बेशर्म होकर मम्मी की चुदाई देखना चाहती थी

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by 007, Jan 30, 2018.

  1. 007

    007 Administrator Staff Member

    //8coins.ru हेल्लो नमस्ते कैसे है antarvasna आप सभी मै kamukta अपनी सच्ची कहानी पेश कर रहा हूँ मै खुद ही लिखा हूँ चलिए अब कहानी पर चलता हूँ | पिन्का के पति की मौत को एक साल हो चुका था, उनका छोटा सा परिवार था, उनके कोई बच्चा नहीं हुआ तो उन्होने एक 9-10 वर्ष की एक लड़की गोद ले ली थी, उसका नाम चंदा था। वो भी अब जवानी की दहलीज पर थी अब। चंदा बड़ी मासूम सी, भोली सी लड़की थी । मैं पिन्का का सारा कार्य किया करता था। मैंने दौड़ धूप करके पिन्का की विधवा-पैंशन लगवा दी थी। मुझे नहीं मालूम था कि पिन्का कब मुझसे प्यार करने लगी थी। मैं तो उसे बस उसे आदर की नजर से ही देखा करता था।

    एक बार अनहोनी घटना घट गई ! जी हाँ ! मेरे लिए तो वो अनहोनी ही थी। मैं पिन्का को सब्जी मण्डी से सब्जी दिलवा कर लौट रहा था तो एक अच्छे रेस्तराँ में उसने मुझे रोक दिया कि मैं उसके लिए इतना काम करता हूँ, बस एक कॉफ़ी पिला कर मुझे जाने देगी।

    मैंने कुछ नहीं कहा और उस रेस्तराँ में चले आये। रेस्तराँ खाली था, पर फिर भी वो मुझे एक केबिन में ले गई। मुझे कॉफ़ी पसन्द नहीं थी तो मैंने ठण्डा मंगवा लिया। पिन्का ने भी मुझे देख कर ठण्डा मंगवा लिया था।

    मुझे आज उसकी नजर पहली बार कुछ बदली-बदली सी नजर आई। उसकी आँखों में आज नशा सा था, मादकता सी थी। मेज के नीचे से उसका पांव मुझे बार बार स्पर्श कर रहा था। मेरा कोई विरोध ना देख कर उसने अपनी चप्पल उतार कर नंगे पैर को मेरे पांव पर रख दिया।

    मैं हड़बड़ा सा गया, मुझे कुछ समझ में नहीं आया। उसके पैर की नाजुक अंगुलियाँ मेरे पैर को सहलाने लगी थी। मुझे अब समझ में आने लगा था कि वो मुझे यहाँ क्यों लाई है। उसके इस अप्रत्याशित हमले से मैं एक बार तो स्तब्ध सा रह गया था, मेरे शरीर पर चींटियाँ सी रेंगने लगी थी। मुझे सहज बनाने के लिए पिन्का मुझसे यहाँ-वहाँ की बातें करने लगी। पर जैसे मेरे कान सुन्न से हो गए थे। मेरे हाथ-पैर जड़वत से हो गए थे।

    पिन्का की हरकतें बढ़ती ही जा रही थी। उसका एक पैर मेरी दोनों जांघों के बीच आ गया था। उसका हाथ मेरे हाथ की तरफ़ बढ़ रहा था। तभी मैं जैसे नीन्द से जागा। मैंने अपना खाली गिलास एक तरफ़ रखा और खड़ा हो गया। पिन्का के चेहरे पर शरारत भरी मुस्कान तैर रही थी। मेरी चुप्पी को वो शायद मेरी सहमति समझ रही थी।

    मुझे उसकी इस हरकत पर हैरानी जरूर हुई थी। पर घर पहुँच कर तो उसने हद ही कर दी। घर में मैं अपनी मोटर साईकल से सब्जी उतार कर अन्दर रखने गया तो वो मेरे पीछे पीछे चली आई और मेरी पीठ से चिपक गई।

    "जयदीप, देखो बुरा ना मानना, मैं तुम्हें चाहने लगी हूँ।" उसकी स्पष्टवादिता ने मेरे दिल को धड़का कर रख दिया।

    "तुम मेरे मित्र की विधवा हो, ऐसा मत कहो !" मैंने थोड़ा परेशानी से कहा।

    "बस एक बार जयदीप, मुझे प्यार कर लो, देखो, ना मत कहना !" उसकी गुहार और मन की कशमकश को मैं समझने की कोशिश कर रहा था। उसे अब ढलती जवानी के दौर में किसी पुरुष की आवश्यकता आन पड़ी थी।

