सगी माँ को चोदकर उसकी वासना की आग को शांत किया

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by 007, Jan 9, 2018.

  1. 007

    007 Administrator Staff Member

    //8coins.ru Mother Sex Story : सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं की चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी।

    मेरा नाम अर्पित है। लखनऊ के कुर्सी रोड पर रहता हूँ। मेरे घर में मेरे भाई, बहन और मम्मी है। मैं तो अभी पोलिटेक्निक कर रहा हूँ और मम्मी किराने की दुकान चलाती है। वो बेहद जवान और खूबसूरत है और अच्छी तरह से साडी पहनकर, मेकअप करके और ओंठो पर लिपस्टिक लगाकर वो दुकान में बैठती है। इस वजह से दूकान बहुत चलती है और हमे अच्छा मुनाफा होता है। मम्मी की उम्र 33 है पर देखने में 16 साल की लौंडिया लगती है। उसकी आंखे तो इतनी खूबसूरत है की जब भी कोई मर्द दुकान पर सामान लेने आता है तो मम्मी को लाइन देने लग जाता है। बात करते करते वो जादा सामान खरीद लेता है और हमे अच्छा मुनाफा होता है। इसके अलावा मेरी मम्मी ने सोसाईटी के कई मर्दों को फंसा रखा है और पैसे लेकर उनसे चुदवा लेती है। उनका फिगर 36 30 40 का है। मेरे पापा नही है पर इसके बादजूद भी मम्मी ऐसे मेकअप करती है जैसे कोई सुहागवाली औरत हो।

    मुझे ये बात अच्छे से मालुम है की मम्मी पडोस के शर्मा जी और तिवारी जी से नियमित चुदती है। वो दोनों मर्द रडुआ है और उनकी बीवियां मर चुकी है। इसलिए मम्मी को पटाये हुए है और हर चुदाई पर 1 से 2 हजार रुपया दे देते है। दोस्तों, एक दिन संडे था। मैं दूकान पर बैठा हुआ था। शाम के 8 बजे जब हल्का अँधेरा हो गया शर्मी जी आ गये।

    "बेटा अर्पित!! तुम्हारी मम्मी कहा है???" वो पूछने लगे

    तब तक मम्मी ने जाकर दूसरे साइड का दरवाजा खोल दिया। उस समय मुझे दोनों के चुदाई रिश्ते के बारे में नही पता था। मम्मी मुझे दुकान पर बिठाकर अंदर कमरे में उनको ले गयी। 1 घंटा बीत गया। फिर 2 घंटा बीत गया। अब रात के 10 बज गये थे। दूकान बंद करने का टाइम हो रहा था। मैं थोडा परेशान हो गया और सोचने लगा की आखिर मेरी मम्मी अंकल जी के साथ क्या कर रही है। मैं उठा और उनके बेडरूम में जाने लगा। जैसे ही मैंने हल्का सा दरवाजा खोला जो कुछ देखा उसे देखकर मेरी तो माँ ही चुद गयी।

    मेरे खूबसूरत बदन वाली मम्मी बेड पर कुतिया बनी हुई थी। "ओह्ह माँ..ओह्ह माँ. शर्मा!! बहनचोद!! अच्छे से चोद मेरी गांड को.. उ उ उ उ उ..अअअअअ" मेरी मम्मी बोल रही थी। उसके बाद शर्मा अंकल जल्दी जल्दी अपने 10" लंड से उनकी गांड मारने लगे। अब मैं समझ गया था की आखिर मेरे पापा के न रहने पर मम्मी इतना क्यों मेकप करती है। वो रोज ही नये नये मर्दों से चुदवाती रहती है। दोस्तों धीरे धीरे ऐसा रोज ही होने लगा। कुछ दिनों बाद मम्मी का बर्थडे था। इस बार पडोस वाले तिवारी जी आ गये।

    "कैसी हो पुष्पा (मेरी मम्मी का नाम)?? आज तो गुलाब की तरह खिली हुई लग रही हो!!" तिवारी जो कहने लगे

