बाबा की पूजा में चूत की कुर्बानी

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by 007, Aug 31, 2017.

  1. 007

    007 Administrator Staff Member

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    प्रेषक : गुमनाम .

    हैल्लो दोस्तों, आप सभी का कामुकता डॉट कॉम पर बहुत बहुत स्वागत है। आप लोगों की तरह मुझे भी सेक्सी कहानियाँ पढ़कर उनके मज़े लेना बड़ा अच्छा लगता है, मैंने अब तक ना जाने कितनी कहानियों के मज़े लिए, लेकिन आज में अपनी एक सच्ची घटना को सुनाने आया हूँ जो मेरे पड़ोसी की है और जिसके साथ यह सब हुआ उसने मुझे बताया और मैंने लिखकर इस कहानी को आप तक पहुंचा दिया में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी पढ़ने वालो को जरुर पसंद आएगी। दोस्तों यह कहानी मेरे गाँव के एक अंकल आंटी और आंटी की बहन से जुड़ी हुई है, मेरी उस आंटी की उम्र करीब 26 साल है उसके बड़े बड़े बूब्स, मोटी सी गांड उनका पूरा भरा हुआ गोरा बदन देखने पर वो एकदम हॉट सेक्सी माल लगती है। उसकी बहन जो आंटी के पास ही रहकर घर के काम के अलावा कुछ इतना खास काम नहीं करती जिसकी उम्र 18 साल गोरा रंग बड़े आकार के बूब्स जैसे कि उसने इसने सालों से उनके ऊपर ही ध्यान देकर उनको इतना बड़ा किया हो और वो दिखने में इतनी सुंदर थी जैसे कि कामवासना तो उसके कामुक जिस्म में कूट कूटकर भरी हो। कोई भी लड़का एक बार अगर उसको देख ले तो वहीं पर उसके सामने ही मुठ मारने के लिए मजबूर हो जाए। हर कोई उसके गोरे सुंदर बदन का दीवाना होकर उसकी तरफ आकर्षित हो जाए। दोस्तों मेरी उस आंटी की शादी को बहुत साल निकल जाने के बाद भी कोई भी बच्चा नहीं हुआ था इसलिए वो हमेशा बड़ी परेशान रहा करती थी वरना उनको इसके अलावा कोई भी दुःख समस्या नहीं थी और एक दिन अपनी कुछ सहेलियों से एक बाबा का नाम सुना। उस बाबा के चमत्कार से बहुत लोगो के काम सफल हुए थे और जिस किसी भी औरत के बच्चे नहीं होते थे वो उस औरत को बच्चा देने का वादा करता था और इस काम में वो बड़ा प्रचलित भी था।

