मेरे दोस्त की बहन की चुदाई

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by 007, Feb 19, 2018.

  1. 007

    007 Administrator Staff Member

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    प्रेषक : गुमनाम .

    हैल्लो दोस्तों, आज में मेरे एक बहुत ही अच्छे दोस्त की बड़ी बहन के साथ सेक्स की उस सच्ची घटना को सुनाने जा रहा हूँ जिसमे मैंने उसके साथ क्या क्या किया वो में आज आप सभी कामुकता डॉट कॉम के चाहने वालों के लिए लेकर आया हूँ। मुझे उम्मीद है कि मेरी यह कहानी भी सभी पढ़ने वालों को जरुर पसंद आएगी और अब में अपनी आज की तीसरी कहानी को सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों आज में जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो मेरे दोस्त की बहन के साथ किए गये सेक्स और मैंने उसके साथ जो भी मज़े किए वो सारी सच्ची बातें है जिनको आज में लिखकर पूरे विस्तार से सभी लोगों को सुनाने जा रहा हूँ। मेरा शरीर गठीला रंग गोरा, प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने वाला एक कुंवारा लड़का हूँ और मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ने के अलावा सेक्स करने का भी बहुत शौक है। यह सब करना मुझे अच्छा और अब मेरी आदत भी बन चुका है, इसलिए में इस काम को करने के लिए नये नये मौके की तलाश में हमेशा रहता हूँ। वैसे तो में पहले भी सेक्स कर चुका था, लेकिन अब मेरा मन एक उस परी जैसी सुंदर लड़की के साथ उसकी चुदाई के लिए मुझे बार बार उसकी तरफ ले जाकर सोचने पर मजबूर किया करता था।

    दोस्तों यह मेरी आज की कहानी आज से करीब तीन महीने पहले की है, में तब अपने एक दोस्त के साथ दो रूम के एक फ्लेट में रहा करता था और उसकी एक बहन थी जिसका नाम भावना था उसकी लम्बाई 5.6 इंच थी वो दिखने में बिल्कुल एक सुंदर गुड़िया की तरह नजर आती थी। उसका गोरा रंग बड़ी बड़ी आखें, गुलाबी रसभरे होंठ, सुराहीदार गर्दन और गदराया हुस उसका वो पूरा बदन जिसको में हमेशा बड़ा चकित होकर देखा करता था। दोस्तों उसकी सुंदरता में कहीं से भी कोई कमी मुझे नजर नहीं आती थी और में हमेशा उसकी तरफ आकर्षित हुआ करता था मेरे मन में उसकी चुदाई के हमेशा नये नये विचार और उसकी चुदाई के सपने में हमेशा देखा करता था, लेकिन ना जाने क्या बात सोचकर में पीछे हट जाता था? दोस्तों वो लड़की जिस पर मेरा दिल आ गया था, वो उस समय मेरे रूम से कुछ दूरी पर एक किराए का रूम लेकर अपनी एक सहेली के साथ रहती थी और में हर कभी अपने उस दोस्त के साथ जान बूझकर उसको देखकर अपने मन को शांत करने के लिए उसके पास चला जाता था, क्योंकि वो इतनी सुंदर और गोरी थी कि में उसको देखे बिना रह ही नहीं सकता था। मुझे उसको देखने की एक आदत सी हो गई थी, इसलिए में कई बार बहाने से उससे मिलने चला जाता था। दोस्तों मैंने उसके साथ सेक्स करने का प्लान तो पहले भी कई बार बनाया था, लेकिन मुझे ऐसा कोई भी मौका ही नहीं मिलता था जिसका में फायदा उठाकर अपने मन की उस इच्छा को पूरा कर सकता।