    वो पुलिस में थे और काफी दबंग आदमी थे। सोसाईटी के सभी मर्द उनसे डरते थे।

    "बस तिवारी जी!! आपकी दुआ है" मम्मी बोली

    वो मम्मी को ऐसे घूर घूरकर देख रहे थे जैसे आज और अभी चोद ही डालेंगे। मम्मी भी आज उसने चुदने के मूड में दिख रही थी। तिवारी जी पूरा 5 किलो का केक मम्मी के लिए लाये थे और उसमे पुष्पा लिखा हुआ था। फिर मम्मी ने केट काटा। तिवारी जी ने एक बड़ा सा पीस उठाकर मम्मी को खिलाया। आज वो काफी मस्त दिख रही थी। साड़ी ब्लाउस में उनके 36" की बड़ी बड़ी रसीली चूचियां दिख रही थी। प्रोग्राम शुरू हो गया। पार्टी में बहुत लोग आये थे। मेहमानों की भीड़ का फायदा उठाकर तिवारी जी वही मेरी मम्मी की चूचियां ब्लाउस के उपर से दबाने लगे। कोई नही देख पाया, पर मैंने देख लिया था। फिर सभी मेहमान खाना खाने लगे। इसी बीच मम्मी अचानक गायब हो गयी। दोस्तों मुझे ये बात समझने में जादा देर नही लगी की वो तिवारी जी के साथ किसी कमरे में होंगी।

    मेरा शक सही निकला। नीचे वाले फ्लोर के एक कमरे में मम्मी तिवारी के साथ रंगरलिया मना रही थी। वो उनका 12" लौड़ा हाथ से पकड़ पर जल्दी जल्दी मुंह में लेकर चूस रही थी। "ओहह्ह्ह.ओह्ह्ह्ह.तिवारी!! तेरा लंड तो बहुत बड़ा है रे!!" मम्मी बोले जा रही थी। फिर कुछ देर बाद तिवारी जी ने मम्मी को खड़े खड़े एक टांग उठाकर चोद लिया। जल्दी जल्दी झटके दे देकर माल चूत में ही गिरा दिया। फिर दोनों जल्दी से कपड़े सही करके पार्टी में मेहमानों के बीच में लौट आये।

    ये सब देखकर मेरे अंदर जलन की बड़ी तीव्र भावना जाग उठी। मेरे पापा तो नही है। पर इधर मेरी माँ रोज पराये मर्दों का मोटा मोटा लंड खाकर मजा लेती है। अब इस रंडी को मैं भी चोदूंगा, मैं उसी वक्त सोच लिया। रात के 12 बजे बर्थडे वाली पार्टी ख़त्म हो गयी। सभी मेहमान चले गये। मेरे भाई बहन छोटे थे इसलिए कमरे में जाकर सो चुके थे। फ्रेंड्स, अब मेरा मौसम बन गया था। अपनी माँ के गुदाज गोरे जिस्म को भोगने और पेलने- खाने को मेरा दिल कह रहा था।

    उस वक्त मेरी उम्र 21 साल थी। अब मुझे भी चूत की तलब होने लगी थी। मेरा भी लंड अब 9" हो गया था और खड़ा होकर काफी सेक्सी दीखता था। मैंने एक एक करके अपना शर्ट पेंट उतार दिया। फिर मैंने अपना कच्छा भी उतार दिया। फिर मम्मी के कमरे में जाने लगा। अंदर गया तो वो कपड़े बदल रही थी। मैंने उसका हाथ पकड़ लिया। मम्मी जी लाल रंग का ब्लाउस और पेटीकोट में मेरे सामने खड़ी थी। मुझे पूरी तरह से नग्न देखकर वो चौंक गये।

    "अरे बेटा अर्पित!! तूने कपड़े क्यों उतार दिए??? ये सब क्या है??" मम्मी कहने लगी और मेरे बड़े से 9" लंड की ओर देखने लगी।

    "देखो मम्मी!! जादा नाटक करने की जरूरत नही है!! तुम किस्से किस्से चुदती हो मुझे सब मालुम है" मैं बोला और उनके हाथ को पकड़ लिया। फिर उनको सीने से चिपका लिया। शुरू शुरू में वो पतिवृता स्त्री बनने का नाटक करती रही। पर फिर मान गयी। मैंने कमरे का दरवाजा अंदर से लोक कर दिया। अब मम्मी भी मेरे गले लग गयी और मुझे प्यार करने लगी। फ्रेंड्स, कसे ब्लाउस में उनके बड़े बड़े दूध तो किसी का कत्ल कर सकते थे। मैं अपनी सगी मम्मी के दूध पर हाथ लगाने लगा और हल्का हल्का दबाने लगा।