    एक दिन आंटी और उसकी बहन उस बाबा का नाम और उसके कामो को सुनकर उसके पास पहुंच गई और फिर उसने बाबा को अपनी पूरी कहानी विस्तार से बता दी जिसके बाद वो रोने लगी। तो बाबा ने उन दोनों को बहुत ध्यान से पहले ऊपर से नीचे तक देखा जिसके बाद उसकी आखों में कामवासना की एक चमक सी दौड़ गयी और उसने जब आंटी की बहन को देखा तब उसने नाटक करते हुए तुरंत ही कहा कि यह बहुत ही तुम्हारा बड़ा मुश्किल समय है यह सब तुम्हारी बहन के दोष से हो रहा है क्योंकि तुम्हारी बहन की कुंडली में दोष है, जिसकी प्रभाव से तुम्हारी अब तक कोई भी संतान नहीं है और अब इस काम को सफल करने के लिए मुझे एक पूजा करनी पड़ेगी, जिसकी वजह से तुम्हारी बहन का यह दोष खत्म हो सके और इसके साथ रहने वाले सभी बुरी शक्तियाँ इसके साथ साथ तुम्हारा भी हमेशा के लिए पीछा छोड़ देगी। उसके बाद तुम हंसी ख़ुशी अपना जीवन जीना कभी कोई परेशानी तुम्हे नहीं आने वाली। अब आंटी ने बाबा से पूछा कि मुझे कब से इस पूजा के लिए आना पड़ेगा? तभी वो बाबा कि इस पूजा के लिए तुम्हे नहीं आना इसके लिए तुम्हारी बहन को ही अकेले कल से अकेले यहाँ पर आना पड़ेगा। फिर आंटी ने भी तुरंत उसकी हाँ में हाँ मिलाकर कहा कि हाँ ठीक है बाबा में इसको कल से आपके पास भेज देती हूँ और वो वहीं पर प्रिया से कहने लगी कल से कोई भी काम नहीं करोगी बस सबसे पहले तुम कल से बाबा के साथ पूजा करोगी और इसकी वजह से तुम्हारे साथ साथ मेरा भी भला होगा। अब बाबा के चेहरे पर आंटी के मुहं से यह सभी बातें सुनकर मन ही मन खुश होकर एक बड़ी ही गंदी सी मुस्कान आ गई, बाबा ने सोचा कि चलो कई बार शादीशुदा औरतो को चोद ही चुका हूँ, अब पहली बार एक कुंवारी कमसिन कली की भी चुदाई के मस्त मज़े लिए जाए और इसकी कुंवारी चूत को अपने लंड से चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट करके इसको कुंवारी कली से एक फूल बनाने का अब वो ठीक समय आ गया है। फिर कुछ देर बाद आंटी अपनी उस कुंवारी बहन को अपने साथ लेकर बड़ी खुश होती हुई अपने घर चली आई। उनकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था और फिर दूसरे दिन जल्दी सुबह ही प्रिया बिल्कुल अकेली बाबा के पास पूजा करने के लिए पहुंच गई और उसने सबसे पहले जाते ही बाबा को प्रणाम करते हुए नीचे झुककर उनके पैरों को छुआ जिसकी वजह से उसके दोनों बूब्स बड़े गले के सूट से उभरकर बाहर आ गए और उस मनमोहक द्रश्य को देखकर बाबा एकदम तिलमिला उठा और उसकी आखों में एक बड़ी अजीब सी चमक आ गई। फिर कुछ देर उसके जिस्म को ऊपर से लेकर नीचे तक घूरकर देखने के बाद बाबा उससे बोले बैठो बेटी और वो तुरंत नीचे बैठ गई उसके बाद बाबा मन में मन्त्र पढ़ने लगा और थोड़ी देर के बाद वो उससे बोले लो बेटी इसको तुम एक ही साँस में पी लो यह अमृत रस है।