    दोस्तों वैसे उसको और मेरा एक दूसरे के साथ हर कभी बहुत हंसी मजाक और बातें होती थी उसका मेरे लिए व्यहवार बहुत अच्छा और वो एक हंसमुख स्वभाव की लड़की थी उसको मेरी किसी भी बात को बुरा नहीं लगता था, इसलिए में उसके साथ और वो मेरे साथ बहुत खुश रहती थी। वो हर कभी मेरे कमरे पर आ जाती और अपने भाई के साथ वो मेरा भी छोटा मोटा काम कर दिया करती थी और में भी उसके भाई के साथ हर कभी उसके कमरे पर किसी भी काम से चला जाता था, इसलिए वजह से उसका भाई मतलब कि मेरा दोस्त हम दोनों पर किसी भी बात के लिए शक नहीं करता था। एक दिन मेरी अच्छी किस्मत ने मेरा साथ दे ही दिया और वो मौका आ ही गया, जिसका मुझे कब से इंतजार था, जिसको पाकर में बहुत खुश हुआ और वो दिन मुझे आज भी बहुत अच्छी तरह से याद है, क्योंकि वो मेरा उस सुंदर लड़की की चुदाई का दिन था। दोस्तों उस दिन मेरे दोस्त को उसके किसी जरूरी काम की वजह से एक दिन के लिए अचानक से अपने घर के लिए जाना पड़ा और वो जाते समय मुझसे बोला कि में आज अपने घर जा रहा हूँ। कल तक में वापस आ जाऊंगा, प्लीज तुम आज रात को भावना के पास चले जाना, क्योंकि उस दिन भावना की दोस्त भी अपने एक रिश्तेदार के पास चली गयी थी इसलिए वो रात को अपने कमरे पर बिल्कुल अकेली थी।

    फिर में रात के आठ बज़े करीब अपने रूम से भावना के रूम पर पहुँच गया जो उस बिल्डिंग के सबसे ऊपर वाले हिस्से पर था और में जब वहां पर पहुँचा तो मैंने भावना को उस समय छोटी पेंट और टी-शर्ट में बेड पर बैठा हुआ पाया और अब में उसके गोरे चिकने पैरों को एकदम चकित होकर घूर घूरकर देखता ही रह गया, लेकिन उसने मेरी तरफ इतना ध्यान ही नहीं दिया और में कुछ देर देखता रहा। अब में कुछ देर तक उसके साथ इधर उधर की बातें हंसी मजाक करता रहा, जिसकी वजह से वो बहुत ही खुश नजर आ रही थी और उसकी वो हंसी मेरे ऊपर अपना जादू करने लगी थी इसलिए में भी अब उसको लगातार हंसाने की कोशिश करता रहा। फिर कुछ देर तक चले उस हंसी मजाक बातों के बाद अब में सोने के लिए तैयार होने लगा। मैंने अपनी पेंट को खोलकर अब एक टावल पहन लिया और में उसके बाद बेड पर लेट गया क्योंकि उस कमरे में बस एक ही बेड था इसलिए हम दोनों को एक साथ उसी पर सोकर अपनी रात बितानी थी, भावना भी अब बेड से उठकर चली गई। उसने सबसे पहले सीड़ियों और कमरे के दरवाजे को ठीक तरह से बंद करके लाइट को बंद करके छोटा कम रौशनी के बल्ब को जलाकर वो मेरे पास में आकर लेट गयी और उसने अपनी पीठ को मेरी तरफ करके वो अब लेट गई थी। फिर में कुछ देर तक उसकी चुदाई के बारे में सोचता रहा विचार करता रहा, जिसकी वजह से मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया, लेकिन कुछ देर के बाद मैंने अब निर्णय कर ही लिया कि अब मुझे इतना सोचना नहीं चाहिए। यह समय सोचने का नहीं कुछ करने का है और मुझे ऐसा मस्त मौका कभी दोबारा नहीं मिलने वाला मुझे अब इसका पूरा फायदा उठाकर इसकी चुदाई करके अपनी इच्छा को पूरा करना है।

