सामूहिक चुदाई में पति, देवर और जेठ ने बारी बारी से चोदा

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by 007, Nov 23, 2017.

  1. 007

    007 Administrator Staff Member

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    हाय फ्रेंड्स, आप लोगो का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में स्वागत है। मैं रोज ही इसकी सेक्सी स्टोरीज पढ़ती हूँ और आनन्द लेती हूँ। आप लोगो को भी यहाँ की सेक्सी और रसीली स्टोरीज पढने को बोलूंगी। आज फर्स्ट टाइम आप लोगो को अपनी कामुक स्टोरी सुना रही हूँ। कई दिन से मैं लिखने की सोच रही थी। अगर मेरे से कोई गलती हो तो माफ़ कर देना।
    मेरा नाम मानसी है। उम्र 33 साल है और कमाल की सेक्सी औरत हूँ। मेरी शादी शामली में हुई जो कैराना के पास पड़ता है। मैं सुंदर और सेक्सी औरत हूँ और अब शादी होने के बाद मुझे लंड के लिए नही तरसना पड़ता है। फ्रेंड्स जब तक मेरी शादी नही हुई थी मैं मजबूर थी। जब जब चुदने का दिल करता था मैं आपनी 2 उँगलियों को चूत में डालकर मजे लेती थी। पर असली लंड खाने को नही नसीब होता था। कुछ समय बाद मेरी शादी हो गयी और अब तो मुझे लंड की कोई कमी नही है। मेरे पति अरमान (मेरे पति का नाम) मुझे अब रोज रात में चोद चोदकर यौन आनन्द प्रदान करते है। अब मेरा जिस्म किसी पोर्न स्टार की तरह सेक्सी दिखने लगा है।
    आप लोगो ने देखा होगा की मायके में सभी लडकियाँ दुबली दुबली हड्डी हड्डी सी रहती है, पर जब शादी होने के बाद अपनी ससुराल जाती है और जब उनको मोटे लंड की खुराक रोज मिलती है तो कुछ ही दिनों में वो मोटी तगड़ी हो जाती है। दोस्तों मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था। अब एक साल तक ससुराल में चुदने के बाद मैं गदरा गयी थी। अब मेरा फिगर 36 28 36 का हो गया था। मेरी गांड भी अब काफी फ़ैल गयी थी। अरमान बहुत अच्छे पति थे। उधर मेरा देवर सनी और और जेठ राहुल भी मुझे चोदने के मूड में थे। मेरी देवरानी और जेठानी अपने अपने मर्दों की बड़ी सेवा करती थी पर मेरे जैसा गोरा रंग नही था। सनी की बीबी भी सांवली रंग की थी और जेठ राहुल की बीबी को काफी काली थी। इस वजह से वो उसकी चूत कम ही मारते थे।
    मेरे ससुराल में सिर्फ मेरे ससुर की चलती थी। उन्होंने तीनो बेटो की शादी अपनी पसंद से की थी। मेरी शादी में ससुर को कुछ नही मिला था पर मैं बहुत सुंदर माल थी। पर जब सनी और राहुल की शादी हुई तो ससुर जी पैसे पर बिक गये और काली कलूटी लड़कियाँ घर ले आये। मेरे जेठ (राहुल) तो अक्सर ही मेरा हाथ पकड़ लेते थे और तरह तरह से सेक्सी इशारे करते थे। वो मुझे चोदने का ख्वाब कितने दिनों से पाले हुए थे पर अब तक उनको तरसा रही थी। दूसरी तरफ देवर सनी की बीबी तो 4 महीने से मायके गयी हुई तो और निमोड़ी लौटी ही नही। इधर राहुल का लंड रोज ही खड़ा हो जाता और कोई चूत उसे चोदने को नही मिलती।