    मुझे कुछ भी नहीं सूझ रहा था, वो मेरी कमर में हाथ डाल कर मेरे सामने आ गई। उसकी आँखों में बस प्यार था, लाल डोरे खिंचे हुए थे। उसने अपनी आँखें बन्द कर ली थी और अपना चेहरा ऊपर उठा लिया था। उसके खुले हुए होंठ जैसे मेरे होंठों का इन्तज़ार कर रहे थे।


    मन से वशीभूत हो कर जाने मैं कैसे उस पर झुक गया। . और उसका अधरपान करने लग गया। आप ये कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |

    उसका हाथ नीचे मेरी पैन्ट में मेरे लण्ड को टटोलने लग गया। पर आशा के विपरीत वो तो और सिकुड़ कर डर के मारे छोटा सा हो गया था। मेरे हाथ-पैर कांपने लगे थे। उसकी उभरी जवानी जैसे मेरे सीने में छेद कर देना चाहती थी।

    तभी जाने कहाँ से चंदा आ गई और ताली बजा कर हंसने लगी,"तो मम्मी, आपने मैदान मार ही लिया?"

    पिन्का एक दम से शरमा गई और छिटक कर अलग हो गई।

    "चल जा ना यहाँ से . बड़ी बेशर्म हो गई है !"

    "क्या मम्मी, मैं आपको कहाँ कुछ कह रही हूँ, मैं तो जा रही हूँ . अंकल लगे रहो !" उसने मुस्करा मुझे आंख मार दी। मैं भी असंमजस की स्थिति से असहज सा हो गया था। एक बार तो मुझे लगा था कि चंदा अब बवाल मचा देगी और मुझे अपमान सहन करके जाना पड़ेगा। पर इस तरह की घटना से मैं तो और ही घबरा गया था। ये उल्टी गंगा भला कैसे बहे जा रही थी?

    उसके जाते ही पिन्का फिर से मुझसे लिपट गई। पर मेरी हिम्मत उसे बाहों में लेने कि अब भी नहीं हो रही थी।

    "देखो ऑफ़िस के बाद जरूर आना, मैं इन्तज़ार करूंगी !" पिन्का ने अपनी विशिष्ठ शैली से इतरा कर कहा।

    "अंकल, मैं भी इन्तज़ार करूँगी !" चंदा ने झांक कर कहा। पिन्का मेरा हाथ पकड़े बाहर तक आई। चंदा पिन्का से लिपट गई।

    "आखिर जयदीप अंकल को आपने पटा ही लिया, मस्त अंकल है ना !" चंदा ने शरारत भरी हंसी से कहा।

    'अरे चुप, जयदीप क्या सोचेगा !" पिन्का उसकी इस शरारत से झेंप सी गई थी।

    "आप दोनों तो बहुत ही मस्त हैं, मैं शाम को जरूर आऊंगा।" मुझे हंसी आ गई थी।

    वो क्या कहती है इससे मुझे भला क्या फ़रक पड़ता था। पटना तो पिन्का ही को था ना। मुझे अब सब कुछ जैसे आईने की तरफ़ साफ़ होता जा रहा था। पिन्का मुझसे चुदना चाहती थी। दिन भर ऑफ़िस में मेरे दिल में खलबली मची रही कि यह सब क्या हो रहा है। क्या सच में पिन्का मुझे चाहती है?

    मेरी पत्नी का स्वर्गवास हुए पांच साल हो चुके थे, क्या यह नई जिन्दगी की शुरूआत है? फिर चंदा ऐसे क्यों कह रही थी ? कही वो भी तो मुझसे .. मैंने अपने सर को झटक दिया। वो भरी पूरी जवानी में विधवा नारी और कहाँ मैं पैतालीस साल का अधेड़ इन्सान . पिन्का जैसी सुन्दर विधवा को तो को तो कई इस उम्र के साथी मिल जायेगे शाम को मैं ऑफ़िस से चार बजे ही निकल गया और सीधे पिन्का के यहाँ पहुंच गया।
    "अंकल आप ? आप तो पांच बजे आने वाले थे ना !" चंदा ने दरवाजा खोलते हुए कहा।

    "बस, मन नहीं लगा सो जल्दी चला आया।" अपनी कमजोरी को मैंने नहीं छिपाया।

    "आईए, अन्दर आईए, अब बताईए मेरी मम्मी कैसी लगी?" उसकी तिरछी नजर मुझसे सही नहीं गई। मुझे शरम सी आ गई पर चंदा को कोई फ़र्क नहीं था।