    फिर मैंने अब इतनी बातें सोचकर थोड़ी सी हिम्मत करके अपनी कमर को जानबूझ कर उसकी कमर से सटा दिया तभी उसने अपनी कमर को थोड़ा सा पीछे किया और मैंने फिर थोड़ी देर के बाद अपनी कमर को दोबारा उसकी कमर से सटा दिया, जिसकी वजह से अब वो बिल्कुल दीवार से सट चुकी थी, इसलिए उसको अब आगे बढ़ने के लिए बिल्कुल भी जगह नहीं बची थी। फिर यह बात सोचकर मैंने अपनी कमर को उसकी कमर से सटाने के बाद जैसे ही हिम्मत करके अपने हाथ को उसकी गोरी पतली कमर पर रख दिया तो उसी समय अचानक से उसने मुझसे पूछा कि तुम यह क्या कर रहे हो? मैंने उससे कहा कि वही जो एक जवान लड़का एक सुंदर जवान और हसीन लड़की को अकेले में देखकर उसके साथ करता है में भी आज वही करने जा रहा हूँ। तो वो कहने लगी कि नहीं में यह सब नहीं करूँगी प्लीज तुम अब मुझसे दूर हटकर चुपचाप सो जाओ। अब मैंने उससे पूछा कि क्यों क्या आपका कभी भी यह सब करने का मन नहीं करता? तो वो मुझसे कहने लगी कि नहीं यह सब बहुत ग़लत है। ऐसा करना हम दोनों को बिल्कुल भी शोभा नहीं देता। अब मैंने उनसे पूछा कि इसमे ऐसा क्या ग़लत है जो आपको मेरे साथ करने में इतना सोचना पड़ रहा है यह तो जीवन का एक सत्य है वो एक रास्ता है जिसके ऊपर से हर एक को एक दिन चलकर जाना होता है और अब मैंने उससे यह बात कहते हुए उसकी पेंट के एक बटन को खोल दिया, लेकिन तभी उसने मेरे उस हाथ को पकड़कर एक झटका देते हुए अपनी कमर से दूर हटा दिया।

    अब मैंने पीछे से उसकी पेंट को पकड़कर खींच दिया, लेकिन वो अब दोबारा अपनी पेंट को खींचकर पहनने लगी थी। फिर मैंने उसके हाथ को हटा दिया और उससे बोला क्यों इतना बिना मतलब का दिखावा कर रही हो, आपका मन भी तो यह सब करने का है और मैंने उसको यह बात कहते हुए उसकी पेंट को अपने दोनों हाथों से पकड़कर खोल दिया, लेकिन अब वो कुछ भी नहीं बोली और अब मैंने अपने एक हाथ से लंड को पकड़कर दूसरे हाथ को उसकी गांड पर फेरते हुए में अपने लंड को उसकी गांड के छेद के पास ले गया और अब में अपने एक हाथ से उसकी गांड को फैलाते हुए अपने लंड को उसकी गांड में जाने के लिए रास्ता दिखाने लगा था। अपने लंड को मैंने उसकी गांड के छेद के दरवाजे पर रखते हुए उसकी कमर को पकड़कर पूरी तरह जोश में आकर अपनी कमर को ज़ोर का झटका मार दिया और वो आआह्ह्ह्हह स्सीईईईईई माँ मर गई करके सिसक उठी वो उस दर्द से छटपटाने लगी थी। अब मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो वो कुछ नहीं बोली। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

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    फिर मैंने अपने हाथ से उसकी कमर को पकड़कर अपनी तरफ खींच में अपने लंड को उसकी गांड के अंदर जल्दी से जल्दी डालने के लिए ज़ोर ज़ोर के उसको झटके मारने लगा था और वो मेरे हर एक झटके के साथ ही अपनी सिसकियों की आवाज़ निकालती रही वो उफफ्फ्फ्फ़ आईईईईई माँ मर गई यह क्या किया तुमने मुझे बहुत दर्द हो रहा है कहती रही जो मेरे जोश को और भी बढ़ा रही थी। फिर कुछ ही देर में मैंने अपने पूरे लंड को उसकी गांड में डाल दिया था। फिर करीब दस मिनट के लगातार धक्को के बाद मेरा पूरा वीर्य उसकी गांड में ही निकल गया और कुछ देर के बाद मैंने अपने लंड को उसकी गांड से बाहर निकाल दिया और कुछ देर तक वैसे ही लेटे रहने के बाद उठकर में बाथरूम में चला गया और मैंने पेशाब करने के बाद अपने लंड को पूरी तरह से साफ किया और उसके बाद में वापस कमरे में आ गया। आने के बाद मैंने भावना को वैसे ही उसी हालत में बेड पर पड़ा हुस पाया। मैंने उससे बोला कि जाइए क्या आपको बाथरूम नहीं जाना? तो वो बिना कुछ बोले अब उठकर बाथरूम में चली गयी। उसके चेहरे पर मुझे वो ख़ुशी साफ साफ नजर आ रही थी जो मेरे चुदाई करने के बाद उसके सुंदर मुख पर बड़ी ही जंच रही थी, जिसको देखकर में भी बहुत खुश था और अब मैंने अपनी अगली चुदाई की तैयारी करना शुरू कर दिया था।