    राहुल और सनी ने अपनी अपनी व्यथा मेरे पति अरमान को बताई। अरमान बहुत सेक्सी मर्द थे। वो सनी की बीबी को 3 4 बार चोद चुके थे। और जेठ की बीबी किरन के दूध हाथ से मसल मसल कर आनन्द ले चुके थे। अब बदले में राहुल और सनी मेरी चूत चोदने को मरे जा रहे थे। अब अरमान आये दिन मुझसे विनती करने लगे की उनके सगे भाइयों को मैं प्यार का पाठ पढ़ा दूँ। इधर मैं भी गरमा गयी। एक दिन मेरे साथ ससुर हरिद्वार तीर्थ करने चले गये तो मेरी सामूहिक चुदाई का प्लान बन गया।
    जेठ राहुल ने अपनी बीबी को उसके मायके भेज दिया जिससे कुछ दिन मेरी गुलाबी चूत का रसपान कर सके। उसी रात हम चारो अकेले हो गये। रात होते ही अरमान, राहुल और सनी मेरे अगल बैठ गये। आज मुझे तीनो की प्यास बुझानी थी। आप लोगों को मैंने एक बात नही बताई की शादी के बाद जब मैं नई नई आई थी तो जेठ से मुझे कुछ राते चोदा था। ये बात घर में किसी को नही मालुम है। मेरे पति अरमान को भी नही मालुम है। मुझे याद है की उस दिन घर में सिर्फ जेठ ही मौजूद थे। हम दोनों की आपस में आँखे लड़ गयी। दोनों अपनी अपनी लाइफ के बारे में गुप्त बाते बताने लगे और फिर जेठ ने मुझे कमरे में ले जाकर चोद डाला। आज वो सब धमाल फिर से होने जा रहा था। अरमान काफी खुले स्वभाव के मर्द थे।
    "मानसी!! आज तुम मेरे भाइयों की प्यास बुझा दो। आज इन दोनों को अपनी चूत चोदने को दे दो" पति बोले
    "पर मुझे अगर किसी का लौड़ा कुछ जादा ही पसंद आ गया तो बाद में मैं इन दोनों से चुदवा लुंगी" मैंने कहा
    "मुझे मंजूर है!!" पति बोले
    उसके बाद तीनो मुजसे प्यार करने लगे। आज मैंने गुलाबी साड़ी पहनी थी। धीरे धीरे तीनो ने मेरी साड़ी उतार दी। जेठ ने मेरे पेटीकोट को उपर उठाना शुरू किया तो मेरी गोरी गोरी टाँगे चमकने लगी। जेठ मेरी टांगो को किस करने लगे।
    "ओह्ह मानसी!!! तुम तो मल्लिका शेरावत दिखती हो" जेठ बोले और पेटीकोट को और उपर उठा दिया
    उधर मेरा देवर मुझसे आशिक की तरह चिपक गया। मेरे ब्लाउस पर हाथ लगाने लगा। मुझे होठो पर किस करने लगा। ब्लाउस के उपर से मेरे 36" की गोल गोल फूली छातियों को दबाने लगा। मैं "अई...अई..अई. अहह्ह्ह्हह...सी सी सी सी..हा हा हा." करने लगी। तीसरी तरफ मेरे पति अरमान भी कपड़े उतारने लगे। आज मैं 3 3 मोटे लौड़े से चुदने जा रही थी। सनी ने 15 मिनट तक मेरी रसीली चूचियां ब्लौस के उपर से लपर लपर करके दबा दी। इस दौरान मुझे खूब यौन सुख मिला। उधर जेठ अब मेरी गोल मटोल सफ़ेद दुधियाँ जांघो को हाथ से टच कर रहे थे। बार बार हाथो से नीचे उपर करके मेरी जांघो को सहला रहे थे जिससे कितना मजा मिल रहा था मुझे। बार बार "...ही ही ही..अ अ अ अ .अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह... उ उ उ." कर रही थी। जेठ मेरे सफ़ेद पेट पर चुम्मा देने लगे और काफी किस किया। मेरी नाभि बहुत सेक्सी थी। चूत की तरह गहरी थी। जेठ ने जीभ डाल डाल कर मेरी नाभि चूसी और बड़ा आनन्द मुझे दिया।