    "वो तो बहुत अच्छी है।" मैंने झिझकते हुए कहा।

    "और मैं?" उसने अपना सीना उभार कर अपनी पहाड़ जैसी चूचियाँ दिखाई।

    "तुम तो प्यारी सी हो !" उसके उभार देख कर एक बार तो मेरा मन ललचा गया चंदा एक दम से सोफ़े में से उठ कर मेरी गोदी में बैठ गई। आह ! इतनी जवानी से लदी लड़की, मेरी गोदी में ! मेरे शरीर में बिजलियाँ दौड़ गई। उसके कोमल चूतड़ मेरी जांघों पर नर्म-नर्म से लग रहे थे। बहुत सालों के बाद मुझे अपने अन्दर जवानी की आग सुलगती हुई सी महसूस हुई।

    "मुझे प्यार करो अंकल . जल्दी करो ना, वर्ना मम्मी आ जायेगी।" चंदा बहुत बेशर्मी पर उतर आई थी। मैंने जोश में भर कर उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उनका रस पीने लगा। उसने अपनी आंखें बन्द कर ली। जाने कैसे मेरे हाथ उसके उभारों पर चले गये, उसके सीने के मस्त उभार मेरी हथेलियों में दब गये।

    चंदा कराह उठी . सच में उसकी मांसल छातियाँ गजब की थी। एक कम उम्र की लड़की, जिस पर जवानी नई नई आई हो, उसकी बहार के क्या कहने।

    "अंकल आप बहुत अच्छे हैं !" चंदा अनन्दित होती हुई कसमसाती हुई बोली।

    "चंदा, तू तो अपनी मां से भी मस्त है।" मेरे मुख से अनायास ही निकल पड़ा।

    'अंकल, नीचे से आपका वो चुभ रहा है।" मैं जानबूझ कर लण्ड को उसकी चूत पर गड़ा रहा था।

    "पूरा चुभा दूँ, मजा आ जायेगा !" मैंने अपना लण्ड और घुसाते हुए कहा।

    "सच अंकल, जरा निकाल कर तो दिखाओ, कैसा है?" उसने आह भरते हुए कहा।

    "क्या लण्ड ?." मैंने भी शरम अब छोड़ दी थी।

    "धत्त !" मेरी भाषा से वो शरमा गई।

    "चल परे हट, यह देख !"

    मैंने चंदा को एक तरफ़ हटा कर अपना लण्ड पैंट में से निकाल लिया। उस दिन तो डर के मारे सिकुड़ गया था पर आज नरम नरम चूतड़ो का स्पर्श पा कर, चूत की खुशबू पा कर कैसा फ़ड़फ़ड़ाने लग गया था। बहुत समय बाद प्यासा लण्ड पैंट से बाहर आकर झूमने लगा था।

    "दैया री, इतना मोटा . मम्मी तो बहुत खुश हो जायेगी, देखना ! और ये काली काली झांटें !" चंदा लण्ड को सहलाकर बोल उठी।

    "इतना मोटा. क्या तुमने पहले इतना मोटा नहीं देखा है?" मुझे शक हुआ कि इसे कैसे पता कि लण्ड के और भी आकार के होते हैं।

    "कहाँ अंकल, वो पहले मम्मी के दो दोस्त थे ना, उनके तो ना तो मोटे थे और ना ही लम्बे !" वो अपना अनुभव बताने लगी।

    "ओह .हो . भई वाह . कितनों से चुदी हो.?" मैंने उसकी तारीफ़ की।

    "मैं तो पांच छः लड़कों से चुदी हूँ, और मम्मी तो पापा के समय में कईयों से चुदी हैं।" चंदा का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

    "क्यों पापा कुछ नहीं कहते थे क्या ?" मैंने उससे शंकित सा होकर पूछा।

    "नहीं, वो तो कुछ नहीं कर पाते थे ना, आपको तो पता है, कम उम्र में ही डायबिटीज से पापा की दोनों किडनियाँ खराब हो गई थी।"

    "फिर तुम . "

    "मुझे तो पापा ने गोद लिया था, उस समय मैं दस साल की थी, पर मैंने मम्मी का पूरा साथ दिया है। इसमें मेरा भी फ़ायदा था।"

    "क्या फ़ायदा था भला.?" आप ये कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |

    "मेरी भी चुदाई की इच्छा पूरी हो जाती थी, अब मम्मी को चुदते देख, मेरी चूत में आग नहीं लगेगी क्या?" उसने भोलेपन से कहा।


