हो रहा था, गरम सा एहसास हो रहा था लंड पर. मैं भी अब दीदी के मूह मे लंड पेलने लगा. दीदी मेरे लंड के उपरी भर को चुस्ती और अंदर बाहर कराती मेरे लंड को अपने मूह मे. आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह दीदी .. म्मम्म

    दीदी मेरा कम निकालने वाला है थोड़ी देर मे.. दीदी - "ह्म"

    मे - "दीदी प्लीज़ अपने लवर का कम अपने मूह मे ही गिरना.. मेरे कम को पे जाना.. ई लव यू दीदी. आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह अहहह अहः दीदी. रीडी,,, आहह"

    मेरा कम निकल गया, दीदी मूह मे ही मेरे लंड को तेज़ पंप करने लगी अपने हाथ से. मेरा सारा कम निकल गया तो उसने अपने मूह खोल कर मेरा वाइट कलर के कम दिखाया.. मैने उसको लिप्स क्लोज़ करने कहा, उसके लिप्स पर एक किस किया और कहा "ताक़ि इट इनसाइड दीदी. तुम्हारे लवर का कम है.." उसने थोड़ा सा मूह बनाया पर मेरा कम पे गयी..फिर उसँके मूह खोल के दिखाया तो मैने उसके फोरहेड पर किस किया.. पर दीदी ने मेसन सा चेहरा बनाया और बड़े प्यार से पर ज़ोर से मेरे होंठों पर चुम्मा दिया और लीप किस करने लगी..मेरे होंठ चूसने लगी.. पता नही मेरा कम पीने के बाद मुझे भी टेस्ट करवाने ऐसा गुस्से मे किया या फिर प्यार मे. एनीवे, मुझे मेरे ही कम का टेस्ट ज़रूर आ रहा था, पर जुवैसी पिंक लिप्स मेरी दीदी के थे इसलिए मुझे अच्छा लग रहा था.

    सडन्ली दीदी बोली - "तुम भी अपने लवर का कम पियोगे ना? प्लीज़ जान.. ई लव यू"

    मे - "हाँ पूम्मी, ई आम हंग्री फॉर युवर पुसी जूस जान.. जब से तुमको लाएक कराता हू तब से तुम्हारे लिए तरस रहा हू. कहा ज़ाऊगा मैं तो तुम्हारी चुत.. उहह पूम्मी माई लव.. ई लव यू बेबी.. पूम्मी मैं हमेशा तुम्हारी चुत का रस पियुंगा. तुम पिलाओगी ना अपना रस मुझे?

    दीदी - "हाँ.. मेरी चुत तेरी ही तो है, जितना चाहो, जब चाहो इसको प्यार करो बाबू. अब करो ना वाहा किस, कितना तड़पावगे.. "

    मे - "जान अभी तो सिर्फ़ 7पीयेम बज रहे हैं. पूरी रात बाकी है, 11 घंटे हैं सुबह तक (दीदी की गीली पैंटी सरकाते हुए कहा मैने, दीदी की पैंटी चुत के पास काफ़ी गीली थी) पूरी रात तुम्हारी चुत को प्यार करूँगा.. ओह कितनी प्यारी है दीदी ई लव यू दी"

    दीदी बिस्तर पर लेती रही, उसकी पैंटी उतार कर उसकी जांघों को चूमने लगा, दीदी शर्म के मारे अपनी चुत को हाथ से ढकने लगी, उसकी गोरी जांघों को चातने के बाद उसका हाथ हटाया मैने, एकदम क्लीन शेव्ड चिकनी चुत. चुत गीली थी, मैं उसकी चुत पर अपनी जीभ फेयर कर पूछा पानी सॉफ कर दिया. जैसे ही झिभ से मैने दीदी की चुत को टच किया था मेरे लंड मे जान पड़ने लगी थी वापिस. पूम्मी की जांघों को उठा कर ऊपर किया मैने ताकि उसके चुत को प्यार करने मे परेशानी ना हो.

    दीदी की चुत पिंक कलर की है, पिंकिश ब्राउन कलर के पुसी लिप्स, मैने दो फिंगर्स से दीदी की चुत स्प्रीड की तो नज़ारा जन्नत का था. जांघों को किस करते हुए अंगूठे से मैं दीदी की चुत को मसलते रहा और दीदी आ भाराती रही..

    दीदी - "अब चूस ना मेरी चुत को कितना तडपाएगा.. बहेनचोड़"

    उम्माआः (दीदी की चुत पर किस) फिर क्या हां दीदी की चुत तो पनिये ही थी ही, मैने उसके क्लिट को मसलते हुए जीभ घुसा घुसा कर चाहता चुत को, पर मेरी उंगली पूरी ना घुस पाई, बहुत टाइट चुत है. "दीदी रियली क्या टाइट चुत है तेरी, मक्खन सी मुलायम और वर्जिन." म्‍म्ममम्म स्लूप ! स्लर्प! स्लर्प !.. "आआ आआआहह " दीदी गांड उचकाने लगी और मेरे सर को अपने हाथों से चुत पर दबा लिया. मुझे पता था उसका पानी निकलने वाला है. वो और तेज़ घिसने लगी अपनी चुत मेरे मूह पे. "आआअह्ह ओह " पूरी चुत पनिया रही थी, मैं रस के कुछ बंद पिए भी, "ई लव यू दीदी. यू अरे टू टेस्टी बेबी"

    दीदी - "अब चोद ना. मेरा पूरा जिस्म तेरा है.. जी भर के चोद.. प्लीज़.. रवि.. आ ना यार, चोद ना अब,, और नही सहा जाता"

    मैं दीदी के ऊपर मिशनरी पोज़िशन मे लेट गया, दीदी ने अपने राइट हॅंड से मेरे लंड को अपनी चुत के द्वार पर रखा.. अब कंट्रोल नही हो रहा था इसलिए मैं एक तेज़ झटका मारा..