    "मानसी!! देखो ये चुदाई वाली बात मेरी बीबी से मत बोलना" जेठ राहुल बोले
    "नही बोलूंगी जेठ जी!! आप परेशान मत हो। निडर होकर आप मुझे चोदिये" मैंने कहा
    उसके बाद जेठ ने मेरे गुलाबी पेटीकोट का नारा खोल दिया और उतार दिया। मैंने खुद ही अपने पैर खोल दिए। आज मैंने लेस वाली नई डिज़ाइन की गुलाबी जालीदार पेंटी पहनी थी। मेरी चूत की दरारे साफ़ साफ़ पारदर्सी पेंटी से दिख रही थी। जेठ हाथ से चूत की सतह टटोलने लगे। उधर देवर सनी ने मेरे ब्लाउस की बटन खोलने शुरू कर दी। अब मेरी ब्रा खोल रहा था। फिर मुझे नंगी करके मेरे 36" के दूध हाथ से बार बार दबाने लगा। मुझे दो तरफ से आनन्द मिलने लगा। जेठ जी पेंटी के उपर से चूत चाटने लगे। देवर जल्दी जल्दी मेरे नंगे दूध दबा देता था। मैं "..अई.अई..अई..अई..इसस्स्स्स्स्स्स्स्...उहह्ह्ह्ह...ओह्ह्ह्हह्ह.." करने लगी। जेठ ने मेरी पेंटी कुछ देर चाटी जल्दी जल्दी जीभ लगाकर। मैं सी सी करने लगी और पुरे बदन में झुरझुरी होने लगी। जेठ बहुत प्यासे दिख रहे थे। जल्दी जल्दी उपर से चाटते रहे जिससे मैं पानी पानी हो गयी। अब जेठ ने मेरी कसी पेंटी को हाथ से उतारना शुरू किया और चिकनी जांघो से होते हुए पेंटी उतार के फेंक दी। मुझे अचानक से बड़ी शर्म लगी तो हाथो से चूत को ढाकने लगी।
    जेठ ने बड़ी फुर्ती से मेरे हाथो को पकड़ लिया और चूत से हटा दिया। अब वो लेट गये और जल्दी जल्दी मेरी चूत किसी प्यासे कुत्ते की तरह चाटने लगे। मैं "..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ..अअअअअ..आहा .हा हा हा" करने लगी। दूसरी तरफ अब मेरा देवर सनी किसी चोदु ठरकी आदमी की तरह जल्दी जल्दी मेरी निपल्स मुंह में लेकर चूसने लगा। मुझे डबल डबल मजा मिल रहा था। अरमान मेरे पति जी मेरे सामने ही खड़े हो गये और जल्दी जल्दी अपना लंड फेटने लगे। उनका लौड़ा 7" का था। वो जल्दी जल्दी फेंट रहे थे। आज 3 3 जवान मर्द मेरे खूबसूरत जिस्म का भोग लगाना चाहते थे। मैं भी अंदर से तीनो से आज एक साथ चुदना चाहती थी। जेठ जी ने 15 मिनट मेरी चूत चाटी जिससे मैं एक बार झड गयी। मेरी चूत से पानी की कई पिचकारी जल्दी जल्दी निकली जो जेठ के मुंह पर जा पड़ी।
    अब वो जल्दी जल्दी उगली मेरे भोसड़े में डालने लगे और अंदर बाहर करने लगे। मैं पागल होकर "ओह्ह माँ..ओह्ह माँ.उ उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ.." करने लगी। "जेठ जी आराम से करिये!! लगती है!!" मैंने कहा। पर उनको कहाँ होश था। जल्दी जल्दी मेरी चूत में 2 उँगलियाँ एक साथ ही ठूस दी और जल्दी जल्दी चूत की अँधेरी गली में ऊँगली अंदर बाहर करने लगे। मैं बिस्तर पर लेटी थी। बार बार अपनी गांड हवा में उपर उठा देती थी। बड़ा अजीब अहसास होता है चूत में ऊँगली करवाने लगा। मजा भी मिलती है और साथ में सजा भी मिलती है। जेठ ने कितने देर तक मेरी चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली की। जीभ लगाकर अब जल्दी जल्दी चाट रहे थे। खूब आनन्द लिया मैंने।