    फिर प्रिया ने उसका कहना मानकर वो पी लिया और कुछ देर बाद उसके ऊपर धीरे धीरे नशा चढ़ने लगा कुछ देर बाद बाबा ने उसको अपनी गोद में बैठने के लिए कहा, लेकिन वो इस काम को करने के लिए थोड़ा सा शरमा रही थी। फिर बाबा ने उससे कहा कि तुम अगर अपनी दीदी की पुत्र प्राप्ति चाहती हो तो बैठ जाओ और फिर वो डरते हुए उसकी गोद में आकर बैठ गई और कुछ देर बाद बाबा का लंड अब खड़ा होने लगा था और वो प्रिया की गांड में चुभने लगा, प्रिया उस समय थोड़ा नशे में थी इसलिए अब उसको भी मज़ा आने लगा था। बाबा अपनी मंद आवाज से कुछ फुसफुसाते हुए उसके बालो पर हाथ फेरने लगा जिसकी वजह से कुछ देर बाद उसके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी थी और बाबा एक घंटे तक उसको गोद में बैठाकर उसके बदन से खेलता रहा और जब वो होश में आने लगी तो उसको लगा कि उसकी पेंटी अब गीली हो चुकी है। फिर उसने बाबा से कहा कि बाबा मेरी पेंटी गीली हो गई है। तो बाबा ने उससे कहा कि यह अमृत रस और पूजा का प्रभाव दिखने लगा है जाओ बेटी तुम अब अपने घर चली जाओ और कल फिर से आ जाना, यह बात सुनकर पूजा ने बाबा के पैर छुए। तो बाबा ने उसकी पीठ को सहलाते हुए उससे हंसकर बोला कि जाओ तुम सदा ही जवान रहो और वो यह बात सुनकर शरमाते हुए चली गई और फिर दूसरे दिन सुबह नहा धोकर उसने एक फ्रोक पहन ली और उसके बाद वो पूजा करने के लिए बाबा के पास चली गई। दोस्तों उस दिन वो उस फ्रोक में बहुत ही कामुक नजर आ रही थी और जब वो बाबा के पास पहुंच गई तब उसने आज भी सबसे पहले बाबा के पैर छुए और उन्होंने उसको अपनी तरफ से आशीर्वाद दिया। उसके बाद वो जब बाबा के कहने पर बैठने लगी तो उसके एक पैर की जांघ पर बाबा को एक बड़ा सा तिल नजर आ गया, जिसको देखकर वो मन ही मन अपने अगले काम के बारे में विचार बनाकर बड़ा खुश हुआ और उसके बाद प्रिया को अम्रत रस पिलाने के बाद बाबा ने मन में ही अपने होंठो को हिलाकर दोनों आखों को बंद करके कुछ मन्त्र फुसफुसाया और तभी वो अचानक से ज़ोर से चिल्ला पड़ा कहने लगा घोर अनर्थ तुम्हारे जांघ पर एक तिल है। तो प्रिया ने सुनकर एकदम चकित होकर उसी समय तुरंत ही अपनी फ्रोक को उठाकर वो तिल देखने लगी और बाबा उसकी गोरी मोटी मोटी जांघो को घूरने लगा उसके बाद बाबा ने उसको अपनी गोद में बैठा लिया और फिर वो उसकी तिल वाली जगह को अपने एक हाथ से सहलाने लगा, जिसकी वजह से कुछ देर में उसका लंड अब ऐसा हो गया जैसे वो उसकी धोती को फाड़कर बाहर निकल जाएगा और वो उसके गोरे कामुक जिस्म से लगातार खेलता जा रहा था। फिर कुछ देर बाद प्रिया के मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी और उसकी आखें नशे से लाल होने लगी थी। अब बाबा उसके बूब्स पर अपना एक हाथ फेरने लगा और बीच बीच में हल्का सा दबा भी रहा था। हाथ फेरते हुए उसने प्रिया से पूछा कि क्यों प्रिया बेटी में यह जो रोज तुम्हे पूजा करवाता हूँ तुम्हे कैसा लगता है? पहले तो प्रिया ने शरम से कुछ नहीं बोला, लेकिन बाबा के दोबारा से पूछने पर उसने अपने सर को शरम से नीचे झुकाकर बड़े ही धीमे स्वर में बोला कि मुझे बहुत मज़ा आता है।