    दोस्तों उसके लिए मैंने सबसे पहले अपने लंड को तेल के डब्बे में डाल दिया था और जैसे ही भावना रूम में आई मैंने उससे उसके पूरे कपड़े उतारने के लिए कहा वो बोली क्या अब तुम मेरी और भी चुदाई करोगे? मैंने बोला कि हाँ यह तो अभी बस एक झलक थी, अभी तो पूरा फाइनल होना बाकी है। अब उसने अपनी टीशर्ट और ब्रा को खोलकर बेड के पास रख दिया। तब मैंने बहुत ध्यान से देखा कि उसकी चूत पर तो एक भी बाल नहीं था, वो एकदम चिकनी चमकदार चूत थी, जिसकी ऊपर मेरी नियत फिसल गई क्योंकि में हमेशा इसी तरह की चूत को चोदना पसंद करता हूँ जो मेरी एक कमजोर भी है। अब मैंने तुरंत उसके हाथ को पकड़कर अपने लंबे मोटे लंड को उसके हाथ में पकड़ाते हुए उसको मेरे लंड को अपने मुहं में लेने के लिए बोला, क्योंकि में अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ था। में चाहता था कि वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर उसको चूसकर अपनी चुदाई करने के लिए खड़ा करे, क्योंकि ऐसे कुछ देर तक एक दूसरे को गरम करने के बाद चुदाई का जो असली मज़ा आता है, उसका स्वाद ही कुछ और होता है।

    अब उसने मेरे लंड को अपने नरम मुलायम हाथ में ले लिया और वो कुछ देर अपने हाथ को ऊपर नीचे करके मुठ मारती रही और फिर वो नीचे झुककर अब मेरे लंड को अपने मुहं में लेने के बाद उसको लोलीपोप की तरफ बड़े मज़े से चूसने लगी थी। वो मेरे लंड को कभी पूरा अंदर लेती फिर बाहर निकाल देती। उसके बाद टोपे पर अपनी जीभ को घुमाकर उसको चाटने लगती। वो यह सब किसी अनुभवी रंडी की तरह कर रही थी। मुझे अब लगने लगा था कि उसको तो चुदाई का मुझसे भी ज्यादा अच्छा अनुभव था। जिसको देखकर में बड़ा चकित था और में अब मन ही मन में सोचने लगा था कि आज मुझे असली चुदाई का पूरा मज़ा आएगा, क्योंकि दोस्तों अगर दोनों तरफ ही एक बराबर समझदार लोग किसी भी काम को करते है तो उसका मज़ा सबसे अलग हटकर होता है। अब उसके यह सब करने से में कुछ ही देर में बिल्कुल ही गरम हो गया था। उस समय मेरा लंड बहुत जोश में था, तो मैंने उससे अब मेरे लंड को छोड़कर बेड पर एकदम सीधा लेटने के लिए कहा। फिर उसने अपने मुहं से लंड को बाहर निकाल दिया और वो बेड पर सीधे होकर लेट गयी। उसने यह सब काम इतनी जल्दी किया, जिसको देखकर में तुरंत समझ गया कि वो भी अब अपनी चुदाई करवाने के लिए तरस रही है।