    "मानसी!! अब हम तीनो भाइयों के लौड़े तुम अच्छे से चूस दो" जेठ जी बोले
    "हा हा भाभी!! मुझे तुमसे लंड चुसवाना है। जल्दी चूसो" देवर बोला
    अब मेरे पति राहुल, सनी और अरमान तीनो लाइन से बेड पर लेट गये। सबसे आगे जेठ लेटे थे। मैंने फुर्ती ने उनका 12" का लौड़ा पकड़ लिया और जल्दी जल्दी फेटने लगी।
    "जेठ जी!! आपका हथियार इतना लम्बा कैसे है?? क्या राज है??" मैंने पूछा
    "तेरी जेठानी हर रात इस पर सरसों के गर्म तेल से मालिश करती है। उसी की सेवा का फल है इतना रसीला लंड" जेठ जी बोले
    मैं तो ललचा गयी। जल्दी जल्दी उनके लंड पर हाथ फेरने लगी। कितना शानदार लंड था दोस्तों बिलकुल खीरे की तरह। मैं जेठ की गोलियों को भी हाथ लगाने लगी। वो उ उ उ उ सी सी करने लगे। मैंने फुर्ती से हाथ से फेटना शुरू कर दिया। मैं बैठ कर लंड चूसने लगी। आज तो मेरी लोटरी निकल आई थी। 3 3 मोटे खीरे मुझे चूसने को मिल रहे थे। मैंने जेठ का लंड चूसना शुरू कर दिया। कितना विशाल और ताकतवर लंड था। मैं जल्दी जल्दी चूसने लगी। मुझे भी सेक्स का चस्का लग गया था। अच्छे से फेट दिया। अब देवर सनी के सामने आ गयी।
    वो बेचारा भी मेरा इन्तजार कर रहा था। उसका लंड 10" लम्बा था। मैंने उसे भी मुठ देना शुरू किया और फिर चूसने लगी। फिर अंत में पति का 8" का लंड चूस डाला। अब जेठ ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरी दोनों टांगो को खोल दिया उन्होंने और चूत में लंड डालना शुरू कर दिया। मैं आह आह करने लगी। जेठ के लंड का सुपाडा काफी मोटा था जिससे मेरी चूत की छेद में नही घुस रहा था। पर जेठ तो आज पुरे मूड में थे। धक्का देते रहे और धीरे धीरे मेरी चूत रबर की तरह खुल गयी और लंड अंदर चला गया। मैं "आआआअह्हह्हह...ईईईईईईई..ओह्ह्ह्..अई. .अई..अई...अई..मम्मी..जेठ जी!! प्लीस धीरे धीरे अंदर डालिए!!" बोलने लगी। फिर उनका हथियार पूरा का पूरा 12" अंदर धंस गया और वो मुझे अब जल्दी जल्दी चोदने लगे। उधर मेरे देवर राहुल ने अब मेरे मुंह में लंड डाल दिया और मुझसे चुसाने लगा। अब मैं दो काम एक साथ कर रही थी। चूस भी रही थी और जेठ से चुदवा रही थी। जेठ का लौड़ा 12" से भी जादा लम्बा और 3" मोटा किसी नीग्रो की तरह था। जेठ जल्दी जल्दी मुझे पेल रहे थे जिससे घच घच की आवाजे मेरी चूत से निकल रही थी। मैं "ओहह्ह्ह.ओह्ह्ह्ह.अह्हह्हह.अई..अई. .अई. उ उ उ उ उ." बोलकर गर्म गर्म सिसकियाँ ले रही थी। जेठ बड़े मन से मेरे साथ सम्भोग कर रहे थे।
    "ओह्ह मानसी!! तुम कितनी सेक्सी औरत हो। जवाब नही तुम्हारा" जेठ कह रहे थे और जल्दी जल्दी कमर उठा उठाकर मुझे पेल रहे थे। मेरी चूत बड़ी सेक्सी और गद्देदार थी। जेठ जी का लंड जल्दी जल्दी अंदर बाहर हो रहा था। मेरी चूत से सीटी बज रही थी। जेठ जी बड़े सेक्सी मर्द थे। उनकी दोनों गोलियां अब काफी कड़ी हो गयी थी। उनकी बंदूक मेरी चूत के साथ भीसड युद्ध करने लगी। मैंने खुद को जेठ के हवाले कर दिया। अब मेरे दूध को दोनों हाथो से दबाने लगे और मसल मसल के मजा लेने लगे।