    फिर यह बात उसके मुहं से सुनकर बाबा एकदम खुश हो गया और अब वो जोश में आकर उसके बूब्स को पहले से भी ज्यादा ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और फिर उसके मुहं से मुहं मिलाकर वो अब किस भी करने लगा, जिसकी वजह से उन दोनों को मज़े के साथ साथ बड़ा ही जोश भी आ गया। अब प्रिया का बदन एकदम कांपने लगा और वो जोश में आकर बिल्कुल पागल हो चुकी थी। उसको कुछ भी होश नहीं था और इस बात का फायदा उठाकर बाबा ने बिना देर किए प्रिया की उस फ्रोक को तुरंत ही उतार दिया था, जिसकी वजह से प्रिया अब उसके सामने सिर्फ़ पेंटी, ब्रा में थी। अब बाबा ने उसका सारा बदन चूमना शुरू किया तो कुछ देर बाद प्रिया एकदम गरम हो चुकी थी। मौके का फायदा उठाकर बाबा ने तुरंत ही उसकी ब्रा, पेंटी को भी उतार दिया, जिसकी वजह से प्रिया के बड़े आकार के गोरे बूब्स झूलते हुए उसके सामने आ गए और वो उसके बूब्स की उठी हुई निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा साथ और ही दूसरे बूब्स को दबाने लगा, जिसकी वजह से कुछ देर बाद प्रिया के बर्दाश्त से बिल्कुल बाहर हो गया और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी थी। फिर कुछ देर बाद बूब्स को छोड़कर अब बाबा ने नीचे आकर वो प्रिया की चूत को अपना निशाना बनाकर वो अब उभरी हुई रसभरी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा, अपनी जीभ से चूत के गुलाबी होंठो को सहलाने लगा और उठे हुए चूत के दाने को अपनी जीभ से वो टटोलने लगा था, जिसकी वजह से अब प्रिया सिसकियाँ लेते हुए कहने लगी ऊउफ़्फ़्फ़ आह्ह् हाँ चूसो ऐसे ही और ज़ोर से चूसो स्स्ईईई वाह मज़ा आ गया। फिर बाबा ने उसकी चूत को चूसते हुए ही अपने सारे कपड़े एक एक करके उतार दिए, जिसकी वजह से अब उसका सात इंच का मोटा लंबा लंड बाहर आकर प्रिया की चूत को सलामी देने लगा। फिर प्रिया ने उसको देखते ही तुरंत अपने एक हाथ में लेकर वो उसको मसलने लगी और लंड के ऊपर नीचे हाथ फेरते हुए उसकी मुठ मारने लगी, ऐसा करने से लंड पहले से ज्यादा अपने विकराल रूप में आकर झटके देने लगा था और एकदम तनकर खड़ा था। अब बाबा ने प्रिया को नीचे बैठने का इशारा करके अपने लंड को उसके मुहं में जबरदस्ती पूरा अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से उसकी आखों से आंसू बह निकले, लेकिन वो अब उस लंड को बड़े मज़े लेकर चूसने लगी थी। वो लोलीपोप की तरह बार बार लंड को पूरा अंदर बाहर करने के साथ साथ टोपे पर अपनी जीभ को घुमाकर पूरा मज़ा ले रही थी। अब बाबा ने भी उसका जोश देखकर अब उसकी गीली चुदाई के लिए फड़क रही चूत में अपनी एक उंगली को अंदर डालकर उससे चुदाई करना शुरू किया, जिसकी वजह से वो अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और इसलिए वो अब चिल्लाने लगी आह्ह्ह प्लीज अब आप चोद दो मुझे, आज मेरी इस चूत को फाड़ दो ऊफ्फ्फ में मर जाउंगी, मेरी चूत का आज आप भोसड़ा बना दो प्लीज, मुझसे अब रहा नहीं जाता, अब कुछ करो मुझे कुछ हो रहा है। फिर क्या था? अपनी चूत की चुदाई का खुला निमन्त्रण देने वाली लड़की की चुदाई करने से कौन भला पीछे हटता है और यह बात सुनकर तुरंत ही बाबा ने अपने लंड और उसकी चुदाई के लिए प्यासी चूत पर बहुत सारा तेल लगाकर दोनों को बिल्कुल चिकना कर दिया।

    फिर उसके बाद अपने लंड को उसने प्रिया की चूत के मुहं पर रख दिया और उसके एक ही जोरदार झटके में पांच इंच लंड प्रिया की चूत को चीरते फाड़ते हुए फिसलता हुआ अंदर चला गया और वो अब उस दर्द की वजह से बुरी तरह से रोने लगी आह्ह्ह ऊफ्फ्फ अरे आज मुझे मर दिया रे आईईईई माँ मेरी जान निकली जा रही है, प्लीज अब बाहर निकाल लो आप अपना यह लंड वरना में मर जाउंगी, लेकिन बाबा के ऊपर उसकी किसी भी बातों का कोई भी फर्क नहीं पड़ना था, उसको तो बस आज प्रिया को चोदकर अपनी संतुष्टि को प्राप्त करके उसकी चूत का भोसड़ा बनाना था और अब उसने एक दूसरा मजबूत तेज झटका दिया, जिसकी वजह से उसका पूरा लंड अब चूत के अंदर चला गया और उसके बाद बाबा ने उसको किस करना शुरू कर दिया और बूब्स भी दबाए।