    "ओह्ह अर्पित बेटा!! कितना मस्त दबाता है तू!! अह्हह्हह.अई..अई. .अई.करो करो और दबाओ मेरे दूधो को!!" वो कहने लगी

    मैंने अपनी मजबूत भुजाओं में उनको जकड़ लिया और वो मुझसे ऐसे लिपट गयी जैसे शर्मा जी और गुप्ता जी से चिपक जाती थी। मैंने उनके लबो पर अपने लब रख दिए। फिर खूब चूसा अपनी सगी मम्मी को। वो भी गर्म हो गयी। मैंने उनकी ठुड्डी पर हाथ रखकर चेहरे को उपर उठाया। गोल चेहरे वाली, बड़ी बड़ी आँखों वाली, भरे हुए गालो पर मम्मी किसी नई दुलहन के जैसे मुझे दिख रही थी। फ्रेंड्स, इसमें मेरी कोई गलती नही है क्यूंकि वो है ही इतनी माल की अच्छे अच्छे मर्द फिसल जाए। 10 मिनट तक उनको चूसता रहा। फिर अलग हुआ

    "मम्मी! सच कहूँ तो तुमको चोदने का मन कई सालो से था!!" मैंने कहा

    "अई..अई. .अई. उ उ उ उ उ.बेटा!! मैं भी तुमसे चुदना चाहती थी!!" मम्मी जी बोली

    उसके बाद मैं फिर से खड़े खड़े ही उनके लब चूसने लगा। मम्मी की डार्क रेड लिपस्टिक को मैंने चूस चूस कर छुड़ा दिया। फिर खड़े खड़े ही ब्लाउस के उपर हाथ रखकर जोर जोर से दबाने लगा। वो आआआअह्हह्हह...ईईईईईईई..ओह्ह्ह्..अई. .अई..अई...करने लगी। खड़े खड़े ही वो अपना ब्लाउस खोलने लगी। फिर ब्रा भी उतार दी। मुझे अपनी मम्मी के खूबसूरत जिस्म का दर्शन हुआ। अंदर से बिलकुल मलाई जैसी गोरी चिकनी थी। किसी हीरोइन जैसी दिखती थी और चूचियां 36" की बड़ी कसी कसी थी जैसे मॉडल्स ही होती है।

    मैं सब कुछ भूल कर, रिश्ते नातो की मर्यादा भूलकर चुदासा और आसक्त हो गया और मम्मी को पकड़कर अपने सीने से लगा लिया। फिर हम दोनों के बदन में कामाग्नि जल उठी। हम दोनों एक दूसरे को जल्दी जल्दी सब जगह चुम्मा देने लगे। मेरी सगी मम्मी आज मेरी गर्लफ्रेंड बन गयी थी। मैं उनके गाल, गले, दूध पर किस कर रहा था। वो भी मेरे भरे हुए सीने पर चुम्बन कर रही थी। फिर मैंने उनको खड़े खड़े ही सीने से चिपका लिया। उसकी 36" की बेहद खूबसूरत गोरी चिकनी चूचियां मेरे सीने पर गड़ रही थी और बेहद कमाल का गुदगुदा अहसास दे रही थी। मम्मी को चिकनी पीठ पर मेरे दोनों हाथ उपर नीचे लहरा रहे थे। ओह्ह क्या मस्त चिकनी पीठ थी दोस्तों।

    "चलो मम्मी!! बिस्तर पर चलकर तुम्हारे दूध चूसता हूँ" मैंने कहा

    "चलो बेटा!!" वो बोली

    फिर हम दोनों ही बिस्तर पर चले गये। मैंने उनके उपर आ गया और गले को किस करने लगा। फिर दोनों हाथो से उनकी 36" की भरी भरी चूचियां दबाने लगा।

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    "चूस अर्पित बेटा!! चूस इनको!! ...सी सी सी सी.. हा हा हा ... वो कहने लगी