    तभी बाहर खटपट की आवाज सुन कर चंदा मेरी गोदी से उतर कर भाग गई। मुझे सब कुछ मालूम हो चुका था। अब शरम जैसी कोई बात नहीं थी।

    "आपकी बाइक देख कर मैं समझ गई थी कि आप आ गए हैं !" पिन्का मुस्करा कर बाजार का सामान एक तरफ़ रख कर मेरे पास सोफ़े पर आ कर बैठ गई। मेरे मन में तो शैतान बस गया था। मैंने उसे तुरन्त अपने पास खींच लिया और उसकी चूचियाँ दबा दी। वो खिलखिला कर हंसने लगी।

    "अरे हटो तो . ये क्या कर रहे हो?" उसने अपने हाथों को इधर उधर नचाया। फिर वो छटपटा कर मछली की भांति मुझसे फ़िसल कर एक तरफ़ हो गई। मैंने उस झपटते हुए उसे अपनी बाहों में उठा लिया। वो मेरी बाहों में हंसते हुए मुझसे छूटने की भरकस कोशिश करने लगी। चंदा कमरे में से बाहर आकर हमें देखने लगी।

    "अंकल छोड़ना मत, खाट पर ले जा कर दबा लो मम्मी को !" उसके अपने खास अन्दाज में कहा।

    "अरे चंदा, अंकल से कह ना कि छोड़ दे मुझे !" पिन्का के स्वर में इन्कार से अधिक इककार था।

    "हाँ अंकल चोद दो मम्मी को !" चंदा ने मुझे पिन्का के ही अन्दाज में कहा।

    "अरे चोद नहीँ, छोड़ दे रे राम !" कह कर पिन्का मुझसे लिपट गई।

    मैंने पिन्का को बिस्तर पर जबरदस्ती लेटा दिया और उसकी साड़ी खींच कर उतार दी। उस स्वयं भी साड़ी उतरवाने में सहायता की। पिन्का वासना में भरी हुई बिस्तर पर नागिन की तरह लोटती रही, बल खाती रही। मैंने उसे दबा कर उसके ब्लाऊज के बटन चट चट करके खोल दिये। दूसरे ही क्षण उसकी ब्रा मेरे हाथों में थी। उसके सुन्दर सुडौल उभार मेरी मन को वासना से भर रहे थे। तभी चंदा ने पिन्का का पेटीकोट नीचे खींच दिया।

    "अंकल, मम्मी की फ़ुद्दी देखो, जल्दी !" पिन्का की रस भरी चूत को देख कर चंदा बोल उठी।

    "ऐ चंदा, तू अब जा ना यहाँ से." पिन्का ने चंदा से विनती की।

    "बिल्कुल नहीं अंकल मम्मी की फ़ुद्दी में लण्ड घुसा दो ना चंदा बेशर्म होकर मम्मी की चुदाई देखना चाहती थी मैंने झट से अपनी पैन्ट और चड्डी उतार दी और पिन्का को अपने नीचे दबा लिया। कुछ ही क्षणों में मेरा कड़क लण्ड उसकी चूत की धार पर कुछ ढूंढने की कोशिश कर रहा था चंदा ने मेरी सहायता कर दी मेरा लण्ड पकड़ कर उसने पिन्का की गीली फ़ुद्दी पर जमा दिया। आप ये कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | "अंकल, अब मारो जोर से." चंदा गौर से मेरे लण्ड को पिन्का की चूत में घुसा कर देखने लगी।

    "उईईई मां . मर गई." लण्ड के घुसते ही पिन्का की चीख निकल पड़ी।

    "कुछ नहीं अंकल, चोद डालो, मम्मी तो बस यूं ही शोर मचाती है।" चंदा ने लण्ड को भीतर घुसते देख कर अपनी प्यारी सी योनि अपने हाथों से दबा डाली। मैंने अपना पूरा जोर लण्ड पर डाल दिया और लण्ड चूत में घुसता चला गया। पिन्का के मुख से सिसकारियाँ निकलती चली गई।
     
Loading...