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    फिर पांच मिनट ऐसा ही चलता रहा और तब जाकर प्रिया का दर्द कम हो गया और उसने अब नीचे से झटके देना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद बाबा ने उसको अपने धक्को की स्पीड को बढ़ाकर अब चोदना शुरू किया और वो चुदाई का खेल करीब बीस मिनट तक वैसे ही लगातार चलता रहा। दोस्तों प्रिया उस बीच दो बार झड़ चुकी थी और अब बाबा भी झड़ने वाला था इसलिए उसने अपने लंड को प्रिया की फटी हुई चूत से बाहर निकालकर लंड तुरंत प्रिया के मुहं में दे दिया और वो हल्के हल्के धक्के देने लगा और प्रिया ने लंड का पूरा वीर्य बहुत ही प्यार से गटक लिया, जिसके बाद प्रिया के चेहरे पर एक संतुष्टि की ख़ुशी वो चमक साफ साफ झलक रही थी, जिसको देखकर पता चला कि आज पहली चुदाई ने उसको असली चुदाई का मस्त मज़ा दिया है। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

    फिर उसके बाद वो अपने घर चली गई और उसने जाकर दरवाजे पर लगी घंटी को बजाया। उसकी आवाज सुनकर आंटी ने आकर दरवाजा खोल दिया और वो अंदर आ गई और अब जमकर चुदाई होने की वजह से प्रिया की चाल एकदम बदल चुकी थी, जिसकी वजह से आंटी को पहली बार देखकर ही उसके ऊपर कुछ शक हो गया, लेकिन आंटी ने उससे तब कुछ भी नहीं कहा और वो वापस रसोई में आकर अपना काम करने लगी। फिर रात में आंटी के पति दारू पीकर आया, उसने कुछ ज्यादा ही पी रखी थी। वैसे कभी कभी अंकल के कुछ दोस्त अंकल को दारू पिला देते है वरना वो कभी दारू नहीं पीते। फिर उस रात को आंटी और अंकल खाना खाकर तुरंत ही अपने बेडरूम में चले गये और फिर अंकल ज़ोर से ऊँची आवाज में चिल्लाने लगे, वो आंटी से कह रहे थे कि आज मुझे तुम्हारी गांड मारनी है और उनके इस तरह ज़ोर से चिल्लाने की आवाज़ सुनकर प्रिया तुरंत ही पीछे की खिड़की पर आकर उनके रूम में देखने लगी और अंकल ज़ोर से चिल्ला रहे थे, चल अब तू अपने कपड़े उतार दे मुझे आज तेरी यह गांड मारनी है।

    फिर आंटी ने उनसे कहा कि लंड तो तेरा ठीक तरह से खड़ा होता नहीं है और तू मेरी गांड मारने चला है, पहले मेरी चूत तो ठीक तरह से मार ले उसको तो तू ठीक से चोद नहीं पाता तो गांड क्या खाक मारेगा? अब अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा कि मेरी रानी तुम इसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो, में आज बहुत से अच्छे मन लगाकर करूंगा और इतना मस्त मज़ा दूंगा जिसको तुम पूरा जीवन याद करोगी, आज में चुदाई के पूरे मुड में हूँ और फिर अंकल ने इतना कहते हुए आंटी की साड़ी को पकड़कर खींचने लगे और उनको अपनी बाहों में लेकर उनके होंठो से अपने होंठ लगाकर किस किया और साथ में बूब्स भी दबाने लगे। उनके यह सब करने से धीरे धीरे आंटी की उत्तेजना बढ़ती ही जा रही और बाहर प्रिया खिड़की के पास खड़ी होकर यह सब देखकर जोश में आकर अपने बूब्स को दबा रही थी और वो अपनी चूत में उंगली भी कर रही थी। उसकी आखें जोश से भरकर एकदम लाल हो गई थी। अब कमरे के अंदर अंकल, आंटी की चूत चाट रहे थे और आंटी उनका लंड चूस रही थी कि तभी अंकल ने जोश में आकर अचानक से आंटी के बाल पकड़कर उनको उल्टा पटक दिया और वो अब उसकी गांड को अपनी जीभ से चाटने लगे और कुछ देर बाद वो अपना तनकर खड़ा पांच इंच का लंड आंटी की गांड में डालने लगे थे। अब आंटी लंड के अंदर जाने की वजह से हुए उस दर्द से चीख रही थी और कह रही थी हाँ फाड़ दो तुम आज मेरी इस गांड को आह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ हाँ थोड़ा ज़ोर से धक्के दो।