    मैं दोनों बूब्स को हाथ से दबाते दबाते मुंह में लेकर चूसने लगा। मुझे मेरा बचपन याद आ गया जब मैं छोटा था और रोज उनके दूध पीता था। आज फिर से वो सब मजा आने लगा। मैं मुंह में लेकर अपनी चुदासी रंडी मिजाज माँ के दूध चूस रहा था। मुंह चला चलाकर रस ले रहा था। मम्मी का बुरा हाल बना दिया था। वो लगातार ...ऊऊऊ ..ऊँ. .ऊँ.ऊँ.उनहूँ उनहूँ.." बोले जा रही थी। फ्रेंड्स, मेरी मम्मी की चूचियां काफी कसी हुई थी इसलिए हाथो से मसलने में और मुंह में चूसने में कुछ जादा मजा आ रहा था। इस तरह से हम माँ बेटे आपस में अब चुदाई करने जा रहे थे। उनके दूध वैसे तो सफ़ेद थे पर निपल्स के चारो ओर बड़े बड़े काले गोले थे जो उनको और अधिक सेक्सी माल बना रहे थे। मैंने दबा दबाकर उनकी दोनों निपल्स को चूस लिया।

    ""आहहहहह..मेरे लंड के राजा!! ई ई ई.. सी सी सी और चोदो..मेरी कमसिन चूत को बेटा!!" मम्मी किसी रंडी की तरह बोली

    मैं अब उसके पेट पर हाथ घुमाने लगा। फिर प्यार से किस करने लगा। नीचे बढ़ गया। सामने मम्मी की खूबसूरत नाभि थी जिसमे उन्होंने रिंग पहनी हुई थी। मैं रिंग देखकर चौक गया।

    "मम्मी ये रिंग कहाँ से आयी??" मैंने उसपर किस करते हुए पूछा

    "बेटा याद है कुछ दिन पहले तिवारी जी मुझे अपनी कार में बिठाकर घुमाने ले गये थे। तभी उन्होंने एक पार्लर में जाकर मुझे नाभि में रिंग लगवाई थी और अपने दूसरे वाले घर पर जाकर चोदा था" वो बोली

    ये सुनते ही मैं एक बार फिर से जल भुन गया। फिर नभी में जीभ डाल डालकर चाटने लगा। फिर उनका पेटीकोट उतार दिया। उनकी पेंटी चूत के रस से तर हो गयी थी। उसे भी मैंने निकाल दिया। मम्मी ने दोनों पैर खोल दिए। मुझे आखिर उस चूत को देखने का मौका मिला जिससे मेरा जन्म हुआ था। सच में फ्रेंड्स, मेरी माँ की चूत आज भी बड़ी खूबसूरत थी। मैं जल्दी जल्दी चाटने लगा। वो "हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ..ऊँ-ऊँ.ऊँ सी सी सी. हा हा.. ओ हो हो.."करने लगी। मैं भी हवस में आकर अच्छे से जीभ लगा लगाकर चाट रहा था। मम्मी के चूत के होठ काफी बड़े बड़े थे और कमल के फूल की तरफ खिले हुए थे। मैं जीभ लगा लगाकर उनके कमल के फूल को चाटने लगा। ऐसा करने से उनको बड़ा आनन्द आ रहा था।

    "ओह्ह अर्पित बेटा!! तू बहुत मस्त चूत चुसाई करता है रे!! ... ऊँ.ऊँ.ऊँ.." वो कहने लगी

    मैं बिना रुके जल्दी जल्दी मम्मी का भोसड़ा चाट रहा था। मुंह लगाकर उसका रस पी रहा था। धीरे धीरे रस अंदर से और जादा निकलने लगा। मैं सब चाट गया। फिर मैंने अपना 9" का लौड़ा जल्दी जल्दी मुठ देकर खड़ा किया और उनके भोसड़े में घुसा दिया। फिर जल्दी जल्दी उनका गेम बजाने लगा।