Share This Page



Www.গাড়িতে চুদার কাহিনি.ComAunty kuthiljor kore maayer dudh chosar bangla golpoফেসবুক চেটি গল্পপ্রথমবার গুদে ধোন ঢুকানোর গল্পগরম দুধের ছবি ও চটিKothin sex otha x.comনায়িকা হতে গিয়ে চুদা খাওয়ার গল্পলুকিয়ে চাচাতো ভাইয়ে বউয়ের গোসল দেখাকাকিকে কনডম ছাড়া চুদে পেট করে দিলামரீமா அக்காவை நண்பர்கள் காமmera bhondhu devar aur meri garam jawaniচরম চুদন চটিঠাকুর চুদাচটি বৃষ্টির দিন বৌ এর বড় বোনMamik Cudlamஅன்டி செக்ஸ்கதை/threads/%E0%B0%8E%E0%B0%A4%E0%B1%8D%E0%B0%A4%E0%B1%81%E0%B0%95%E0%B1%81%E0%B0%A8%E0%B0%BF-%E0%B0%B8%E0%B0%B0%E0%B0%BE%E0%B0%B8%E0%B0%B0%E0%B0%BF-%E0%B0%B5%E0%B0%BE%E0%B0%B3%E0%B1%8D%E0%B0%B3-%E0%B0%AC%E0%B1%86%E0%B0%A1%E0%B1%8D%E0%B0%B0%E0%B1%82%E0%B0%82-%E0%B0%B2%E0%B1%8B%E0%B0%95%E0%B0%BF-%E0%B0%B5%E0%B1%86%E0%B0%B3%E0%B1%8D%E0%B0%B3%E0%B0%BE%E0%B0%A8%E0%B1%81-telugu-sex-stories.190818/পাড়ার বড় কাকির চুদাচুদির চটিतिघींनी झवलेপাছা ফাটানো চটিমোটা বাড়ার চোদা খাওয়ার ঘল্পchoti জহিরসোনার দুপাড় ছিড়েনিজের বোধকে চার ভাই মিলে জোর করে চুদে রক্ত বের করে দিলাম চটি গল্পমাসি চুদা চটিআনটী.পাছাsexdosdi.comগম খেতে চটিমাগিদের রসে ভেজা প্যান্টির ছবিছবিসহ বউ শালীকে চুদার গল্পவிபசார விடுதி ஓத்த नॉनवेज घर का माल नानीঘুমের ঘোরে আপুর গুদ পুটকি চোদার গল্পবাবা ও মার চুদাচুদী ChotiDebar boudi chodachudi bangla chati galpoझवाझवि आईचि कथाগরম চরম চোদাচুদির গল্পবাবা আর কামুকী মেয়ের চটিசுமதி ராணி ஓத்த கதைঅনেকক্ষণ ধরে চুদার গল্পXxx.com Golpo Chakor Madamtamil nadu anni ollমধ্যো বয়সী বড় গল্প চটিମାଇକିନିଆ ବିଆগুদ চোদার bangla golpoগোসল করতে গিয়ে চুদাচুদির গল্পಕನ್ನಡ ಕಾಮಕಥೆಗಳು 20দিদিকে ব্ল্যাকমেল করে চুদলাম চটিAaru Tamil Kathaigal sex videos English videosசுன்னில அவ புண்டைய சொருகினா part 2মা দাদি মেয়ে বুন চুদা ছবিহুজুরের মেয়ের নরম পাছা চুদলামগুদ ফাটানো চুদাচুদী গলপজোরে ঢুকালাম বাংলা চাটিমামী কাদে আর আমি চোদার গলপোগরম ভোদা খাওয়ার গল্প আর ছবিHosaritiya alli hodugiya rasalileya kama sex kathegalubache ke liye sex khaniyaভিতু মহিলা চোদা চটিগুদের আগুনલોડો કેવિ રીતેનખાઈ ભોસમાWww.রস চটি গল্প.comரேப் கதைகள்গল্প বড় আপুকে জোর করে চুদে পেট করে দিলামভাগিনার পোদ মারার গল্পsexகதைbhai nb sagi bhan ko choda sex storiyমা বাবার চুদাচুদি দেখাचोदो मूझे चोदो सेक्स tamilபால் பிரா ஓக்க Sobe Vabe Ke Codar Cotiಕನ್ನಡ ಮಧುಚಂದ್ರ ಕಾಮ ಕಥೆಗಳುপিক ধোন গুদmousi bathroom mai agyi sex storyন্যাংটা হয়ে বাবা মার চটি গল্তবোনের দুধ বড় দেখে মা ধরে নিলোনতুন চটি গল্প বোন নষ্ট করল বন্ধুமாமியை ஒத்த கதைमिञाची आई बहिन झवलीmitrani ani mi marali aai chi gand16 bhanji ki chudai story hindiআপু X.WWxxxwkamakathaikal kolunthiyaবাংলা চটি নিতুকে চোদাಅಮ ಮಗ ಮದುರ ಪೇಮದ ಕಾಮದ ಕತೆtamil miruthula kamakataikalଭାଉଜ ମଜାஓத்து இன்பம் கொடுக்கும் பாஸ்டர் காம கதைகள்