    दोस्तों अंकल जोश में आकर आंटी के दोनों कूल्हों को पकड़कर तेज धक्के देने लगे, लेकिन वो दो मिनट में ही झड़ गए और ज्यादा देर रुकना अंकल के बस में नहीं था इसलिए अंकल के लंड से निकला वीर्य आंटी की गांड में ही निकल गया और वो झड़कर बिल्कुल शांत हो गये। अब आंटी उनको बेहिसाब गालियाँ देने लगी। दोस्तों प्रिया तुरंत ठीक तरह से समझ चुकी थी कि उसकी दीदी अब तक माँ क्यों नहीं बनी और यह सभी बातें मन ही मन सोचकर उसकी चुदाई का खेल देखकर प्रिया अब अपने कमरे में आकर सो गई और फिर आंटी ने अंकल के थककर सो जाने के बाद अपनी प्यास को मोमबत्ती अपनी चूत में डालकर उससे बुझाकर वो भी थक हारकर सो गई। फिर दूसरे दिन सुबह प्रिया फ्रेश होकर अपने सभी काम खत्म करके अपनी फ्रोक पहनकर बाबा के पास पूजा करने के लिए अपने घर से निकल गई वो बड़ी खुश थी और जैसे ही वो बाबा के पास पहुंची, तब बाबा ने उससे पूछा क्यों प्रिया तुम्हे अब कैसा लग रहा है? तो प्रिया ने मुस्कुराते हुए कहा कि बाबा आपकी इस पूजा ने तो मुझे धन्य ही कर दिया बाबा, लेकिन अब भी मुझे कुछ अधूरा अधूरा महसूस हो रहा है।

    फिर बाबा ने कहा कि हाँ ठीक है में तुम्हारे कहने के मतलब ठीक तरह से समझ चुका हूँ। चलो आज में तुम्हे पूरा कर देता हूँ, यह लो अमृत रस पी लो बेटी और फिर प्रिया ने तुरंत ही वो पानी पी लिया। अब बाबा ने भी बिना देर किए अपनी धोती को उतार दिया और उसके बाद अपने लटके हुए लंड पर बाबा ने बहुत सारा शहद डाला और फिर कहा कि लो बेटी अब तुम सबसे पहले इसकी सेवा करो जिसके बाद यह खड़ा होकर तुम्हारे मन की हर एक इच्छा को पूरा करेगा, लेकिन तुम्हे यह काम पूरा मन लगाकर करना होगा, तब जाकर तुम्हे मन की शांति मिलेगी। अब प्रिया ने बिना देर किए तुरंत ही अपने मुहं में बाबा के लंड को ले लिया और वो बड़ी मेहनत से चूसने लगी। उसको कुछ देर में बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और उसकी मेहनत रंग लाई जिसकी वजह से बाबा का लंड अब तनकर खड़ा हो गया और प्रिया उसको बहुत प्यार से चूस रही थी और बाबा उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था।

    फिर तभी बाबा ने उसका सर पकड़कर एक ज़ोर का झटका लगाकर अपने लंड को प्रिया के गले में नीचे तक उतार दिया, जिसकी वजह से प्रिया की आखें लाल और बड़ी बड़ी हो गई उनसे आंसू भी निकलने लगे थे और बाबा ने जैसे ही उसको छोड़ा उसके मुहं से बहुत सारा लंड का सफेद रंग का चिकना चिपचिपा वीर्य निकलने लगा जो बाहर निकलकर उसके गले तक पहुंच गया। तो प्रिया ने चिंतित होते हुए कहा कि बाबा आपका तो यह माल मेरे मुहं में ही निकल गया अब आप क्या और कैसे करोगे? अब वो हसंते हुए कहने लगा बेटी तुम इसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो, बस तुम इसको पकड़कर इसकी ऐसे ही मन से सेवा करती रहो। फिर देखना अभी कुछ देर में यह पहले की तरह तैयार होकर खड़ा हो जाएगा।