    दीदी - "आहह आब्बी.. आआआआः फट गयी मेरी.. म्‍म्महमहममम आराम से प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे दर्द हो रहा है"

    मैने धीरे धीरे आधा लंड घुसा के अंदर बाहर करना शुरू किया, दीदी भी कुछ रिलॅक्स हो गयी थी, पर दर्द उसको हो रहा था, उसकी चुत से खून निकल रहा था. मैने लंड हल्का हल्का पेलते हुए उसके होठों को चूमना शुरू किया.. करीब 10 मिनिट मे वो शांत हो गयी थी.. अब मेरा लगभग पूरा लंड अंदर जा चुका, मैने बढ़ता बधाई..

    "चाप" "चाप" "चाप" "चाप" "चाप" "चाप"

    आआह्ह अहहा उूुउऊहह डीडीी.,,,, आहह मेरी जान...

    मैने लंड पेल रहा था दीदी ने अपने दोनो पैर मेरे कमर के ऊपर चढ़ा दिए थे और पूरी चिपक गयी थी मेरे साथ, मेरे लंड के बढ़ता के साथ उसका गान्ड भी उकचल रहा था..

    "ओह जान तुम्हारी चुत कितनी वॉर्म है" आआअहह

    रूम मे सिर्फ़ 3 आवाज़ें गूँज रही थी.
    1) दीदी के गान्ड से मेरे जाँघ टकराने की आवाज़ "टपक" "टपक" "टपक" "टपक"
    2) "आअहह" उहह
    3) लंड और चुत के मिलन की आवाज़.. "चाप" "चाप - चाप - चाप"

    चोद रवि और ज़ोर से . और ज़ोर से...

    मैं दीदी के उओपार से उठा और उसे घोड़ी बनाया. "अब हम डॉगी स्टाइल मे चुदाई करेंगे दीदी"

    दीदी को कुतीया बना कर मैं पीछे उसके दोनो पैरों के बीच मे आ कर चुत मे लंड घुसाया. "आहह रवि. उूुुउउम्म्म्मममम " मैने 5-6 झटके मारे और लंड निकल के दीदी की चुत को चूमने चातने लगा. इतनी मस्त चुत और गान्ड को इस पोज़िशन मे देख के कोई नही रही पाएगा. "दीदी.. उम्माहह डुंिया की सबसे प्यारी गान्ड और चुत है तुम्हारी. म्मम्म्म वोवव.. " "हाँ रवि.. अब तेरी ही है ये चुत. प्लीज़ चोद मेरे को. "

    मैने वापिस चुत मे लंड डाला और पहलने लगा करीब 10 मिनिट बाद मैं दीदी की चुत मे स्खलित हो गया और पूरा वीर्या दीदी की चुत मे डाल दिया. (अगले दिन मैने दीदी को ओरल पिल्स ला के दी सो डेठ वो प्रेग्नेंट ना हो जाए"

    पर दीदी अभी स्खलित नही हुई थी. मैने दो उंगलियाँ दीदी की चुत मे डाल के उसकी क्लिट पे जीभ फेरने लगा. 5-7 मिनिट मे दीदी का भी पानी निकला गया. हम बहुत तक गये थे. दीदी को मैने अपनी बाहों मे भर लिया और वो मेरे सेनए पर सर रख के सो गयी.

    दीदी - "बहुत मज़ा आया जान, पर तूने तो मेरी चुत का कचूमर बना दिया, फट गयी मेरी चुत"

    मे - "तो क्या हुआ मेरे लंड से फटी है ना. अब मेरे लंड के काबिल हो गयी तुम्हारी छोटी चुत. पर सच मे तुम्हारे जैसी कोमल है तुम्हारी चुत दीदी."

    हमने लीप किस किया फिर दीदी बोली - "अब तेरे को जब भी मन करेगा मेरे पास आ जाना स्वीट हार्ट"

    मैने दीदी के बूब्स दबाते हुए गार्डेन पर एक चुंबन दिया "उम्म्माह" और कहा - "वो तो पता तुम अब मेरी हो. तुमको मैं और मेरा लंड दोनो पसंद हैं. ओह जान ई लव यू"

    हम थोड़ा सा हँसे फिर आराम से सो गये. बहुत तक गये थे हम लोग. मेरे और दीदी के बीच चुदाई का ये जो कभी ना थमने वाला सिलसिला शुरू हुआ, इसकी अगली कहानी मैं जल्दी लिखूंगा की अब हमारी घर मे सेक्स लयफए कैसी है और घर मे अब हम रोज़ कैसे चुदाई करते हैं.
    ओह मेरी प्यारी दीदी - Desi Story
     
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