    दोस्तों, मैं कुछ बोल नही पा रही थी क्यूंकि देवर सनी ने अपना लंड मेरे मुंह में दे रखा था। जेठ ने मेरी गद्देदार चूत पर कुछ मिनट तक बैटिंग की। फिर हट गये। अब देवर सनी इस तरफ आ गया। वो लेट गया और मेरी चूत को पागलो की तरह सक (चाटने) करने लगा। मैं आनंद से पागल हुई जा रही थी। सनी ने जीभ लगा लगाकर खूब पस पिया। मैं "..मम्मी.मम्मी...सी सी सी सी.. हा हा हा ...ऊऊऊ ..ऊँ. .ऊँ.ऊँ.उनहूँ उनहूँ.." करती रही क्यूंकि अब मेरे पुरे बदन में वासना की चीटियाँ काट रही थी। दिल कर रहा था की ये सब प्यार, मुहब्बत और सेक्स का खेल अब कभी बंद न हो।
    "सनी!! मेरे देवर!! चूसो और अच्छे से मेरी चूत को चूसो। आज कोई शर्म मत करो!!" मैंने भी किसी रंडी की तरह बकने लगी।
    मैंने सनी के सिर को पकड़ लिया और चूत की तरफ दबाने लगी। वो भी आज अपनी भाभी की अन्तर्वासना को साफ साफ देख रहा था। मेरे पति अरमान अपनी आँखों से मेरी चुदाई देखकर आनन्दित हो रहे थे। वो बार बार मुस्की मार रहे थे। सनी ने बड़ी देर तक चूत चाटी। मेरे चूत के दानो को उसने दांत से काट काटकर जख्मी कर दिया। मेरा तो बुरा हाल था। दोस्तों मेरी चूत के होठ काफे लम्बे लम्बे और बेहद खूबसूरत थे। सनी तो किसी चोदू आदमी की तरह चूत के होठो को चूस रहा था जैसे उसमे शहद भरा था। उसने भी आज फुल मजा ले लिया। अब देवर सनी ने अपने 10" लौड़े को हाथ से जल्दी जल्दी फेटना शुरू कर दिया।
    जब उसका लंड लोहे की तरह सख्त हो गया तो सनी मेरी चूत में लंड घुसाने लगा। मैं फिर से "...उई. .उई..उई...माँ..ओह्ह्ह्ह माँ..अहह्ह्ह्हह."करने लगी। फिर सनी अपने मकसद में कामयाब हो गया। अब उसने मेरी ठुकाई शुरू कर दी। मुझे fuck करने लगा। एक बार फिर से मैं उसके लिए सेक्स का खिलौना बन गयी। सनी मुझ पर लेट गया और मेरे लिप्स को चूसने लगा। मुझे गालो, गले और कान पर किस करने लगा जिससे मुझे बार बार बड़ी झुनझुनी होती थी। सनी ने बड़ा फोरप्ले किया। अब देवर सनी ने मेरे मुंह पर अपना मुंह टिका दिया। मेरे होठ चूस चूसकर मेरा गेम बजा रहा था। मैं भी आनन्दित हो गयी और उसे बाहों में भर लिया और सीने में छुपा लिया।
    दोस्तों सनी ने मेरे लबो को किस करते हुए मुझे 17 मिनट चोदा और झड़ा भी नही। अब मेरे पति अरमान की बारी आई। मैं तो उसकी असली बीबी थी। उन्होंने भी मेरे लब चूस चूस कर किस किया और खूब चोदा। फिर जेठ, देवर और पति ने बारी बारी से मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से मेरी गांड चोद डाली। मैं पूरी रात सिर्फ " हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ..ऊँ-ऊँ.ऊँ सी सी सी सी. हा हा हा.. ओ हो हो.." की करती रही। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पढ़ते रहना। आप स्टोरी को शेयर भी करना।

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