    अब प्रिया ने बाबा की यह बात सुनकर उसके लंड को अपने एक हाथ में लिया और वो उसको मसलने सहलाने लगी फिर उसी समय उसने बाबा से पूछा बाबा गांड मरवाने में कैसा लगता है? बाबा ने उससे पूछा कि तुम मुझसे आज ऐसा क्यों पूछ रही हो? तब प्रिया ने खुलकर बताया कि कल रात को मेरे घर पर मेरे जीजा उनकी पत्नी मतलब की मेरी दीदी की गांड मारने की बात कह रहे थे, लेकिन ठीक तरह से मारने से पहले ही उनका वीर्य निकल गया और अंकल शांत होकर सो गए आंटी भी उनको बुरा भला कहती रही और में वहां से उनके अधूरे मज़े देखकर अपने कमरे में आ गई, इसलिए मुझे भी आज एक बार अपनी गांड मरवानी है।

    फिर बाबा ने कहा कि बेटी तुम्हे उसकी वजह से बहुत दर्द होगा, लेकिन उस काम में मज़ा भी बड़ा आता है। चलो ठीक है आज में तुम्हारी गांड मारूंगा और अब तक बाबा का लंड तनकर खड़ा हो गया था तुंरत ही बाबा ने प्रिया को अपनी गोद में बैठाकर वो उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा और उसको चूसने लगा, जिसकी वजह से प्रिया के मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी थी वो कह रही थी आह्ह्ह्ह बाबा प्लीज अब आप मुझे चोद दो, बाबा मार लो मेरी गांड, क्यों आप मुझे इतना तरसा रहे हो? प्लीज अब ज्यादा देर ना करो मुझे मज़े दो मेरी गांड में अपना लंड डालकर, मार दो आज आप मेरी गांड। फिर बाबा ने तुरंत ही उसकी यह जोश भरी बातें सुनकर उसकी पेंटी को उतार दिया और अब वो नीचे झुककर उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा तब तक जोश में होने की वजह से प्रिया की चूत एकदम गीली हो चुकी थी और बाबा ज़ोर ज़ोर से अपनी जीभ को उसके अंदर बाहर करने लगा।

    फिर प्रिया थोड़ी ही देर अपनी गांड को ऊपर नीचे करती हुई झड़ गई और उसकी चूत से बहुत सारा रस बहने लगा था, जिसको बाबा ने अपनी जीभ से चाटकर चूसकर एकदम साफ कर दिया और उसकी चूत को चमका दिया था और उसको कुछ देर होंठो से चूमने के बाद वो जाकर तेल का डब्बा उठा लाया और अब वो उसकी गांड पर तेल लगाने लगा और उसने अपने लंड पर भी बहुत सारा तेल लगा लिया। दोनों को तेल से बिल्कुल चिकना करने के बाद वो अब बोला कि बेटी तुम्हारे पास में जो रुमाल है उसको तुम अपने मुहं में डाल लो क्योंकि बेटी तुम्हे बहुत दर्द होगा जिसकी वजह से आवाज भी बड़ी तेज होगी। तो प्रिया ने कहा कि में वो सब झेल लूंगी। बाबा बस आप मेरी गांड मारो मेरे दर्द चिल्लाने की आप बिल्कुल भी चिंता मत करो। अब बाबा ने यह जवाब सुनकर अपने लंड को प्रिया की गांड पर रगड़ते हुए अचानक से एक ज़ोर का झटका मार दिया, जिसकी वजह से बाबा के लंड का टोपा गांड के अंदर चला गया और प्रिया दर्द की वजह से ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी। वो बिन पानी की मछली की तरह छटपटा रही थी आईईई ऊउईईइ अरे में मरी रे ऊउह्ह्ह्ह बाप रे बाप, मार दिया रे यह कैसा दर्द है ऊउफ़्फ़्फ़्फ़ में क्या करूं इतना दर्द होगा मुझे पहले पता नहीं था।