    फिर मैंने उसकी तड़प को देखकर समझकर तुरंत ही उस डब्बे से तेल को निकालकर उसकी चूत पर लगा दिया। तब मुझे पता चला कि उसकी चूत की लम्बाई करीब दो इंच होगी, हल्के रंग की चूत के बीच में गुलाबी रंग का दाना मेरा लंड लेने के लिए फड़क रहा था जिसको में अपनी ऊँगली से तेल लगाकर सहला रहा था कुछ देर चूत को एकदम तेल लगाकर चिकना करने के बाद अब में उसकी दोनों गोरी चिकनी जाँघ पर बैठकर उससे अपनी चूत को फैलाने के लिए कहा और वो मेरे कहने का मतलब ठीक तरह से समझ गई। फिर मैंने अपने लंड के सबसे आगे के हिस्से को एक हल्के से झटके के साथ जैसे ही चूत के अंदर किया तो वो दर्द की वजह से आआहह उफ्फ्फफ्फ्फ़ स्सीईईईई की आवाज़ के साथ पूरी तरह से सिहर उठी और उस दर्द की वजह से उसने अपने दोनों पैरों को पूरी तरह से एक दूसरे से सटाकर चूत को बिल्कुल टाइट कर लिया। फिर मैंने अब उसके दोनों तने हुए निप्पल के साथ साथ उसके बूब्स को अपने दोनों हाथों की हथेलियों में लेते हुए पूरे रुई जैसे मुलायम बूब्स को हल्का हल्का दबाना सहलाना शुरू किया। मुझे ऐसा करने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था और वैस ही हाल अब उसका भी था मैंने कुछ देर के बाद जब देखा कि उसके दोनों पैर अब धीरे धीरे ढीले होने लगे थे। मैंने अब सही मौका देखकर अपनी कमर को फिर से धीरे धीरे हिलाने के साथ साथ अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था, जिसकी वजह से अब दोबारा उसके मुहं से आआअहह आऊसस्सस्स ऊफ्फफ्फ्फ्फ़ की आवाज़ निकलने लगी थी और अब मैंने धक्के देने के साथ साथ उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलना भी शुरू कर दिया था, जिसकी वजह से वो दोनों तरफ से मज़े लेने लगी थी, लेकिन कुछ देर बाद मैंने उसको एक ज़ोर का झटका मार दिया, जिसकी वजह से तो वो आईईईईई माँ मर गई करके ज़ोर से उछलती हुई चिल्ला पड़ी।

    फिर में वैसे ही उसी जगह पर रुक गया और अब मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? वो अब मुझसे कुछ भी नहीं बोली और वो तो सिर्फ़ मेरे उस झटके की वजह से सिसकी ले रही थी। शायद मेरे लंड ने उसकी चूत को अंदर से रगड़कर उसमे जलन पैदा कर दी थी, इसलिए वो इतना उचक रही थी। दोस्तों अब तक मैंने अपने लंड के तीन हिस्से में से दो हिस्से को पूरा उसकी चूत में डाल दिया था। मुझे इस बात की मन ही मन बहुत ख़ुशी थी कि वो मेरा इतना लंड अपनी चूत को समर्पित कर चुकी है। थोड़ा सा बाहर है जिसको में चाहता तो उसी समय अंदर कर देता, लेकिन में अब किसी अच्छे मौके और उसके शांत होने का इंतजार कर रहा था। में अपनी तरफ से बिल्कुल भी किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं करना चाहता था। अब मैंने कुछ देर उसके बूब्स को सहलाने के बाद अब में उसके पैरों को फैलाने के लिए उठकर बैठ गया और उसके पैरों को पकड़कर बराबर करके फैला दिया और अब मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर ले जाने का पूरा फ़ैसला कर लिया था और इसलिए मैंने उसकी कमर को पकड़कर एक ज़ोर का झटका मार दिया। इस बार तो वो जैसे बिना पानी की मछली की तरह बुरी तरह से छटपटा उठी और मैंने जब उसकी चूत पर देखा तो पाया कि मेरा पूरा लंड उसकी गोरी चूत के अंदर गहराई तक जा चुका था और मैंने जब देखा कि वो ऐसे शांत नहीं होगी।