    ""चोदो जैसे चाहो चोदो, मसल दो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत प्लीज्ज ज़्ज ज़्ज़ अर्पित बेटा" मम्मी कहने लगी। उसकी जोशीली सेक्सी बाते सुनकर मुझे बड़ा नशा चढ़ गया और मैं जल्दी जल्दी उसकी खूबसूरत कमर को पकड़कर चूत में गपागप धक्के लगाने लगा। दोस्तों, मैं भले ही 21 साल का था पर मेरा लौड़ा इतना बड़ा हो गया था की अपनी 33 साल की छिनरी माँ को चोद सकूं। मैं उनकी बुर की तरफ देख देखकर धक्के पर धक्के लगाये जा रहा था। मम्मी तो "आऊ...आऊ..हमममम अहह्ह्ह्हह.सी सी सी सी..हा हा हा.."की सेक्सी आवाजे निकाल रही थी जैसे उन्होंने कोई कड़वी मिर्च खा ली हो। उनकी गद्दीदार चूत में धक्के मारने का अपना सुख था। वो मेरे सामने पूरी नंगी होकर बेड पर पसरी हुई थी। अपने दोनों पैर उन्होंने किसी झंडे की तरह खुद ही उठा रखे थे और मजा लेकर मुझसे चूत चुदवा रही थी। ऐसे में हम दोनों को परमसुख मिल रहा था।

    "चोद बेटा!! और चोद मुझे अई...अई..अई." वो कह रही थी

    मैं भी उनकी हर इक्षा को पूरा कर रहा था। फिर धक्के देते देते मेरा बदन कमजोर हो गया। फिर चूत में अपना माल मैंने छोड़ दिया और आह आह की आवाज देते हुए स्खलित हो गया। फिर मम्मी ने मुझे अपने उपर ही लिटा लिया और ऐसे चिपक गयी जैसी हम दोनों माँ बेटे नही हसबैंड वाइफ हूँ।

    "वाह बेटा!! तूने तो मजा दे दिया" मम्मी बोली

    उसके बाद हम दोनों फिर से ओंठो पर किस करने लगे। कुछ देर बाद जब मेरी आँखे खुली तो देखा की मम्मी बैठी हुई थी और मेरे लंड को मुंह में लेकर जल्दी जल्दी किसी आइसक्रीम की तरह चूस रही थी।

    "...इसस्स्स्स्... अच्छे से चूसो मम्मी!" मैंने कहा

    उसके बाद वो दिल लगाकर जल्दी जल्दी मेरे 9" लंड को चूसने लगी। मुझे बड़ा आनन्द आ रहा था। वैसे भी दोस्तों किसी भी औरत के मुंह से लंड चुसाई करवाने का अपना अलग आनन्द होता है। वो अपने हाथ से मेरा लंड पकड़कर जल्दी जल्दी मुठ दे रही थी और दुसरे बार की चुदाई के लिए उसे रेडी कर रही थी। कुछ मिनट बाद मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा था।

    "बेटा!! मेरी गांड में बड़ी खुजली हो रही है। जल्दी से मेरी गांड मार दो अर्पित बेटा!!" वो कहने लगी

    फिर खुद ही घोड़ी बन गयी। मुज पर सेक्स का भूत एक बार फिर से हावी हो गया। मैं मुंह लगाकर उसकी गांड को चाटने लगा। जीभ लगा लगाकर उनको मजा दे रहा था। फिर धीरे धीरे गांड पर लंड का सुपारा रखकर घुसाने लगा। काफी कसी गांड थी दोस्तों। उसके बाद मजे मजे गांड fuck करने लगा। मम्मी "..अई.अई..अई...इसस्स्स्स्...उहह्ह्ह्ह...ओह्ह्ह्हह्ह.."की सेक्सी आवाजे निकालकर सिसकने लगी। मैं उनके 40" के चूतड़ पर हाथ लगा लगाकर उनकी गांड मार रहा था। वो किसी सीधी गाय की तरह घोड़ी बनी हुई थी। मैंने खूब गांड चोदी अपनी सगी मम्मी की, फिर गोल मटोल पुट्ठो पर लंड पकड़कर मुठ देने लगा। और फिर माल झार दिया। अब मेरी मम्मी पडोस वाले शर्मा जी और तिवारी जी से नही चुदाती है। हर रात मुझसे ही अपने दोनों छेद चुदवाती है। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पढ़ते रहना। आप स्टोरी को शेयर भी करना।

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