    अब उसी समय बाबा ने उसकी गांड से लंड को बाहर निकाला और प्रिया के मुहं में एक कपड़े को जबरदस्ती ठूंस दिया और फिर वो प्रिया के दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने सहलाने लगा, जब कुछ देर बाद दर्द थोड़ा कम होने से प्रिया शांत हुई तो उसके दोनों हाथ पकड़कर बाबा ने अपने लंड को दोबारा गांड के छेद पर रखकर एक जोरदार झटका दे दिया, जिसकी वजह से तीन इंच लंड अंदर चला गया, लेकिन अब प्रिया किसी पर कटी चिड़िया की तरह फड़फड़ाने लगी थी और उसको वो दर्द सह पाना बड़ा मुश्किल होता जा रहा था। फिर उसी समय बाबा ने एक और जोरदार झटका दिया और वो बूब्स को भी दबाने लगा अब प्रिया की आखों से आसूं निकल रहे थे और वो दर्द की वजह से बहुत बेहाल थी, लेकिन फिर भी बाबा ने उसके ऊपर जरा सा भी रहम नहीं किया और अब उसने अपनी कमर को धीरे धीरे हिलाना शुरू किया तो थोड़ी देर के बाद प्रिया को भी अब मज़ा आने लगा था और वो भी अब बाबा के धक्को का साथ देने लगी थी। अब बाबा ने उसके मुहं से उस कपड़े को निकाल दिया और उसके बाद वो वैसे ही लगातार धक्के देकर प्रिया की गांड मारने के मज़े लेने लगा था।

    अब प्रिया मज़े और जोश की वजह से ज़ोर ज़ोर से आहे भरने लगी थी वो कह रही टी आह्ह्ह् ऊफ्फ्फ्फ़ हाँ ऐसे ही तेज धक्के देकर मारो बाबा, आज आप फाड़ दो मेरी गांड को थोड़ा और ज़ोर लगाकर पूरा अंदर तक डालो ऊह्ह्ह वाह मज़ा आ गया। आपने आज मेरा दूसरा सपना भी पूरा कर दिया, में आपके इस लंड को लेकर बड़ी धन्य हुई, आप बड़े चमत्कारी हो और आपने आज मेरी सभी समस्या को हमेशा के लिए दूर कर दिया। मुझे बड़ा मज़ा आया आपके साथ यह सब करके। अब बाबा उसकी यह जोश भरी बातें सुनकर ज्यादा ज़ोर ज़ोर के झटके मारने लगा और धीरे धीरे उसका पूरा लंड ही प्रिया की गांड के अंदर चला गया, जिसकी वजह से प्रिया को अब पहले से भी ज्यादा मज़ा आने लगा था और वो भी हर एक धक्के के साथ अपनी गांड को उछाल उछालकर अपनी गांड को बाबा के लंड से मरवाने लगी, वो थोड़ी सी दर्द से करहा रही थी, लेकिन उसको मज़ा भी कम नहीं आ रहा था और तभी बाबा ने उसकी गांड में लंड डाले हुए उसको अपने ऊपर कर लिया और वो उसको किस करते हुए ही ज़ोर ज़ोर से बूब्स को दबाता रहा।

    उनकी यह चुदाई करीब तीस मिनट तक चलती रही, लेकिन अब बाबा झड़ने वाला था और वो उसकी गांड में ही झड़ गया और जैसे ही बाबा ने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसकी गांड से खून और वीर्य दोनों ही बाहर निकलकर बहने लगा और बाबा का लंड खून से एकदम लाल हो चुका था। फिर प्रिया ने उसका लंड चाट चाटकर साफ कर दिया। फिर बाबा ने भी प्रिया की गांड को अपनी जीभ से चाटकर साफ कर दिया। दोस्तों यह थी बाबा की पूजा और प्रिया की चुदाई की सच्ची घटना ।।

    धन्यवाद .

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