    फिर में उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठो को अपने होंठो में लेकर मैंने उनको दबा लिया। में उन होंठो को चूसने लगा और अपने दोनों हाथों से उसके दोनों बूब्स को भी मसलने लगा था और कुछ देर बाद मैंने उसको अपनी तरफ से ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने भी शुरू कर दिए थे। फिर मैंने कुछ देर के बाद अपनी कमर के नीचे देखा तो पाया कि वो भी अब अपनी कमर को हिलने लगी थी वो मेरे हर धक्के का अपने धक्के के साथ मेरा जोश बढ़ा रही थी। शायद उसको भी अब मेरे धक्के से मज़ा आ रहा था, इसलिए वो भी मेरे साथ हर का को करने लगी थी। फिर मैंने अब उससे पूछा कि क्या तुम्हे मज़ा आ रहा है? तो उसने बिना कुछ कहे बस मेरी तरफ मुस्कुराकर अपने सर को हिला दिया और में उसकी हाँ को समझकर खुश होकर पूरी तरह जोश में आकर लगातार धक्के देने लगा था और कुछ देर तक इस तरह से चुदाई करने के बाद मैंने जब में झड़ने लगा तो अपने पूरे वीर्य को जैसे ही उसकी चूत के अंदर गिराया तो मैंने उसके होंठो के साथ कुछ देर तक एक तरफ उसके दोनों बूब्स को में वैसे ही धक्को के साथ मसलता रहा। फिर दूसरी तरफ उसके होंठो को चूसता रहा और वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी, लेकिन दोस्तों अब हम दोनों ही बुरी तरह से थक चुके थे, इसलिए में कुछ देर तक उसके ऊपर लेटा रहा और उसके कुछ देर बाद मैंने उठकर अपने लंड को चूत से बाहर निकालकर में अब भावना के पास में ही लेट गया और कुछ देर बाद हम दोनों वैसे ही एक दूसरे से चिपके हुए ना जाने कब सो गये।

    फिर सुबह जब नींद खुली तो मैंने देखा कि उस समय सुबह के आठ बज़ रहे थे। उस समय में अकेला लेटा हुआ था और भावना मुझसे पहले ही उठकर नहाकर अपने कपड़े बदलकर तैयार हो चुकी थी और अब मुझे अपने किसी काम से बाहर जाना था, इसलिए में जल्दी से उठकर बाथरूम में जाकर नहाकर तैयार हो गया। अब भावना भी मेरे पास आकर खड़ी हो गयी थी और मैंने देखा कि वो बहुत खुश नजर आ रही थी। मैंने उससे मुस्कुराते हुए पूछा क्यों कैसी लगी रात की वो मज़ा, मस्ती? तो वो हंसते हुए बोली कि बहुत अच्छा लगा। मैंने अपने कपड़े पहनने के बाद दरवाज़ा खोला और फिर में अपने रूम के लिए बाहर निकल गया और जाते समय पूरे रास्ते में उसकी रात को हुई चुदाई के बारे में सोच सोचकर बहुत खुश होता हुआ आगे बढ़े चला जा रहा था। दोस्तों उस हमारी पहली चुदाई के बाद आज तक हम दोनों कभी भी वैसे अकेले में दोबारा नहीं मिल सके, लेकिन हमारे बीच बातें जरुर हुआ करती थी, क्योंकि वो भी मुझे पाने के लिए वो सब कुछ सोच रही थी। जैसे में भी उसकी दोबारा चुदाई के सपने देख रहा था। हम दोनों को उस दिन का बड़ी बेसब्री से इंतजार था। दोस्तों लेकिन कुछ दिन पहले ही अब उसकी शादी एक डॉक्टर के लड़के के साथ हो गई है, इसलिए मैंने अब उसकी चुदाई के सपने देखना बिल्कुल बंद कर दिया है। दोस्तों यह थी मेरे जीवन की एक सच्ची चुदाई की घटना जिसको मैंने बहुत मेहनत से लिखकर आप सभी तक पहुंचाया है। मुझे उम्मीद है कि यह सभी पढ़ने वालों के दिलो पर राज करेगी ।।

    धन्यवाद .

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